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बाड़मेर: टिड्डियों पर 'एयर स्ट्राइक', हेलीकॉप्टर से कीटनाशक का छिड़काव

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Published : Jul 23, 2020, 9:16 PM IST

बाड़मेर के बायतु में टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से कीटनाशक का छिड़काव कराया. बुधवार रात को बायतु क्षेत्र में बड़े टिड्डी दल के ठहराव की सूचना के बाद छिड़काव कर टिड्डियों पर नियंत्रण पाया गया. क्षेत्र में पहली बार टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर काम में लिए गए हैं.

Locust attack in Barmer,  Locust control , Locust sprayed by helicopter , Insecticide spraying by helicopter,  Air strikes on locusts
टिड्डियों पर एयर स्ट्राइक, हेलीकॉप्टर से किया कीटनाशक का छिड़काव

बायतु (बाड़मेर). पश्चिमी राजस्थान में टिड्डियों का हमला सबसे ज्यादा होता है. क्योंकि पाकिस्तान से आने वाली टिड्डियां सबसे पहले इसी क्षेत्र से होकर गुजरती हैं. टिड्डियों के हमले को कैसे रोका जाए इसको लेकर लगातार माथापच्ची जारी है. बायतु क्षेत्र में टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर से कीटनाशक का छिड़काव किया गया. बुधवार देर रात को टिड्डियों के एक बड़े दल की क्षेत्र में ठहराव की सूचना मिली थी. जिसके बाद हेलीकॉप्टर की मदद से छिड़काव किया गया.

टिड्डियों पर एयर स्ट्राइक

बायतु में टिड्डी नियंत्रण के लिए पहली बार हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है. हेलीकॉप्टर ने बुधवार को उतरलाई एयरफोर्स स्टेशन से बायतु के सवाऊ मूलराज के लिए उड़ान भरी. सरकार की तरफ से पिछले कुछ समय में टिड्डी नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर से छिड़काव किया जा रहा है.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में सरकार वायुसेना के और अधिक हेलीकॉप्टर टिड्डी नियंत्रण के लिए उपयोग में लेने की सोच रही है. टिड्डियों की समस्या किसानों के लिए कितनी घातक है वो आप इस बात से समझ सकते हैं कि एक टिड्डी दल एक दिन में करीब 35 हजार लोगों के जितना खाना चट कर जाता है.

Locust attack in Barmer,  Locust control , Locust sprayed by helicopter , Insecticide spraying by helicopter,  Air strikes on locusts
टिड्डी दल

पढ़ें: पाली: जैतारण के कई गांवों में टिड्डियों का हमला, फसलों को नुकसान

टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण का अभी तक कोई कारगर उपाय सामने नहीं आया है. आए दिन किसान बर्तन बजाकर, धुंआ करके खेतों से टिड्डी उड़ाते नजर आते हैं. वर्तमान में भारत में राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, गुजरात, पंजाब में टिड्डियों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. मानसून का यह समय भी टिड्डियों के प्रजनन के अनुकूल है. ऐसे में सरकार को इस खतरे से निपटने के लिए जल्द ठोस और जरूरी कदम उठाने की जरूरत है.

बायतु (बाड़मेर). पश्चिमी राजस्थान में टिड्डियों का हमला सबसे ज्यादा होता है. क्योंकि पाकिस्तान से आने वाली टिड्डियां सबसे पहले इसी क्षेत्र से होकर गुजरती हैं. टिड्डियों के हमले को कैसे रोका जाए इसको लेकर लगातार माथापच्ची जारी है. बायतु क्षेत्र में टिड्डियों पर नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर से कीटनाशक का छिड़काव किया गया. बुधवार देर रात को टिड्डियों के एक बड़े दल की क्षेत्र में ठहराव की सूचना मिली थी. जिसके बाद हेलीकॉप्टर की मदद से छिड़काव किया गया.

टिड्डियों पर एयर स्ट्राइक

बायतु में टिड्डी नियंत्रण के लिए पहली बार हेलीकॉप्टर की मदद ली गई है. हेलीकॉप्टर ने बुधवार को उतरलाई एयरफोर्स स्टेशन से बायतु के सवाऊ मूलराज के लिए उड़ान भरी. सरकार की तरफ से पिछले कुछ समय में टिड्डी नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर से छिड़काव किया जा रहा है.

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में सरकार वायुसेना के और अधिक हेलीकॉप्टर टिड्डी नियंत्रण के लिए उपयोग में लेने की सोच रही है. टिड्डियों की समस्या किसानों के लिए कितनी घातक है वो आप इस बात से समझ सकते हैं कि एक टिड्डी दल एक दिन में करीब 35 हजार लोगों के जितना खाना चट कर जाता है.

Locust attack in Barmer,  Locust control , Locust sprayed by helicopter , Insecticide spraying by helicopter,  Air strikes on locusts
टिड्डी दल

पढ़ें: पाली: जैतारण के कई गांवों में टिड्डियों का हमला, फसलों को नुकसान

टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण का अभी तक कोई कारगर उपाय सामने नहीं आया है. आए दिन किसान बर्तन बजाकर, धुंआ करके खेतों से टिड्डी उड़ाते नजर आते हैं. वर्तमान में भारत में राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, गुजरात, पंजाब में टिड्डियों के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. मानसून का यह समय भी टिड्डियों के प्रजनन के अनुकूल है. ऐसे में सरकार को इस खतरे से निपटने के लिए जल्द ठोस और जरूरी कदम उठाने की जरूरत है.

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