बाड़मेर. बाड़मेर नगर परिषद (Barmer Municipal Council) कांग्रेस बोर्ड में सभापति और उपसभापति के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद के बाद आखिरकार गुरुवार को उपसभापति सुल्तान सिंह ने जिला कलेक्टर लोक बंधु को इस्तीफा (Deputy Chairman of Barmer Municipal Council resigned) दे दिया. इसके बाद मीडिया से रूबरू होते हुए नगर परिषद के उपसभापति सुल्तान सिंह ने सभापति पर जमकर आरोप लगया. हालांकि सभापति ने भ्रष्टाचार के आरोपों को सिरे से नकार दिया है.
सुल्तान सिंह ने कहा कि नगर परिषद में बिना पैसे के कोई काम नहीं हो रहा था, इसलिए उपसभापति पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने सभापति दिलीप माली और कुछ कार्मिकों पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से इस मामले को अंदर सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन कोई हल नहीं निकला. उपसभापति पद पर होते हुए भी आमजन के बिना पैसों के काम नहीं करा पा रहा था. लोगों के पट्टे नहीं बन रहे थे, ऐसे में घुटन महसूस हो रही थी, इसलिए आज उपसभापति पद से इस्तीफा दिया है.
ईटीवी भारत ने नगर परिषद सभापति दिलीप माली का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. बता दें कि कुछ दिन पहले ही विवाद को भांपते हुए विधायक मेवाराम जैन ने कांग्रेस के पार्षदों की बैठक कर लंबी मंत्रणा की थी. बैठक से पहले ही सभापति और उपसभापति के बीच विवाद जगजाहिर हो गया था. बैठक के बाद सभी ने चुप्पी साध ली और सब सामान्य बताया था. लेकिन आज उपसभापति ने सभापति और नगर परिषद के कुछ कार्मिकों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया.
भ्रष्टाचार के आरोपों को सभापति ने सिरे से नकारा
बाड़मेर नगर परिषद के उपसभापति ने सभापति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए आज जिला कलेक्टर को इस्तीफा सौंप दिया है. इस पूरे मामले को लेकर नगर परिषद के सभापति दिलीप माली ने कहा कि मुझे सोशल मीडिया के जरिए यह जानकारी मिली है कि उपसभापति सुल्तान सिंह ने जिला कलेक्टर को अपना इस्तीफा दे दिया है. सभापति दिलीप माली का कहना है कि उन पर जो भी आरोप लगाए हैं वह सरासर गलत हैं. उन्होंने कहा कि पहले उपसभापति कह रहे थे कि उनके वार्ड में पट्टे नहीं मिल रहे इसको इसको लेकर वो भर्मित थे. इस बात को लेकर विधायक ने आयुक्त के साथ बैठक कर इस भ्रम को दूर करवाया.
उन्होंने कहा कि अब उपसभापति भ्रम में यूं ही आरोप लगा रहे हैं उसमे कोई तथ्य नहीं है. उन्होंने कहा कि आमजन को 11 हजार पट्टे वितरित कर हम प्रदेश में अव्वल चल रहे हैं और अगर भ्रष्टाचार होता है तो लोग पट्टे लेने नहीं आते. घर-घर जाकर हम लोग पट्टे बांट रहे हैं. भ्रष्टाचार जैसी कोई बात अब तक हमारे सामने नहीं आई है. उन्होंने साफ कहा कि वह किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उपसभापति पद से त्यागपत्र देने का ये है प्रावधान
नगर परिषद के उपसभापति ने पद से त्यागपत्र जिला कलेक्टर को सौंपा है. ऐसे में उपसभापति पद से त्यागपत्र देने का क्या प्रावधान है. इसको लेकर नगर परिषद के आयुक्त योगेश आचार्य ने बताया कि राज्य सरकार एवं राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 43/12 के अंतर्गत उपसभापति व सदस्य को अपना त्यागपत्र सभापति को देना होता है जबकि सभापति को कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर त्यागपत्र देना होता है. आयुक्त योगेश आचार्य ने कहा कि आज जानकारी में आया है कि उपसभापति ने त्यागपत्र दिया है. नियमानुसार उपसभापति को इस्तीफा जिला कलेक्टर को ना देकर सभापति के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था. ऐसे में उपसभापति की ओर से दिया गया त्यागपत्र नियमानुसार नहीं है.