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पाक जेल में बंद गेमराराम की रिहाई की बढ़ी उम्मीद...मानवेंद्र बोले- जल्द होगी वतन वापसी

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Published : Jan 27, 2021, 5:54 PM IST

पाकिस्तान की जेल में बंद राजस्थान के बाड़मेर जिले के युवक गेमराराम की रिहाई की उम्मीद अब बढ़ गई है. गेमराराम का परिवार पिछले ढाई महीने से पाकिस्तान की जेल में कैद अपने बेटे की रिहाई की गुहार लगा रहा है. इस मुद्दे को सबसे पहले ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया. उसके बाद अब पूर्व रक्षामंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने ट्वीट करते हुए इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास को गेमराराम से जुड़े जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने की जानकारी साझा की है. वे लगातार इस मुद्दे पर नजर रख रहे हैं.

former mp manvendra singh
जल्द होगी वतन वापसी

बाड़मेर. मोहब्बत में बदनामी की डर की सजा इतनी भयानक होगी, इसकी कल्पना ना गेमराराम ने की होगी और ना ही उसके बुजुर्ग माता-पिता. यह दर्दभरी दास्तां भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गांव बीजराड़ में रहने वाले गेमराराम के परिवार की है, जो पिछले ढाई महीने से पाकिस्तान की जेल में कैद अपने बेटे गेमराराम की रिहाई की गुहार लगा रहा है. बेटे के इंतजार में परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.

पढ़ें : दर्दनाक दास्तां: मोहब्बत में लांघी 'सीमा', पाक में बंदी और अब वतन वापसी की उम्मीद में परिवार...

दरअसल, 5 नवंबर को गेमराराम अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर गया था. इसी दौरान प्रेमिका के घर वालों ने उसे देख लिया और उसके बाद उसे यह डर सता रहा था कि कोई उसे मार ना दे या उसके घरवालों की बदनामी ना हो. बस इसी डर के चलते वह तारबंदी पार कर सरहद के उस पार पाकिस्तान पहुंच गया.

गेमराराम की रिहाई के लिए आगे आए पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह...

इस मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद पूर्व बाड़मेर-जैसलमेर सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह जसोल पाक जेल में बंद गेमराराम की मदद के लिए आगे आए. उन्होंने पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही उनके बेटे की वतन वापसी होगी. पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि उनकी गेमराराम की पाकिस्तान से वापसी को लेकर विदेश मंत्रालय के महत्वपूर्ण अधिकारी के साथ वार्ता हुई और उसके बाद जो डॉक्यूमेंट पहुंचाने थे, वह पहुंचा दिए गए हैं. उसके बाद पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों के साथ चर्चा कर उन्हें भी डॉक्यूमेंट पहुंचा दिए गए हैं.

  • अब रिहाई के संबध में इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के अधिकारी पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ गेमराराम कि वापसी को लेकर आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करेंगे। उम्मीद है जल्द ही गेमराराम घर लौटेगा।

    — Manvendra Singh (@ManvendraJasol) January 25, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मानवेंद्र सिंह ने ट्वीट कर कहा कि अब रिहाई के संबंध में इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के अधिकारी और पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ गेमराराम कि वापसी को लेकर आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करेंगे. उम्मीद है जल्द ही गेमराराम घर लौटेगा. एक दूसरे ट्वीट के जरिये उन्होंने जानकारी साझा किया है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दस्तावेज पहुंचा दिये गए हैं.

मोहब्बत में कर गया सरहद पार...

पूरे मामले में जांच करने वाले अधिकारी जेठाराम बताते हैं कि 16 नवंबर को मामला दर्ज होने के बाद जांच शुरू की. गेमराराम आखिरी बार पड़ोस के ही घर में गया था और उसके बाद गायब हो गया. बीएसएफ की सूचना पर परिवार के लोगों को पता चला कि वह पाकिस्तान में है. परिवार ने मामला दर्ज करवाया. 2 दिन में जांच करने के बाद यह संभावना जताई कि युवक पाकिस्तान चला गया है. सीमा सुरक्षा बल को खत लिखा. मामले की जांच में यह बात सामने आई कि गेमराराम का स्कूल की दोस्त लड़की के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा था और उसी से मिलने गया था. इसी दौरान लड़की के घरवालों ने देख लिया, तो गेमराराम घर से फरार होकर पाकिस्तान चला गया. दोनों की कॉल डिटेल भी खंगाली है. इस बारे में उच्च अधिकारियों को भी बता दिया है.

पढ़ें : गेमराराम के परिवार का डर : पाक जेल में बेटे को दी जाएंगी अमानवीय यातनाएं...प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

गेमराराम के परिवार का डर....

पिता जुगताराम बताते हैं कि 4 नवंबर को उनका बेटा जोधपुर से घर पर आया था. रात को रुका था. उसके बाद पड़ोस के घर पर गया और उसी के बाद से गायब है. थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. दो बार कलेक्टर के पास चले गए, एक बार एसपी साहब के पास चले गए, एक बार सीओ साहब के पास चले गए, लेकिन 3 महीने का वक्त बीत गया है, कोई सुनने को तैयार नहीं है. अब उसके परिवार को डर सताने लगा है कि कहीं पाकिस्तान उनके बेटे को अमानवीय यातनाएं न दे रहा हो. इसी के डर के चलते युवक के बुजुर्ग माता-पिता ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर से मुलाकात कर इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने की गुहार लगाई है.

अब मोदी सरकार से आस...

बहरहाल, इस पूरे मामले में तकरीबन 3 महीने का वक्त होने वाला है, लेकिन गहलोत सरकार के मंत्री से लेकर मोदी सरकार के मंत्री कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. करीबन 3 माह से ये परिवार बार-बार प्रशासन से लेकर नेताओं की ठोकरे खा रहा है. लेकिन, उनके बेटे के वापस आने को लेकर कोई जवाब देने को तैयार नहीं है. अब परिवार को आखिरी उम्मीद मोदी सरकार से ही बची है.

बाड़मेर. मोहब्बत में बदनामी की डर की सजा इतनी भयानक होगी, इसकी कल्पना ना गेमराराम ने की होगी और ना ही उसके बुजुर्ग माता-पिता. यह दर्दभरी दास्तां भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे गांव बीजराड़ में रहने वाले गेमराराम के परिवार की है, जो पिछले ढाई महीने से पाकिस्तान की जेल में कैद अपने बेटे गेमराराम की रिहाई की गुहार लगा रहा है. बेटे के इंतजार में परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.

पढ़ें : दर्दनाक दास्तां: मोहब्बत में लांघी 'सीमा', पाक में बंदी और अब वतन वापसी की उम्मीद में परिवार...

दरअसल, 5 नवंबर को गेमराराम अपनी प्रेमिका से मिलने उसके घर गया था. इसी दौरान प्रेमिका के घर वालों ने उसे देख लिया और उसके बाद उसे यह डर सता रहा था कि कोई उसे मार ना दे या उसके घरवालों की बदनामी ना हो. बस इसी डर के चलते वह तारबंदी पार कर सरहद के उस पार पाकिस्तान पहुंच गया.

गेमराराम की रिहाई के लिए आगे आए पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह...

इस मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद पूर्व बाड़मेर-जैसलमेर सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह जसोल पाक जेल में बंद गेमराराम की मदद के लिए आगे आए. उन्होंने पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही उनके बेटे की वतन वापसी होगी. पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि उनकी गेमराराम की पाकिस्तान से वापसी को लेकर विदेश मंत्रालय के महत्वपूर्ण अधिकारी के साथ वार्ता हुई और उसके बाद जो डॉक्यूमेंट पहुंचाने थे, वह पहुंचा दिए गए हैं. उसके बाद पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों के साथ चर्चा कर उन्हें भी डॉक्यूमेंट पहुंचा दिए गए हैं.

  • अब रिहाई के संबध में इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के अधिकारी पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ गेमराराम कि वापसी को लेकर आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करेंगे। उम्मीद है जल्द ही गेमराराम घर लौटेगा।

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मानवेंद्र सिंह ने ट्वीट कर कहा कि अब रिहाई के संबंध में इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के अधिकारी और पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ गेमराराम कि वापसी को लेकर आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करेंगे. उम्मीद है जल्द ही गेमराराम घर लौटेगा. एक दूसरे ट्वीट के जरिये उन्होंने जानकारी साझा किया है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दस्तावेज पहुंचा दिये गए हैं.

मोहब्बत में कर गया सरहद पार...

पूरे मामले में जांच करने वाले अधिकारी जेठाराम बताते हैं कि 16 नवंबर को मामला दर्ज होने के बाद जांच शुरू की. गेमराराम आखिरी बार पड़ोस के ही घर में गया था और उसके बाद गायब हो गया. बीएसएफ की सूचना पर परिवार के लोगों को पता चला कि वह पाकिस्तान में है. परिवार ने मामला दर्ज करवाया. 2 दिन में जांच करने के बाद यह संभावना जताई कि युवक पाकिस्तान चला गया है. सीमा सुरक्षा बल को खत लिखा. मामले की जांच में यह बात सामने आई कि गेमराराम का स्कूल की दोस्त लड़की के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा था और उसी से मिलने गया था. इसी दौरान लड़की के घरवालों ने देख लिया, तो गेमराराम घर से फरार होकर पाकिस्तान चला गया. दोनों की कॉल डिटेल भी खंगाली है. इस बारे में उच्च अधिकारियों को भी बता दिया है.

पढ़ें : गेमराराम के परिवार का डर : पाक जेल में बेटे को दी जाएंगी अमानवीय यातनाएं...प्रधानमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

गेमराराम के परिवार का डर....

पिता जुगताराम बताते हैं कि 4 नवंबर को उनका बेटा जोधपुर से घर पर आया था. रात को रुका था. उसके बाद पड़ोस के घर पर गया और उसी के बाद से गायब है. थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. दो बार कलेक्टर के पास चले गए, एक बार एसपी साहब के पास चले गए, एक बार सीओ साहब के पास चले गए, लेकिन 3 महीने का वक्त बीत गया है, कोई सुनने को तैयार नहीं है. अब उसके परिवार को डर सताने लगा है कि कहीं पाकिस्तान उनके बेटे को अमानवीय यातनाएं न दे रहा हो. इसी के डर के चलते युवक के बुजुर्ग माता-पिता ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर से मुलाकात कर इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने की गुहार लगाई है.

अब मोदी सरकार से आस...

बहरहाल, इस पूरे मामले में तकरीबन 3 महीने का वक्त होने वाला है, लेकिन गहलोत सरकार के मंत्री से लेकर मोदी सरकार के मंत्री कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. करीबन 3 माह से ये परिवार बार-बार प्रशासन से लेकर नेताओं की ठोकरे खा रहा है. लेकिन, उनके बेटे के वापस आने को लेकर कोई जवाब देने को तैयार नहीं है. अब परिवार को आखिरी उम्मीद मोदी सरकार से ही बची है.

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