बालोतरा (बाड़मेर). जिले के उपखण्ड क्षेत्र में जब से कोरोना का कहर शुरू हुआ है तब से धीरे-धीरे पूरे समूचे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है. यहां पिछले 14 दिनों में 120 से ज्यादा कोविड-19 के मरीज सामने आए हैं. वहीं प्रशासन को यह लगता है कि वहां पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते दिन-ब-दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं.
वहीं सोमवार को आई रिपोर्ट में कोरोना का ब्लास्ट हो गया हैं. नाहटा अस्पताल चिकित्सा प्रभारी डॉ. बलराजसिंह पंवार ने बताया कि बालोतरा शहर से इग्यारह, पचपदरा से तीन, जसोल से दो, टापरा से एक, सांभरा से एक, कालूड़ी से एक, पारलू से एक, कनाना से एक,आकड़ली से एक व बाटाडू से एक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं.
वहीं नाहटा अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक भी कोरोना पॉजिटिव आया है. उसके बाद अस्पताल व चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है. सभी को कोविड केयर सेंटर भेज दिया गया है, वहीं नाहटा अस्पताल के चिकित्सक को जोधपुर एम्स भेजा गया है. बता दें कि उपखण्ड क्षेत्र में पहले कोविड-19 के हालात एकदम काबू में आ गए थे, लेकिन बालोतरा में सब्जी मंडी व्यापारी पिता और पुत्र कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए.
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उसके बाद लगातार यह चैन शहर के अन्य हिस्सों में भी फैल गई. एक के बाद एक कोविड-19 के मरीज सामने आने लगे. यहां तक कि सोमवार को कोविड-19 के बालोतरा में 23 मरीज सामने आए हैं. उसके बाद प्रशासन की ओर से कोरोना पॉजिटिव आने वाले क्षेत्र में जिरोबमोबिलिटी घोषित कर दिया गया है.
वहीं अब प्रशासन को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर समय रहते बालोतरा में लोगों को कोरोना बचाव की पालना कड़ाई से नहीं करवाई तो हालात और भी खराब हो सकते हैं. लेकिन एक बात तो साफ है कि, जिस तरह से बालोतरा में कोविड-19 के हालात हर दिन बिगड़ रहे हैं, उसका सबसे बड़ा कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करना है.