बाड़मेर. जिले के भीमथल सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य रूप सिंह जाखड़ और उनके शिक्षक स्टाफ ऐसे अभियान में जुटे हैं, जिसकी चर्चा चारों तरफ होने लगी है. यहां तक कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने ट्वीट के माध्यम से इस टीम की खुलकर तारीफ की है.
बच्चों को पढ़ाने के लिए ऊंटों पर सफर
बाड़मेर जिले के धोरीमना इलाके के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भीमथल के प्रधानाचार्य रूप सिंह जाखड़ और उनके स्टाफ के टीचर ऊंट पर सवार होकर दूरदराज की ढाणियों और गांवों में शिक्षा से वंचित बच्चों को पढ़ाने जाते हैं. इतना ही नहीं, यह टीम बच्चों को शिक्षण सामग्री भी मुहैया करा रही है. सोशल मीडिया पर इस टीम के चर्चे हैं.
कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद हैं और बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन राजस्थान के इस पश्चिमी इलाके में मीलों तक फैले थार रेगिस्तान में कई इलाकों में मोबाइल नेटवर्क तक नहीं है. इसलिए बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से भी वंचित हैं. इन वंचित बच्चों का हाथ थामा रूप सिंह जाखड़ और उनकी टीम ने. यह टीम 21 जून से 3 अगस्त तक चलने वाले शिक्षा वाणी और शिक्षा दर्शन कार्यक्रम के तहत बच्चों को उनके घर तक जाकर पढ़ा रहे हैं.
पढ़ें- सवाई माधोपुरः शांत हुई T-65 की दहाड़, पानी में मिला बाघ का शव
रूप सिंह और साथी शिक्षकों की टीम बच्चों के लिए मास्क, सैनिटाइजर, कॉपी-किताब, पेन-पेंसिल लेकर जाती है और निशुल्क बांटती है. भीमथल के सरपंच रामलाल का कहना है कि हेड मास्टर साब और बाकी टीचर ने कोरोना काल में बच्चों के लिए बेहतरीन काम किया है. यह टीम ऊंटों पर सवार होकर उन इलाकों में जाती है जहां तक कोई साधन नहीं पहुंचता. टीम के शिक्षक अभिभावकों को भी बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं.
दूरदराज के इलाकों में मोबाइल नहीं
बाड़मेर जिले के दूरदराज के कई गांव-ढाणियों में मोबाइल नहीं हैं. ऐसे में वहां पर ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं है. लेकिन इन टीचर्स की पहल ने बच्चों की पढ़ाई को लेकर सराहनीय नवाचार किया है.