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हिस्ट्रीशीटर टीचर का बड़ा खुलासा : मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के बेटे-बहू का नाम भी था लिस्ट में..सौदे के कागजात खंगाल रही डूंगरपुर पुलिस - barmer history sheeter teacher

सरकारी टीचर भंवरलाल जाट हिस्ट्रीशीटर रहा है. बाड़मेर जिले के अलग-अलग थानों में आरोपी भंवरलाल खिलाफ चोरी, मारपीट, अवैध वसूली और आगजनी के 24 मामले दर्ज हैं. वर्ष 2004 व 2005 में शिक्षक को सजा भी हो चुकी है. सवाल ये कि 2008 में वह सरकारी टीचर बन कैसे गया. रीट एग्जाम में भी भंवरलाल मोटी रकम लेकर डमी कैंडीडेट बैठाने की तैयारी कर रहा था.

REET एग्जाम से पहले बड़ा 'धमाका'
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Published : Sep 24, 2021, 5:06 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 10:27 PM IST

डूंगरपुर/बाड़मेर. जिले की धम्बोला थाना पुलिस ने पीठ कस्बे से कल 12 लाख कैश के साथ सरकारी टीचर भंवरलाल जाट को गिरफ्तार किया था. इस मामले में डूंगरपुर एसपी सुधीर जोशी और एसओजी एएसपी स्वाति शर्मा धम्बोला थाना पहुंचे.आरोपी टीचर से एसपी और एसओजी एएसपी ने पूछताछ की है. पूछताछ में टीचर के बयानात और रिकॉर्ड से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

साथ ही अब तक हुई पूछताछ का सीमलवाड़ा डिप्टी रामेश्वर चौहान से अपडेट भी लिया गया है. एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट ने पूछताछ में बड़े खुलासे किये हैं. आरोपी टीचर के पास से एक डायरी भी बरामद की गई है. जिससे यह जानकारी निकल कर सामने आ रही है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी कैंडीडेट बैठाने का सिलसिला 2015 से ही किया जा रहा था.

रीट परीक्षा को लेकर बड़े खुलासे

डायरी में फर्जीवाड़े का पूरा कच्चा चिट्ठा है. कब-कब और कौन-कौन सी प्रतियोगी परीक्षाओं में कितने फर्जी अभ्यर्थी बैठाए हैं, इसका ब्यौरा और लेन-देन का पूरा हिसाब मिला है. एसपी ने बताया कि आरोपी शिक्षक से पूछताछ में उसके 2 और साथियों के नाम सामने आये हैं. इसमें से एक बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना का शिक्षक भंवरलाल विश्नोई है, जबकि दूसरा कोटा में एक कोचिंग संस्थान चलाने वाला लादूराम है. तीनों मिलकर मोटी रकम लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जी अभ्यर्थी बैठाया करते थे.

सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में बैठाए थे 3 फर्जी अभ्यर्थी

पुलिस की पूछताछ में आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट ने हाल ही में हुई सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में डूंगरपुर जिले के 3 अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उनके बदले फर्जी अभ्यर्थियों से परीक्षा दिलवाई थी. जिसमे डूंगरपुर जिला जेल का प्रहरी मुकेश अहारी भी शामिल है. इधर शिक्षक भंवरलाल के पकड़ में आने के बाद तीनों ही अभ्यर्थी फरार चल रहे हैं.

पढ़ें- REET Exam: शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा बोले- निजी बसों में भी मुफ्त यात्रा करेंगे अभ्यर्थी, टोल फ्री गुजरेंगी अभ्यर्थियों को ले जाने वाली बसें

आरोपी पर 24 मामले दर्ज, हिस्ट्रीशीटर रहा

आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट से पुलिस पूछताछ में एक और बड़ा खुलासा हुआ जिसने सरकारी सिस्टम पर भी सवाल खड़े किये हैं. पूछताछ में सामने आया कि आरोपी शिक्षक शिक्षक बनने से पहले बाड़मेर पुलिस का हिस्ट्रीशीटर रहा है. बाड़मेर जिले के अलग-अलग थानों में आरोपी भंवरलाल जाट के खिलाफ चोरी, मारपीट, अवैध वसूली और आगजनी के 24 मामले दर्ज हैं, जिसमें से दो मामलों में वर्ष 2004 व 2005 में शिक्षक को सजा भी हो चुकी है.

एक मामला वर्ष 2020 में डूंगरपुर जिले के चितरी थाने में भी दर्ज है. पूरे मामले में सरकारी सिस्टम पर भी बड़ा सवाल खड़ा हुआ है, जब आरोपी हिस्ट्रीशीटर था और उसे 2004, 2005 में सजा भी हो चुकी थी तो वर्ष 2008 में वह सरकारी शिक्षक कैसे बन गया. हालांकि इस मामले की भी पुलिस जांच कर रही है.

पूछताछ के बाद 4 परीक्षार्थी गिरफ्तार

रीट भर्ती परीक्षा से पहले फर्जीवाड़े के खुलासे में डूंगरपुर पुलिस ने 4 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिनके एवज में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने वाले थे. परीक्षार्थियों ने रीट परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के लिए आरोपी शिक्षक भंवरलाल से सांठगांठ कर 8 से 12 लाख रुपये में सौदा किया था. गिरफ्तार परीक्षार्थियों में किसी के पिता रिटायर शिक्षक हैं तो किसी के कृषि पर्यवेक्षक. तो किसी के सरकारी नौकर रिश्तेदार ने राशि दी थी. चारों परीक्षार्थियों के नाम का खुलासा भंवरलाल ने ही किया था.

मंडेला निवासी सोहनलाल बामणिया ने रीट परीक्षा के लिए 3 आवेदन भरे थे. परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के एवज में 12 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था और 3 लाख रुपये एडवांस में दे दिए थे. बावड़ी निवासी आरोपी शिवराज डामोर से 10 लाख रुपये का चेक लिया था, जो बैंक से क्लियर भी हो गया. नवाघरा निवासी मनोज खराड़ी को रीट परीक्षा पास करवाने की एवज में 2 हस्ताक्षर शुदा खाली चेक लिए थे. यह चेक मनोज के ताऊ सेवानिवृत्त शिक्षक गोपालकृष्ण खराड़ी ने दिए थे. जबकि मनोज के पिता कमलाशंकर खराड़ी मजदूर हैं.

REET एग्जाम से पहले बड़ा 'धमाका'
आरोपी टीचर भंवरलाल

इसके अलावा पंचकुंडी निवासी सूरजमल राणा को कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा पास करवाने के एवज में 5 लाख रुपये लिये. यह राशि सूरजमल के पिता कृषि पर्यवेक्षक लक्ष्मीलाल राणा ने दिए थे. कृषि पर्यवेक्षक की परीक्षा हो चुकी है, जबकि परिणाम आना बाकी है. पुलिस ने अभ्यर्थी सोहनलाल, सूरजमल, शिवराज व मनोज को गिरफ्तार कर लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. इनकी एवज में फर्जी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की तलाश की जा रही है.

मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के बेटे-बहू के भी नाम

रीट परीक्षा की मुख्य जिम्मेदारी भी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मणिलाल छगन की है. जबकि रीट परीक्षा से पहले हुए फर्जीवाड़े के खुलासे में गिरफ्तार आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट के पास से मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के बेटे महेंद्र कुमार का आवेदन पत्र भी मिला है. सुषमा कुमारी का आवेदन भी मिला है. पुलिस ने दोनों को थाने बुलाकर पूछताछ की, लेकिन परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने को लेकर उनके लेनदेन को लेकर कोई रिकॉर्ड अब तक पुलिस को नहीं मिला है, जिस पर पुलिस लगातार छानबीन में जुटी है.

पहले पेपर जुटाने का प्रयास, फिर फर्जी परीक्षार्थी बैठाते

एसपी ने बताया कि आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट के साथ ही उनके साथी भंवरलाल विश्नोई व राजेन्द्र उर्फ लादूराम तीनों मिलकर फर्जीवाड़े का खेल करते थे. इसमे आरोपी राजेन्द्र परीक्षा को लेकर पहले सांठगांठ कर परीक्षा केंद्र से पेपर निकालने की कोशिश करता. उसमें सफल नहीं होने पर ब्लू टूथ या फिर फर्जी परीक्षार्थी बैठाकर परीक्षा दिलाने का प्रयास करते थे. फिलहाल पुलिस सहयोगी भंवरलाल विश्नोई व राजेन्द्र उर्फ लादूराम की तलाश कर रही है.

बाड़मेर में ई-मित्र शॉप पर कार्रवाई

बाड़मेर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि डूंगरपुर पुलिस से सूचना मिली थी भंवरलाल रीट परीक्षा के अभ्यर्थियों के दस्तावेज के साथ पकड़ा गया है. पूछताछ में भंवरलाल ने बताया था कि उसने बाड़मेर में हरीश के ई-मित्र केंद्र से फर्जी दस्तावेज बनवाए थे. डूंगरपुर पुलिस की सूचना पर गिड़ा थाना पुलिस ने हरीश को गिरफ्तार किया. हरीश की ई-मित्र दुकान और निवास स्थान की तलाशी ली गई. ई-मित्र केंद्र से आधार कार्ड, जनआधार कार्ड बरामद किये गये हैं. इस सम्बन्ध में अलग से जांच की जा रही है. आरोपी हरीश को बाड़मेर पुलिस डूंगरपुर लेकर जा रही है.

डूंगरपुर/बाड़मेर. जिले की धम्बोला थाना पुलिस ने पीठ कस्बे से कल 12 लाख कैश के साथ सरकारी टीचर भंवरलाल जाट को गिरफ्तार किया था. इस मामले में डूंगरपुर एसपी सुधीर जोशी और एसओजी एएसपी स्वाति शर्मा धम्बोला थाना पहुंचे.आरोपी टीचर से एसपी और एसओजी एएसपी ने पूछताछ की है. पूछताछ में टीचर के बयानात और रिकॉर्ड से चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.

साथ ही अब तक हुई पूछताछ का सीमलवाड़ा डिप्टी रामेश्वर चौहान से अपडेट भी लिया गया है. एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट ने पूछताछ में बड़े खुलासे किये हैं. आरोपी टीचर के पास से एक डायरी भी बरामद की गई है. जिससे यह जानकारी निकल कर सामने आ रही है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में डमी कैंडीडेट बैठाने का सिलसिला 2015 से ही किया जा रहा था.

रीट परीक्षा को लेकर बड़े खुलासे

डायरी में फर्जीवाड़े का पूरा कच्चा चिट्ठा है. कब-कब और कौन-कौन सी प्रतियोगी परीक्षाओं में कितने फर्जी अभ्यर्थी बैठाए हैं, इसका ब्यौरा और लेन-देन का पूरा हिसाब मिला है. एसपी ने बताया कि आरोपी शिक्षक से पूछताछ में उसके 2 और साथियों के नाम सामने आये हैं. इसमें से एक बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना का शिक्षक भंवरलाल विश्नोई है, जबकि दूसरा कोटा में एक कोचिंग संस्थान चलाने वाला लादूराम है. तीनों मिलकर मोटी रकम लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जी अभ्यर्थी बैठाया करते थे.

सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में बैठाए थे 3 फर्जी अभ्यर्थी

पुलिस की पूछताछ में आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट ने हाल ही में हुई सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में डूंगरपुर जिले के 3 अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उनके बदले फर्जी अभ्यर्थियों से परीक्षा दिलवाई थी. जिसमे डूंगरपुर जिला जेल का प्रहरी मुकेश अहारी भी शामिल है. इधर शिक्षक भंवरलाल के पकड़ में आने के बाद तीनों ही अभ्यर्थी फरार चल रहे हैं.

पढ़ें- REET Exam: शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा बोले- निजी बसों में भी मुफ्त यात्रा करेंगे अभ्यर्थी, टोल फ्री गुजरेंगी अभ्यर्थियों को ले जाने वाली बसें

आरोपी पर 24 मामले दर्ज, हिस्ट्रीशीटर रहा

आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट से पुलिस पूछताछ में एक और बड़ा खुलासा हुआ जिसने सरकारी सिस्टम पर भी सवाल खड़े किये हैं. पूछताछ में सामने आया कि आरोपी शिक्षक शिक्षक बनने से पहले बाड़मेर पुलिस का हिस्ट्रीशीटर रहा है. बाड़मेर जिले के अलग-अलग थानों में आरोपी भंवरलाल जाट के खिलाफ चोरी, मारपीट, अवैध वसूली और आगजनी के 24 मामले दर्ज हैं, जिसमें से दो मामलों में वर्ष 2004 व 2005 में शिक्षक को सजा भी हो चुकी है.

एक मामला वर्ष 2020 में डूंगरपुर जिले के चितरी थाने में भी दर्ज है. पूरे मामले में सरकारी सिस्टम पर भी बड़ा सवाल खड़ा हुआ है, जब आरोपी हिस्ट्रीशीटर था और उसे 2004, 2005 में सजा भी हो चुकी थी तो वर्ष 2008 में वह सरकारी शिक्षक कैसे बन गया. हालांकि इस मामले की भी पुलिस जांच कर रही है.

पूछताछ के बाद 4 परीक्षार्थी गिरफ्तार

रीट भर्ती परीक्षा से पहले फर्जीवाड़े के खुलासे में डूंगरपुर पुलिस ने 4 परीक्षार्थियों को गिरफ्तार कर लिया है. जिनके एवज में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने वाले थे. परीक्षार्थियों ने रीट परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के लिए आरोपी शिक्षक भंवरलाल से सांठगांठ कर 8 से 12 लाख रुपये में सौदा किया था. गिरफ्तार परीक्षार्थियों में किसी के पिता रिटायर शिक्षक हैं तो किसी के कृषि पर्यवेक्षक. तो किसी के सरकारी नौकर रिश्तेदार ने राशि दी थी. चारों परीक्षार्थियों के नाम का खुलासा भंवरलाल ने ही किया था.

मंडेला निवासी सोहनलाल बामणिया ने रीट परीक्षा के लिए 3 आवेदन भरे थे. परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने के एवज में 12 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था और 3 लाख रुपये एडवांस में दे दिए थे. बावड़ी निवासी आरोपी शिवराज डामोर से 10 लाख रुपये का चेक लिया था, जो बैंक से क्लियर भी हो गया. नवाघरा निवासी मनोज खराड़ी को रीट परीक्षा पास करवाने की एवज में 2 हस्ताक्षर शुदा खाली चेक लिए थे. यह चेक मनोज के ताऊ सेवानिवृत्त शिक्षक गोपालकृष्ण खराड़ी ने दिए थे. जबकि मनोज के पिता कमलाशंकर खराड़ी मजदूर हैं.

REET एग्जाम से पहले बड़ा 'धमाका'
आरोपी टीचर भंवरलाल

इसके अलावा पंचकुंडी निवासी सूरजमल राणा को कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा पास करवाने के एवज में 5 लाख रुपये लिये. यह राशि सूरजमल के पिता कृषि पर्यवेक्षक लक्ष्मीलाल राणा ने दिए थे. कृषि पर्यवेक्षक की परीक्षा हो चुकी है, जबकि परिणाम आना बाकी है. पुलिस ने अभ्यर्थी सोहनलाल, सूरजमल, शिवराज व मनोज को गिरफ्तार कर लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. इनकी एवज में फर्जी परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों की तलाश की जा रही है.

मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के बेटे-बहू के भी नाम

रीट परीक्षा की मुख्य जिम्मेदारी भी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मणिलाल छगन की है. जबकि रीट परीक्षा से पहले हुए फर्जीवाड़े के खुलासे में गिरफ्तार आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट के पास से मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के बेटे महेंद्र कुमार का आवेदन पत्र भी मिला है. सुषमा कुमारी का आवेदन भी मिला है. पुलिस ने दोनों को थाने बुलाकर पूछताछ की, लेकिन परीक्षा में फर्जी परीक्षार्थी बैठाने को लेकर उनके लेनदेन को लेकर कोई रिकॉर्ड अब तक पुलिस को नहीं मिला है, जिस पर पुलिस लगातार छानबीन में जुटी है.

पहले पेपर जुटाने का प्रयास, फिर फर्जी परीक्षार्थी बैठाते

एसपी ने बताया कि आरोपी शिक्षक भंवरलाल जाट के साथ ही उनके साथी भंवरलाल विश्नोई व राजेन्द्र उर्फ लादूराम तीनों मिलकर फर्जीवाड़े का खेल करते थे. इसमे आरोपी राजेन्द्र परीक्षा को लेकर पहले सांठगांठ कर परीक्षा केंद्र से पेपर निकालने की कोशिश करता. उसमें सफल नहीं होने पर ब्लू टूथ या फिर फर्जी परीक्षार्थी बैठाकर परीक्षा दिलाने का प्रयास करते थे. फिलहाल पुलिस सहयोगी भंवरलाल विश्नोई व राजेन्द्र उर्फ लादूराम की तलाश कर रही है.

बाड़मेर में ई-मित्र शॉप पर कार्रवाई

बाड़मेर पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि डूंगरपुर पुलिस से सूचना मिली थी भंवरलाल रीट परीक्षा के अभ्यर्थियों के दस्तावेज के साथ पकड़ा गया है. पूछताछ में भंवरलाल ने बताया था कि उसने बाड़मेर में हरीश के ई-मित्र केंद्र से फर्जी दस्तावेज बनवाए थे. डूंगरपुर पुलिस की सूचना पर गिड़ा थाना पुलिस ने हरीश को गिरफ्तार किया. हरीश की ई-मित्र दुकान और निवास स्थान की तलाशी ली गई. ई-मित्र केंद्र से आधार कार्ड, जनआधार कार्ड बरामद किये गये हैं. इस सम्बन्ध में अलग से जांच की जा रही है. आरोपी हरीश को बाड़मेर पुलिस डूंगरपुर लेकर जा रही है.

Last Updated : Sep 24, 2021, 10:27 PM IST
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