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बाड़मेरः इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज गेट पर जड़ा ताला, जमकर किया प्रदर्शन

बाड़मेर में शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से एक आदेश जारी किए जाने के बाद शुक्रवार को बाड़मेर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के आगे एकत्रित होकर कॉलेज गेट पर ताला लगाकर जमकर प्रदर्शन किया.

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Published : Sep 13, 2019, 8:20 PM IST

बाड़मेर न्यूज, barmer news

बाड़मेर. राजस्थान सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से एक आदेश जारी किया गया था. उस आदेश में यह कहा गया था कि अजमेर, झालावाड़, भरतपुर, बीकानेर, बांसवाड़ा, धौलपुर, करौली, बांरा और बाड़मेर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज अपने नाम के आगे राजकीय शब्द का इस्तेमाल ना करें.

छात्रों ने कॉलेज गेट पर लगाया ताला

जिसको लेकर शुक्रवार को बाड़मेर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के आगे एकत्रित होकर कॉलेज गेट पर ताला लगाकर प्रदर्शन किया. कॉलेज छात्र के मुताबिक सरकार एक वर्ष तक राजकीय डिग्री देने के बाद, दुसरे साल कॉलेज के आगे से इंजीनियरिंग हटाने से छात्रों के साथ धोखा है.

यह सभी कॉलेज सोसायटी मोड में संचालित हैं, इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ स्वायत्तशाषी संस्थान राजस्थान का प्रयाोग किया जाए. गौरतलब है कि इस समय राज्य के सभी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों द्वारा अपने नाम के आगे राजकीय लिखा जा रहा है, जबकि यह ऑटाोनोमस इंस्टीट्यूट हैं और साोसायटी मोड में संचालित हैं.

पढ़े: चंबल नदी में ऊफान के बीच फंसे 2 युवक

मालूम हो कि ऑटाोनॉमस बॉडी होने से यूजीसी के बगैर अनुमति के ही कॉलेज नए कोर्स शुरू कर सकते हैं. एडमिशन के नियम तय करने के अधिकारी भी साोसायटी के पास सुरक्षित रहते हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुमति के बगैर शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है और फीस भी खुद ही तय करते हैं. वहीं विदेशी संस्थाआों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.

बाड़मेर. राजस्थान सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की ओर से एक आदेश जारी किया गया था. उस आदेश में यह कहा गया था कि अजमेर, झालावाड़, भरतपुर, बीकानेर, बांसवाड़ा, धौलपुर, करौली, बांरा और बाड़मेर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज अपने नाम के आगे राजकीय शब्द का इस्तेमाल ना करें.

छात्रों ने कॉलेज गेट पर लगाया ताला

जिसको लेकर शुक्रवार को बाड़मेर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के आगे एकत्रित होकर कॉलेज गेट पर ताला लगाकर प्रदर्शन किया. कॉलेज छात्र के मुताबिक सरकार एक वर्ष तक राजकीय डिग्री देने के बाद, दुसरे साल कॉलेज के आगे से इंजीनियरिंग हटाने से छात्रों के साथ धोखा है.

यह सभी कॉलेज सोसायटी मोड में संचालित हैं, इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ स्वायत्तशाषी संस्थान राजस्थान का प्रयाोग किया जाए. गौरतलब है कि इस समय राज्य के सभी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों द्वारा अपने नाम के आगे राजकीय लिखा जा रहा है, जबकि यह ऑटाोनोमस इंस्टीट्यूट हैं और साोसायटी मोड में संचालित हैं.

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मालूम हो कि ऑटाोनॉमस बॉडी होने से यूजीसी के बगैर अनुमति के ही कॉलेज नए कोर्स शुरू कर सकते हैं. एडमिशन के नियम तय करने के अधिकारी भी साोसायटी के पास सुरक्षित रहते हैं. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुमति के बगैर शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकती है और फीस भी खुद ही तय करते हैं. वहीं विदेशी संस्थाआों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.

Intro:बाड़मेर

इंजीनियरिंग काॅलेज के छात्र-छात्राओं ने लगाया ताला, कॉलेज गेट आगे किया प्रदर्शन

राजस्थान सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव कील ओर से आदेश जारी कर कहा गया था की अजमेर, झालावाड़, भरतपुर, बीकानेर, बांसवाड़ा, धाैलपुर, कराैली, बांरा और बाड़मेर के सरकारी इंजीनियरिंग काॅलेज अपने नाम के आगे राजकीय शब्द का इस्तेमाल नहीं करें। Body:जिसको लेकर बाड़मेर इंजीनियरिंग काॅलेज के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के आगे एकत्रित होकर कॉलेज गेट का ताला लगाकर प्रदर्शन किया. कॉलेज छात्र के मुताबिक सरकार एक वर्ष तक राजकीय डिग्री देने के बाद दुसरे साल कॉलेज के आगे से इंजीनियरिंग हटाने से छात्रों के साथ कुठाराघात है और छात्रों के साथ धोखा है,ये सभी काॅलेज साेसायटी माेड में संचालित हैं, इंजीनियरिंग काॅलेजाें के साथ स्वायत्तशाषी संस्थान राजस्थान सरकार (एन आॅटाेनाेमस इंस्टीट्यूट आॅफ गर्वमेंट आॅफ राजस्थान) का प्रयाेग किया जाए।गाैरतलब है कि इस समय राज्य के सभी सरकारी इंजीनियरिंग काॅलेजाें द्वारा अपने नाम के आगे राजकीय लिखा जा रहा है, जबकि यह आॅटाेनाेमस इंस्टीट्यूट हैं आैर साेसायटी माेड में संचालित हैं। मालूम हाे कि आॅटाेनाॅमस बाॅडी हाेने से यूजीसी के बगैर अनुमति के ही काॅलेज नए काेर्स शुरू कर सकते हैं। एडमिशन के नियम तय करने के अधिकारी भी साेसायटी के पास सुरक्षित रहते हैं।Conclusion:विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुमति के बगैर शिक्षकाें की नियुक्ति की जा सकती है आैर फीस भी खुद ही तय करते हैं। विदेशी संस्थाआें के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।

बाईट - सूरज , काॅलेज छात्र
बाईट- मिताली परमार, काॅलेज छात्रा
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