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बाड़मेर में हेल्थ वर्कर्स सुरक्षा के उपकरणों से लैस, संकट की घड़ी में जी-जान से जुटे कोरोना योद्धा

बाड़मेर में पिछले 15 दिनों में अब तक 50 हजार प्रवासी घर वापसी कर चुके हैं. ऐसे में बाड़मेर प्रशासन की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि 15 दिन पहले यह आंकड़ा दो या तीन था. लेकिन अब 52 के पास पहुंच गया है. ऐसे में हेल्थ वर्कर्स और अन्य लोग किसी प्रकार से कार्य कर रहे हैं.

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बाड़मेर में सुरक्षात्मक उपकरणों का अभाव नहीं
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Published : May 22, 2020, 8:37 PM IST

बाड़मेर. दूसरे प्रदेशों से या प्रदेश के अन्य जिलों से बाड़मेर में प्रवासी लोगों का आना बाड़मेर प्रशासन के लिए मुसीबत बन गया है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने पता करने की कोशिश किया कि आखिर जो हेल्थ वर्कर्स, नगर परिषद के कर्मचारी, आशा सहयोगिनी फील्ड के अंदर काम कर रहे हैं. उनके पास पर्याप्त उपकरण है या नहीं.

बाड़मेर में सुरक्षात्मक उपकरणों का अभाव नहीं

टीम ने सबसे पहले बाड़मेर के सबसे बड़े अस्पताल का दौरा किया. इस दौरान नर्सिंग स्टॉफ से बातचीत की तो उनका कहना है कि हम लगातार कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. हमारे पास जो मेडिकल डिपार्टमेंट हैं, उन्होंने पर्याप्त साधन उपलब्ध करवाए हैं. जैसे कि चाहे सेनेटाइजर हो या मास्क सुरक्षा के सभी उपकरण हमें उपलब्ध करवाए गए हैं. हम अपनी सेफ्टी का ख्याल रखते हुए अस्पताल में आने वाले मरीजों का पूरा ध्यान रख रहे हैं, ताकि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो.

यह भी पढ़ेंः बाड़मेर: मजदूरों को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सामग्री देने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

इस समय सबसे बड़ा खतरा उन लोगों को है, जो इस समय बाड़मेर शहर के अंदर किसी भी इलाके में कोई भी पॉजिटिव केस मिलता है तो उसके बाद वहां का सेनेटाइजेशन का कार्य करवाते हैं. इसके लिए नगर परिषद के कार्मिक लगे हुए हैं. ऐसे में हमने नगर परिषद के कार्मिकों से बातचीत करते हुए यह जानने का प्रयास किया कि नगर परिषद की ओर से उन्हें खुद की सेफ्टी के लिए किस तरह के उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे वह खुद सुरक्षित रह पाए. टीम ने यह जानने की कोशिश की कि वह किस तरीके से खुद का बचाव करें. ऐसे में उनका साफ तौर पर कहना था कि नगर परिषद की ओर से पर्याप्त उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं. चाहे वह किट हो या फिर हाथों के लिए सेनेटाइजर.

शहर, गली-मोहल्ले, सरकारी कार्यालय और उस एरिया में तत्काल पहुंच जाते हैं, जहां पर कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आते हैं. वहां पर पूरे इलाके में सेनेटाइजर का छिड़काव का काम शुरू कर देते हैं. बाड़मेर में इस वक्त जमीनी स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं तो वह है आशा सहयोगिनी और एएनएम. इन हेल्थ वर्करों के माध्यम से ही सरकार के पास डेटा आता है कि जिले में कितने प्रवासी आए हैं. साथ ही जो घर वापसी किए हैं, उनका क्या स्टेटस है.

घर-घर जा रहे हेल्थ वर्कर्स

हेल्थ वर्कर्स घर-घर जाकर प्रतिदिन बाहर से आए प्रवासी लोगों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेकर स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाती हैं. इस बारे में हमने जब आशा सहयोगिनियों और एएनएम से बात कर यह जानने का प्रयास किया कि इस मुश्किल समय में जमीनी स्तर पर जाकर काम कर रही हैं. तो विभाग ने उन्हें खुद की सेफ्टी के लिए क्या-क्या उपलब्ध करवाया है, जिससे वह सुरक्षित रह सकें. इस पर उन्होंने बताया कि हम प्रतिदिन घर-घर जाकर सर्वे करते हैं और बाहर से आने वाले लोगों की पूरी जानकारी जुटाने के बाद स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट देते हैं. साथ ही होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों की नियमित निगरानी भी रखते हैं. ताकि वह अपने घरों से बाहर न निकलें.

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बाड़मेर में हेल्थ वर्कर्स

वहीं उन्होंने बताया कि इस दौरान से खुद की सुरक्षा के लिए हैंड ग्लब्स, सेनेटाइजर और मास्क आदि का उपयोग करके खुद को सुरक्षित रखते हैं. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2 गज दूरी के संदेश को भी डोर-टू-डोर पहुंचा रहे हैं. विभाग की ओर से उन्हें पर्याप्त उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं, जिसकी मदद से खुद को सुरक्षित रख कर अपने फर्ज को बखूबी अंजाम दे रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः बाड़मेर कोविड-19 प्रभारी ने ली विस्तृत समीक्षा बैठक, क्वॉरेंटाइन की कड़ाई से पालना के दिए निर्देश

नगर परिषद सभापति दिलीप माली बताते हैं कि जिस तरीके से पिछले साथ 8 दिनों से कोविड- 19 के मरीज सामने आए हैं, उसके बाद हमने नगर परिषद के कार्मिकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं. उन्हें पीपीई किट, हैंड ग्लब्स, मास्क, सेनेटाइजर, शूज और कैप आदि उपलब्ध करवाए हैं, जिससे वह खुद की सुरक्षा करते हुए पूरे शहर में छिड़काव करते हैं. उन्होंने बताया कि बाड़मेर शहर में अब तक चार बार सेनेटाइजर का छिड़काव हो चुका है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रवासी लोगों की बड़ी संख्या में शहर में आए हैं. इसे देखते हुए फिर से सेनेटाइजर का छिड़काव करवाया जा रहा है. इस कार्य के लिए नगर परिषद के 11 कार्मिक लगे हुए हैं और दो टेंपो, जिन पर सेनेटाइजर की मशीन लगाई गई है. साथ ही सात छोटी सेनेटाइजर मशीनों के जरिए गली-मोहल्लों में सेनेटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है.

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कोरोना से जंग आशा सहयोगिनी के संग

उन्होंने बताया कि हमारे पास किसी भी प्रकार के साधनों की कमी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की एएनएम और आशा सहयोगिनी घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं. उन्हीं विभाग द्वारा क्या-क्या उन्हें खुद की सेफ्टी के लिए विभाग की ओर से दिया गया है. यह जानने के लिए हमने जिला समन्वयक राकेश भाटी से बात की तो उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में सोशल वर्कर, एएनएम और आशा सहयोगिनी बखूबी अपने फर्ज को अंजाम दे रही हैं. उन्होंने बताया कि इस मुश्किल समय में आशा सहयोगिनी घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं और विभाग को भी जरूरी सूचनाएं उनके द्वारा दी जा रही है. विभाग की ओर से उन्हें सेफ्टी के लिए हैंड सेनेटाइजर, मास्क और ग्लब्स उपलब्ध करवाए गए हैं.

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घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहीं हेल्थ वर्कर्स

साथ ही उन्हें सख्त हिदायत दी गई है कि वह अपनी खुद की सेफ्टी का विशेष ध्यान रखें और किसी भी संक्रमित क्षेत्र में जाने से पहले खुद की सेफ्टी सुनिश्चित करें. लोगों से पर्याप्त दूरी बनाए रखें और लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की अनिवार्यता को लेकर भी लोगों को जागरूक कर रही हैं. स्वास्थ्य विभाग के साथ नगर परिषद और अन्य कर्मचारी जो इस समय कोविड- 19 के लड़ने में जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, उनसे बातचीत करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि बाड़मेर जिले में जो वर्कर्स काम कर रहे हैं. उनके पास पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं, उन्हें उनके विभाग की ओर से ख्याल रखने के लिए सेनेटाइजेशन और अन्य सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है.

बाड़मेर. दूसरे प्रदेशों से या प्रदेश के अन्य जिलों से बाड़मेर में प्रवासी लोगों का आना बाड़मेर प्रशासन के लिए मुसीबत बन गया है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने पता करने की कोशिश किया कि आखिर जो हेल्थ वर्कर्स, नगर परिषद के कर्मचारी, आशा सहयोगिनी फील्ड के अंदर काम कर रहे हैं. उनके पास पर्याप्त उपकरण है या नहीं.

बाड़मेर में सुरक्षात्मक उपकरणों का अभाव नहीं

टीम ने सबसे पहले बाड़मेर के सबसे बड़े अस्पताल का दौरा किया. इस दौरान नर्सिंग स्टॉफ से बातचीत की तो उनका कहना है कि हम लगातार कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. हमारे पास जो मेडिकल डिपार्टमेंट हैं, उन्होंने पर्याप्त साधन उपलब्ध करवाए हैं. जैसे कि चाहे सेनेटाइजर हो या मास्क सुरक्षा के सभी उपकरण हमें उपलब्ध करवाए गए हैं. हम अपनी सेफ्टी का ख्याल रखते हुए अस्पताल में आने वाले मरीजों का पूरा ध्यान रख रहे हैं, ताकि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी न हो.

यह भी पढ़ेंः बाड़मेर: मजदूरों को खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सामग्री देने की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

इस समय सबसे बड़ा खतरा उन लोगों को है, जो इस समय बाड़मेर शहर के अंदर किसी भी इलाके में कोई भी पॉजिटिव केस मिलता है तो उसके बाद वहां का सेनेटाइजेशन का कार्य करवाते हैं. इसके लिए नगर परिषद के कार्मिक लगे हुए हैं. ऐसे में हमने नगर परिषद के कार्मिकों से बातचीत करते हुए यह जानने का प्रयास किया कि नगर परिषद की ओर से उन्हें खुद की सेफ्टी के लिए किस तरह के उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे वह खुद सुरक्षित रह पाए. टीम ने यह जानने की कोशिश की कि वह किस तरीके से खुद का बचाव करें. ऐसे में उनका साफ तौर पर कहना था कि नगर परिषद की ओर से पर्याप्त उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं. चाहे वह किट हो या फिर हाथों के लिए सेनेटाइजर.

शहर, गली-मोहल्ले, सरकारी कार्यालय और उस एरिया में तत्काल पहुंच जाते हैं, जहां पर कोरोना पॉजिटिव के मामले सामने आते हैं. वहां पर पूरे इलाके में सेनेटाइजर का छिड़काव का काम शुरू कर देते हैं. बाड़मेर में इस वक्त जमीनी स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं तो वह है आशा सहयोगिनी और एएनएम. इन हेल्थ वर्करों के माध्यम से ही सरकार के पास डेटा आता है कि जिले में कितने प्रवासी आए हैं. साथ ही जो घर वापसी किए हैं, उनका क्या स्टेटस है.

घर-घर जा रहे हेल्थ वर्कर्स

हेल्थ वर्कर्स घर-घर जाकर प्रतिदिन बाहर से आए प्रवासी लोगों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेकर स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करवाती हैं. इस बारे में हमने जब आशा सहयोगिनियों और एएनएम से बात कर यह जानने का प्रयास किया कि इस मुश्किल समय में जमीनी स्तर पर जाकर काम कर रही हैं. तो विभाग ने उन्हें खुद की सेफ्टी के लिए क्या-क्या उपलब्ध करवाया है, जिससे वह सुरक्षित रह सकें. इस पर उन्होंने बताया कि हम प्रतिदिन घर-घर जाकर सर्वे करते हैं और बाहर से आने वाले लोगों की पूरी जानकारी जुटाने के बाद स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट देते हैं. साथ ही होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों की नियमित निगरानी भी रखते हैं. ताकि वह अपने घरों से बाहर न निकलें.

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बाड़मेर में हेल्थ वर्कर्स

वहीं उन्होंने बताया कि इस दौरान से खुद की सुरक्षा के लिए हैंड ग्लब्स, सेनेटाइजर और मास्क आदि का उपयोग करके खुद को सुरक्षित रखते हैं. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2 गज दूरी के संदेश को भी डोर-टू-डोर पहुंचा रहे हैं. विभाग की ओर से उन्हें पर्याप्त उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं, जिसकी मदद से खुद को सुरक्षित रख कर अपने फर्ज को बखूबी अंजाम दे रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः बाड़मेर कोविड-19 प्रभारी ने ली विस्तृत समीक्षा बैठक, क्वॉरेंटाइन की कड़ाई से पालना के दिए निर्देश

नगर परिषद सभापति दिलीप माली बताते हैं कि जिस तरीके से पिछले साथ 8 दिनों से कोविड- 19 के मरीज सामने आए हैं, उसके बाद हमने नगर परिषद के कार्मिकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं. उन्हें पीपीई किट, हैंड ग्लब्स, मास्क, सेनेटाइजर, शूज और कैप आदि उपलब्ध करवाए हैं, जिससे वह खुद की सुरक्षा करते हुए पूरे शहर में छिड़काव करते हैं. उन्होंने बताया कि बाड़मेर शहर में अब तक चार बार सेनेटाइजर का छिड़काव हो चुका है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रवासी लोगों की बड़ी संख्या में शहर में आए हैं. इसे देखते हुए फिर से सेनेटाइजर का छिड़काव करवाया जा रहा है. इस कार्य के लिए नगर परिषद के 11 कार्मिक लगे हुए हैं और दो टेंपो, जिन पर सेनेटाइजर की मशीन लगाई गई है. साथ ही सात छोटी सेनेटाइजर मशीनों के जरिए गली-मोहल्लों में सेनेटाइजर का छिड़काव किया जा रहा है.

barmer news  etv bharat special news  health workers  asha sahyogini  equipped with safety equipment  corona kalachakra
कोरोना से जंग आशा सहयोगिनी के संग

उन्होंने बताया कि हमारे पास किसी भी प्रकार के साधनों की कमी नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की एएनएम और आशा सहयोगिनी घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं. उन्हीं विभाग द्वारा क्या-क्या उन्हें खुद की सेफ्टी के लिए विभाग की ओर से दिया गया है. यह जानने के लिए हमने जिला समन्वयक राकेश भाटी से बात की तो उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में सोशल वर्कर, एएनएम और आशा सहयोगिनी बखूबी अपने फर्ज को अंजाम दे रही हैं. उन्होंने बताया कि इस मुश्किल समय में आशा सहयोगिनी घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं और विभाग को भी जरूरी सूचनाएं उनके द्वारा दी जा रही है. विभाग की ओर से उन्हें सेफ्टी के लिए हैंड सेनेटाइजर, मास्क और ग्लब्स उपलब्ध करवाए गए हैं.

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घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहीं हेल्थ वर्कर्स

साथ ही उन्हें सख्त हिदायत दी गई है कि वह अपनी खुद की सेफ्टी का विशेष ध्यान रखें और किसी भी संक्रमित क्षेत्र में जाने से पहले खुद की सेफ्टी सुनिश्चित करें. लोगों से पर्याप्त दूरी बनाए रखें और लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की अनिवार्यता को लेकर भी लोगों को जागरूक कर रही हैं. स्वास्थ्य विभाग के साथ नगर परिषद और अन्य कर्मचारी जो इस समय कोविड- 19 के लड़ने में जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, उनसे बातचीत करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला कि बाड़मेर जिले में जो वर्कर्स काम कर रहे हैं. उनके पास पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं, उन्हें उनके विभाग की ओर से ख्याल रखने के लिए सेनेटाइजेशन और अन्य सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है.

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