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बाड़मेर: करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी पानी की समस्या का नहीं हुआ समाधान

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Published : Jan 12, 2021, 9:58 PM IST

बाड़मेर के चौहटन कस्बे में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. कस्बे में पम्प हाउस का काम भी अधूरा पड़ा है.

Crores of rupees spent on water problem,  Rajasthan News
चौहटन में पानी की समस्या

चौहटन (बाड़मेर). चौहटन कस्बे में 20 हजार से अधिक आबादी वाले चौहटन कस्बे में पीने के पानी को लेकर समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. यहां करीब 4 करोड़ रुपए खर्च कर पुरानी पाइप लाइनों को बदलने और नए जीएलआर बनाए जाने के बावजूद परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अब तक नए जीएलआर को पाइप लाइन से नहीं जोड़ा गया है. साथ ही पम्प हाउस का काम भी अधूरा पड़ा है.

चौहटन में पानी की समस्या

बता दें कि दो साल पहले 3 करोड़ 85 लाख रुपयों की कार्य योजना को मंजूरी मिली थी, लेकिन पाइप लाइनें बिछाने और जीएलआर बनाने के बाद काम की गति थम गई. कस्बे में खत्रियों का वास, गायत्री चौक, टंकरपाड़ा मोहल्लों में क्रमिक रूप से 13 दिन बाद पानी की आपूर्ति होती है. वहीं दर्जियों का वास, मेघवालों का वास, राजपूतों का वास, ग्राम पंचायत की गली, माहेश्वरी मौहल्ला, सुन्दर नगर में 8 और 10 दिनों बाद पानी पहुंचता है.

पढ़ें- 20 जिलों के 90 निकायों के लिए कांग्रेस ने बनाए पर्यवेक्षक, टिकट वितरण में करेंगे सहायता

नई लाइनों से नहीं शुरू की जलापूर्ति

पाइप लाइनें बिछाने के लिए कस्बे में हर गली मोहल्ले की सड़कों की बीचोंबीच खुदाई की, लेकिन इनकी पुनः मरम्मत भी नहीं करवाई गई. अधूरा पड़ा पम्प हाउस का निर्माण कस्बे में जलापूर्ति के लिए 4 बड़े जीएलआर बनाकर पम्प हाउस से जोड़ना था. जीएलआर तो बना लिए लेकिन पम्पहाउस का काम अभी अधूरा पड़ा है.

चौहटन (बाड़मेर). चौहटन कस्बे में 20 हजार से अधिक आबादी वाले चौहटन कस्बे में पीने के पानी को लेकर समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है. यहां करीब 4 करोड़ रुपए खर्च कर पुरानी पाइप लाइनों को बदलने और नए जीएलआर बनाए जाने के बावजूद परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अब तक नए जीएलआर को पाइप लाइन से नहीं जोड़ा गया है. साथ ही पम्प हाउस का काम भी अधूरा पड़ा है.

चौहटन में पानी की समस्या

बता दें कि दो साल पहले 3 करोड़ 85 लाख रुपयों की कार्य योजना को मंजूरी मिली थी, लेकिन पाइप लाइनें बिछाने और जीएलआर बनाने के बाद काम की गति थम गई. कस्बे में खत्रियों का वास, गायत्री चौक, टंकरपाड़ा मोहल्लों में क्रमिक रूप से 13 दिन बाद पानी की आपूर्ति होती है. वहीं दर्जियों का वास, मेघवालों का वास, राजपूतों का वास, ग्राम पंचायत की गली, माहेश्वरी मौहल्ला, सुन्दर नगर में 8 और 10 दिनों बाद पानी पहुंचता है.

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नई लाइनों से नहीं शुरू की जलापूर्ति

पाइप लाइनें बिछाने के लिए कस्बे में हर गली मोहल्ले की सड़कों की बीचोंबीच खुदाई की, लेकिन इनकी पुनः मरम्मत भी नहीं करवाई गई. अधूरा पड़ा पम्प हाउस का निर्माण कस्बे में जलापूर्ति के लिए 4 बड़े जीएलआर बनाकर पम्प हाउस से जोड़ना था. जीएलआर तो बना लिए लेकिन पम्पहाउस का काम अभी अधूरा पड़ा है.

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