बाड़मेर. राजस्थान सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से एक आदेश जारी किया गया था. उस आदेश में यह कहा गया था कि अजमेर, झालावाड़, भरतपुर, बीकानेर, बांसवाड़ा, धौलपुर, करौली, बांरा और बाड़मेर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज अपने नाम के आगे राजकीय शब्द का इस्तेमाल ना करें.
जिसको लेकर शुक्रवार को बाड़मेर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के आगे एकत्रित होकर कॉलेज गेट पर ताला लगाकर प्रदर्शन किया. कॉलेज छात्र के मुताबिक सरकार एक वर्ष तक राजकीय डिग्री देने के बाद, दुसरे साल कॉलेज के आगे से इंजीनियरिंग हटाने से छात्रों के साथ धोखा है.
यह सभी कॉलेज सोसायटी मोड में संचालित हैं, इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ स्वायत्तशाषी संस्थान राजस्थान का प्रयाोग किया जाए. गौरतलब है कि इस समय राज्य के सभी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों द्वारा अपने नाम के आगे राजकीय लिखा जा रहा है, जबकि यह ऑटाोनोमस इंस्टीट्यूट हैं और साोसायटी मोड में संचालित हैं.
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मालूम हो कि ऑटाोनॉमस बॉडी होने से यूजीसी के बगैर अनुमति के ही कॉलेज नए कोर्स शुरू कर सकते हैं. एडमिशन के नियम तय करने के अधिकारी भी साोसायटी के पास सुरक्षित रहते हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुमति के बगैर शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है और फीस भी खुद ही तय करते हैं. वहीं विदेशी संस्थाआों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.