सिवाना (बाड़मेर). जिले के समदड़ी क्षेत्र में करीब एक दर्जन से अधिक गांव से निकलने वाली लूणी नदी के अंदर से रास्ते बना रखे हैं. इन रास्तों के जरिए माफिया ट्रैक्टरों से भरकर बजरी का परिवहन करते है. वहीं दूरदराज के इलाकों के लिए मुंह मांगी रकम के जरिए भारी भरकम डंपरों से अवैध बजरी खनन काम धड़ल्ले से किया जा रहा है. लूणी नदी क्षेत्र के शुरुआती छोर से अंतिम छोर तक खनन माफियाओं ने अपना डेरा जमा रखा, ऐसे में अगर ग्रामीण प्रशासन या आला अधिकारियों तक शिकायत करता है, तो इसकी सूचना खनन माफियाओं तक पहले ही पहुंच जाती है.
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यहां तक कि अब तक कई ऐसे मामले सामने भी आ चुके है. जिसमें शिकायतकर्ता या सूचना देने वाले लोगों को खनन माफियाओं द्वारा मारपीट और डराने धमकाने का काम किया गया हो. जिसके बाद अब लोग इन खनन माफियाओं से खौफ में है. वही जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका होने के कारण ग्रामीण आगे आने से डरते हैं. एकमात्र समदड़ी क्षेत्र में धुंधाड़ा, रामपुरा, गोदो का बाड़ा, मजल, कोटडी, रानी देशीपुरा, समदड़ी, जेठन्तरी, अजीत, सिलोर, कुंपावास, कीटनोद गांव की सरहद व लूणी नदी से सटे गांव से सैकड़ों की तादात में बजरी से भरे डंपर, ट्रेक्टर निकलते हुए देखे जा सकते हैं.
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वहीं लंबे समय से चल रहे लूणी नदी अवैध खनन को लेकर रातड़ी गांव के उप सरपंच गोपाल सिंह ने बताया की किसानों के कुएं व कृषि क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन से कृषि भूमि भी खराब हो रही है. इस पर प्रशासन से अवैध खनन पर लगाम लगाने को लेकर मांग की, लेकिन अभी तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. किसानों की माने तो अवैध बजरी खनन के दौरान खनन माफिया 2-2 किलोमीटर से अधिक दूरी पर 20-22 फीट गहरे गड्ढे बनाकर बजरी का परिवहन करते है. इस दौरान गहरे गड्ढों में लूणी नदी में जब पानी आता हैं तो रसायनिक युक्त कास्टिक का पानी सबसे पहले इन गड्ढों में भर जाता है. रसायन युक्त पानी के रिसाव के जरिए कुआं व ट्यूबेल में पहुंच जाता है वहीं इस बार रसायन पानी की वजह से किसानों को भारी नुकसान भी हुआ है. जिस तरह से किसानों के लिए बंपर पैदावार हुआ करती थी, इस पानी की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. साथ ही किसानों ने बताया कि अवैध बजरी खनन माफियाओं द्वारा योजनाबद्ध तरीके से खनन किया जाता है, वहीं इसकी सूचना देने पर डराया धमकाया भी जाता है.
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इधर, सेवादल के संगठन मंत्री हुकम सिंह अजीत ने बताया कि खनन से जुड़े सरकारी महकमे के जिला मुख्यालयों पर कार्यालय होने की वजह से खनन माफियाओं पर समय पर कार्रवाई नहीं होती है. बजरी खनन माफियाओं द्वारा गैंग बनाकर ज्यादा से ज्यादा अवैध खनन करवाने के लिए युवाओं को धकेला जा रहा है. वहीं उन्होंने बताया कि अवैध खनन करने वालों के खिलाफ किसी भी अधिकारी द्वारा कोई कार्रवाई की जाती है, तो खनन माफियाओं को तुरंत इसकी भनक लग जाती है. जिससे उनके ऊपर कठोर कार्रवाई नहीं हो पाती.
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समदड़ी तहसीलदार राकेश जैन ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा अवैध खनन रोकने के दिशा निर्देशानुसार पर जिला कलेक्टर के आदेश से अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिये खनिज विभाग, पुलिस विभाग, वन विभाग, राजस्व विभाग, को मिलाकर संयुक्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. अवैध खनन की शिकायत मिलने पर खनन खनिज विभाग व पुलिस को सूचना दी जाती है. जिससे उन पर कार्रवाई की जाती है. अवैध खनन की शिकायत पर सरकारी तंत्र द्वारा खनन माफिया के खिलाफ इक्की-दुक्की कार्रवाई कर इतिश्री कर दी जाती है. क्षेत्र के खनन माफियाओं पर कठोर कार्रवाई नहीं होने पर उनके हौसले बुलंद हैं. जिसके चलते व रात्रि के समय भी अवैध खनन का कार्य करते नजर आते है.