नई दिल्ली: ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट्स (AIOCD) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने स्विगी इंस्टामार्ट और फार्मईजी के बीच हाल ही में हुई साझेदारी पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. दोनों कंपनियों के बीच डार्क स्टोर के माध्यम से 10 मिनट में दवाइयां पहुंचाने के लिए करार हुआ है. पत्र में कहा गया कि यह कदम भारतीय कानून के तहत निर्धारित मानकों के खिलाफ है और इससे स्वास्थ्य सुरक्षा से संबंधित कई गंभीर खतरे पैदा हो सकते हैं.
AIOCD ने अपने पत्र में कहा है कि हम स्विगी इंस्टामार्ट और फार्मईजी के बीच संभावित साझेदारी पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं. AIOCD के महासचिव राजीव सिंघल ने ईटीवी भारत से कहा कि इस साझेदारी से कई गंभीर स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी खतरे पैदा हो सकते हैं. डार्क स्टोर एक गोदाम या खुदरा दुकान है जिसका उपयोग केवल ऑनलाइन शॉपिंग के लिए किया जाता है. इसमें ग्राहकों के लिए स्टोरफ्रंट नहीं होता है. डार्क स्टोर का उपयोग ऑनलाइन ऑर्डर को पूरा करने के लिए किया जाता है, जिसमें सामान को सीधे ग्राहकों तक या कलेक्शन पॉइंट तक पहुंचाया जाता है.
AIOCD का मानना है कि इस तरह की साझेदारी न केवल कानूनी रूप से बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी चिंता का विषय है. सिंघल ने कहा, हम सरकार से इन मुद्दों की गहन समीक्षा करने और सभी आवश्यक कदम उठाने का आग्रह करते हैं. एआईओसीडी के अनुसार, स्विगी इंस्टामार्ट और फार्मईजी के बीच साझेदारी से विनियामक उल्लंघन और कानूनी अनुपालन, एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) का उच्च जोखिम, गुणवत्ता नियंत्रण और रोगी सुरक्षा से समझौता हो रहा है.
सिंघल ने कहा कि एएमआर के खतरे से निपटने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बावजूद, ई-फार्मेसियों के अनियमित संचालन से इस समस्या के और बढ़ने की आशंका है. ऐसी साझेदारी एएमआर से लड़ने के प्रयासों को कमजोर करती है. अल्ट्रा-फास्ट डिलीवरी मॉडल से एक्सपायर या नकली दवाओं की संभावना बढ़ सकती है, जो रोगी सुरक्षा के लिए हानिकारक है. उन्होंने दावा किया कि ऐसे मॉडल में, आवश्यक गुणवत्ता मानकों का पालन करना संभव नहीं है.