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लॉकडाउन: कंपनी से निकालने पर PM और CM से ट्वीट कर लगाई गुहार, नौकरी पर रखने की मांग

लॉकडाउन के चलते पीएम मोदी ने अपील की थी कि किसी भी कंपनी की ओर से अपने कर्मचारी को ना निकाला जाए. इस बीच कर्मचारी का आरोप है कि वह एक निजी कंपनी में काम करता था, जहां से उसे निकाल दिया गया है, जिस पर उसने ट्वीट कर पीएम और सीएम से शिकायक की है कि उसे वापस नौकरी पर रखा जाए.

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Published : Apr 25, 2020, 6:17 PM IST

barmer news, बाड़मेर की खबर
नौकरी से निकाले गए कर्मचारी

बाड़मेर. वैश्विक महामारी कोविड-19 से किए गए लॉकडाउन से कई लोगों की रोजी-रोटी पर भी संकट उत्पन्न हो गया है. हालांकि, प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन करने के साथ ही सभी व्यापारियों और कंपनी मालिकों से अपील की थी कि कोई भी इस मुश्किल हालात में अपने कर्मचारी को नौकरी से ना निकाले, लेकिन प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद भी निजी कंपनियों का कर्मचारी को निकालने का सिलसिला जारी है, ये थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. ऐसा ही एक मामला बाड़मेर में सामने आया है, जहां पर एक निजी कंपनी में काम करने वाले कई कर्मचारी का आरोप है कि उसे नौकरी से निकाल दिया गया है.

कर्मचारी को निकालने पर PM और CM से ट्वीट कर लगाई गुहार

कर्मचारियों की मानें तो पूरे भारत में मिलाकर करीब 7 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है. इसके लिए उन्होंने अपनी पीड़ा प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री गहलोत तक ट्वीट कर बताई है. उनका कहना है कि इस कोविड-19 के संकट के बाद करीबन 6 महीने तक तो उन्हें कहीं रोजगार भी नहीं मिलेगा. ऐसे में पीएम और सीएम से उन्होंने अपील किया है कि इस पूरे मामले को संज्ञान में लें, ताकि उन्हें फिर से नौकरी पर रखा जाए.

पढ़ें- लॉकडाउन एक्शन : तंबाकू के गोदाम पर प्रशासन की छापेमारी, 12 से अधिक कट्टों में भरा तंबाकू बरामद

निजी कंपनी में काम करने वाले ललित खत्री ने बताया कि वो उस कंपनी में पिछले 10 महीने से काम कर रहा है, लेकिन कंपनी ने अचानक ही एक छोटा सा मेल देकर टर्मिनेट कर दिया है. अब ऐसे में उन्हें 6 महीने तक कोई रोजगार नहीं मिलेगा. इसके चलते उन्होंने अपनी बात पीएम और सीएम के समक्ष ट्वीट के जरिए रखी है.

इसी तरह कंपनी में काम करने वाले प्रेम सिंह का कहना है कि वे कंपनी में करीब 6 महीनों से काम कर रहा है लेकिन कंपनी ने उन्हें भी निकाल दिया है. उन्होंने पीएम और सीएम से अपील की है कि उन्हें फिर से नौकरी पर रखा जाए.

बाड़मेर. वैश्विक महामारी कोविड-19 से किए गए लॉकडाउन से कई लोगों की रोजी-रोटी पर भी संकट उत्पन्न हो गया है. हालांकि, प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन करने के साथ ही सभी व्यापारियों और कंपनी मालिकों से अपील की थी कि कोई भी इस मुश्किल हालात में अपने कर्मचारी को नौकरी से ना निकाले, लेकिन प्रधानमंत्री की अपील के बावजूद भी निजी कंपनियों का कर्मचारी को निकालने का सिलसिला जारी है, ये थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. ऐसा ही एक मामला बाड़मेर में सामने आया है, जहां पर एक निजी कंपनी में काम करने वाले कई कर्मचारी का आरोप है कि उसे नौकरी से निकाल दिया गया है.

कर्मचारी को निकालने पर PM और CM से ट्वीट कर लगाई गुहार

कर्मचारियों की मानें तो पूरे भारत में मिलाकर करीब 7 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है. इसके लिए उन्होंने अपनी पीड़ा प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री गहलोत तक ट्वीट कर बताई है. उनका कहना है कि इस कोविड-19 के संकट के बाद करीबन 6 महीने तक तो उन्हें कहीं रोजगार भी नहीं मिलेगा. ऐसे में पीएम और सीएम से उन्होंने अपील किया है कि इस पूरे मामले को संज्ञान में लें, ताकि उन्हें फिर से नौकरी पर रखा जाए.

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निजी कंपनी में काम करने वाले ललित खत्री ने बताया कि वो उस कंपनी में पिछले 10 महीने से काम कर रहा है, लेकिन कंपनी ने अचानक ही एक छोटा सा मेल देकर टर्मिनेट कर दिया है. अब ऐसे में उन्हें 6 महीने तक कोई रोजगार नहीं मिलेगा. इसके चलते उन्होंने अपनी बात पीएम और सीएम के समक्ष ट्वीट के जरिए रखी है.

इसी तरह कंपनी में काम करने वाले प्रेम सिंह का कहना है कि वे कंपनी में करीब 6 महीनों से काम कर रहा है लेकिन कंपनी ने उन्हें भी निकाल दिया है. उन्होंने पीएम और सीएम से अपील की है कि उन्हें फिर से नौकरी पर रखा जाए.

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