बाड़मेर. जिले में अभी तक तो कोरोना का मरीज सामने नहीं आया, लेकिन महामारी फैलने की आशंका के मद्देनजर एहतियात बरती जा रही है. तेजी से फैलते इस वायरस को लेकर कई आयोजन रद्द करवा दिए गए हैं, लेकिन इन सबके बीच डर पर आस्था भारी पड़ रही है.
होली के बाद 16 दिन तक मनाए जाने वाले गणगौर पर्व को लेकर महिलाओं में उत्साह है. रात्रि के समय महिलाओं के अलग-अलग रूप गणगौर की पूजा करती है और इसके बाद भी घुडले को घरों और बाजारों में घूमती है. इस दौरान बड़ी संख्या का बड़ी संख्या में जमावड़ा रहता है तो ये महिलाएं एहतियातन पर मास्क लगाकर गणगौर की पूजा-अर्चना करती है और घुडले को गली बाजारों में घुमाती है.
ईटीवी भारत टीम ने जब इन महिलाओं से बात की तो उन्होंने कहा कि देशभर में कोरोना वायरस ने दहशत फैला रखी है. जिसके चलते लोग खौफ में है. वहीं गणगौर का यह पर्व साल में एक बार आता है, जो महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. वहीं इस कोरोना वायरस के डर से हम अपनी आस्था को नहीं छोड़ सकते हैं. होली के बाद शुरू होने वाले गणगौर पर्व का हम सब बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस पर्व से हमारी आस्था जुड़ी हुई है पुराना वायरस के डर से हमारी आस्था नहीं छोड़ सकते, लेकिन सावधानियां बरतनी की जरूरत है. जिसके चलते हम सब गणगौर की पूजा अर्चना और गली बाजार में जाने से पहले खुद मास्क पहन लेती है. जिसके बाद हम गणगौर की पूजा अर्चना और गुड़ली को गली बाजार में निकलती है.
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उन्होंने बताया कि हम जिन गली बाजारों में जाते हैं. वहां के लोगों से अपील करते हैं, कि कोरोना वायरस से डरे नहीं बस सावधानी बरतें. अधिक भीड़-भाड़ की जगह पर मास्क पहन कर रखें और अपने हाथों को बार-बार पानी से धोएं. इस तरह से हम लोगों को कोरोना वायरस से बचाओ के प्रति लोगों में जागरूकता लाने की कोशिश कर रहे हैं और साथ ही हमारी आस्था से जुड़े गणगौर पर्व को भी बड़े ही उत्साह से मना रहे हैं. इस तरह से यह महिलाएं कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं और साथ ही अपने आस्था से जुड़े गणगौर पर्व को बड़ी ही खुशी से मना रही है.