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बिजली उपभोक्ताओं का स्थाई शुल्क को लेकर हल्ला बोल, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन - Electricity consumers protested

बाड़मेर में बुधवार को बड़ी संख्या में बिजली उपभोक्ताओं ने स्थाई शुल्क के खिलाफ हल्ला बोलते हुए विद्युत विभाग के कार्यालय पहुंचकर कॉन्ग्रेस सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जिसके बाद उन्होंने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर विद्युत बिलों में हो रही अनियमितताओं को दूर करने की मांग की.

Power consumers submitted memorandum, बिजली उपभोक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन
बिजली उपभोक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन
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Published : Jul 22, 2020, 9:54 PM IST

बाड़मेर. कोविड-19 की वजह से जहां आर्थिक हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में लोगों पर विद्युत विभाग द्वारा विद्युत बिलों में स्थाई शुल्क की दरों में बढ़ोतरी कर दी गई है. जिसकी वजह से उपभोक्ताओं में खासा आक्रोश नजर आ रहा है और कोविड-19 की वजह से उपभोक्ताओं के बिल इस बार 4 महीने की एक साथ देने की वजह से बिल की राशि का बोझ भी बढ़ गया है, जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है.

बिजली उपभोक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन

जिसके चलते बुधवार को बड़ी संख्या में शहर भर के लोगों ने विद्युत विभाग कार्यालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई. इसके बाद उन्होंने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर, कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से विद्युत बिलों में स्थाई शुल्क के नाम पर हो रही लूट को बंद करने और विद्युत बिलों में अनियमितताओं में सुधार करने की मांग की.

पढ़ेंः राजस्थान : CM गहलोत के बड़े भाई के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

लोगों के अनुसार कोविड-19 की वजह से घर का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार की दमनकारी नीतियों की वजह से आम आदमी की हालत खराब होती जा रहे हैं, लेकिन सरकार है कि हर बार विद्युत बिलों में स्थाई शुल्क वसूल रही है और अब इस कोविड-19 के मुश्किल दौर में स्थाई शुल्क में भी बढ़ोतरी कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग द्वारा मई 2020 माह विद्युत बिलों का भुगतान उस समय बिना किसी आपत्ति के कर दिया था. हाल ही में जुलाई माह के बिल में विभाग द्वारा बिलों में काफी अनियमितता पाई गई है. जिससे स्थाई शुल्क अलग-अलग है और विद्युत बिलों का करीबन 10 हजार से 1 लाख तक के बिल जारी किए गए हैं.

लोगों के अनुसार हम इतने भारी बिल भरने में असमर्थ हैं, क्योंकि हमारी आजीविका इतनी नहीं है कि हम बिलों का भुगतान कर सकें. लोगों के अनुसार स्थाई शुल्क सहित कई अन्य कर जो हर बिल में वसूले जा रहे हैं, जिसका कोई मापदंड नहीं है. जिसके चलते अधिकारियों से बात की, लेकिन कोई भी अधिकारी सही जवाब नहीं दे रहा है और गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ रहा है.

जिसके बाद कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर विद्युत बिलों में बार-बार वसूली जा रही स्थाई शुल्क सहित कई कर वसूले जा रहे हैं, इस लूट को बंद करने की मांग की है. इसके अलावा बिल जारी करते समय कई अनियमितताएं सामने आ रही है. जिसमें विद्युत बिलों की राशि गरीब लोगों के लाखों रुपए तक आ जाती है. इस तरह की अनियमितता की वजह से लोग खासे परेशान होते हैं.

पढ़ेंः सुरजेवाला के आरोपों पर BJP ने किया पलटवार, कहा-दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे

वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियंता बीएल परिहार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोविड-19 की वजह से मई माह में काल्पनिक बिल जारी किए गए थे. वहीं अब जुलाई माह में 4 महीनों के बिल जारी किए गए हैं और जो बिल मई में जारी किए गए थे. उस राशि को इस बिल में कम कर दिया गया है. 4 महीनों का बिल एक साथ आने की वजह से लोगों को बिल की राशि ज्यादा लग रही है, इसलिए लोग आ रहे हैं और उन्हें स्पष्टीकरण देकर संतुष्ट किया जा रहा है.

बाड़मेर. कोविड-19 की वजह से जहां आर्थिक हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में लोगों पर विद्युत विभाग द्वारा विद्युत बिलों में स्थाई शुल्क की दरों में बढ़ोतरी कर दी गई है. जिसकी वजह से उपभोक्ताओं में खासा आक्रोश नजर आ रहा है और कोविड-19 की वजह से उपभोक्ताओं के बिल इस बार 4 महीने की एक साथ देने की वजह से बिल की राशि का बोझ भी बढ़ गया है, जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है.

बिजली उपभोक्ताओं ने सौंपा ज्ञापन

जिसके चलते बुधवार को बड़ी संख्या में शहर भर के लोगों ने विद्युत विभाग कार्यालय पहुंचकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई. इसके बाद उन्होंने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर, कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से विद्युत बिलों में स्थाई शुल्क के नाम पर हो रही लूट को बंद करने और विद्युत बिलों में अनियमितताओं में सुधार करने की मांग की.

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लोगों के अनुसार कोविड-19 की वजह से घर का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में सरकार की दमनकारी नीतियों की वजह से आम आदमी की हालत खराब होती जा रहे हैं, लेकिन सरकार है कि हर बार विद्युत बिलों में स्थाई शुल्क वसूल रही है और अब इस कोविड-19 के मुश्किल दौर में स्थाई शुल्क में भी बढ़ोतरी कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग द्वारा मई 2020 माह विद्युत बिलों का भुगतान उस समय बिना किसी आपत्ति के कर दिया था. हाल ही में जुलाई माह के बिल में विभाग द्वारा बिलों में काफी अनियमितता पाई गई है. जिससे स्थाई शुल्क अलग-अलग है और विद्युत बिलों का करीबन 10 हजार से 1 लाख तक के बिल जारी किए गए हैं.

लोगों के अनुसार हम इतने भारी बिल भरने में असमर्थ हैं, क्योंकि हमारी आजीविका इतनी नहीं है कि हम बिलों का भुगतान कर सकें. लोगों के अनुसार स्थाई शुल्क सहित कई अन्य कर जो हर बिल में वसूले जा रहे हैं, जिसका कोई मापदंड नहीं है. जिसके चलते अधिकारियों से बात की, लेकिन कोई भी अधिकारी सही जवाब नहीं दे रहा है और गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ रहा है.

जिसके बाद कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर विद्युत बिलों में बार-बार वसूली जा रही स्थाई शुल्क सहित कई कर वसूले जा रहे हैं, इस लूट को बंद करने की मांग की है. इसके अलावा बिल जारी करते समय कई अनियमितताएं सामने आ रही है. जिसमें विद्युत बिलों की राशि गरीब लोगों के लाखों रुपए तक आ जाती है. इस तरह की अनियमितता की वजह से लोग खासे परेशान होते हैं.

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वहीं इस पूरे मामले को लेकर जब विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियंता बीएल परिहार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोविड-19 की वजह से मई माह में काल्पनिक बिल जारी किए गए थे. वहीं अब जुलाई माह में 4 महीनों के बिल जारी किए गए हैं और जो बिल मई में जारी किए गए थे. उस राशि को इस बिल में कम कर दिया गया है. 4 महीनों का बिल एक साथ आने की वजह से लोगों को बिल की राशि ज्यादा लग रही है, इसलिए लोग आ रहे हैं और उन्हें स्पष्टीकरण देकर संतुष्ट किया जा रहा है.

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