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तेरस पर मांजीसा माता के दर्शन के लिए लगा श्रद्धालुओं का तांता, मां को चढ़ाई चुनरी

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Published : Feb 25, 2021, 8:19 PM IST

जसोल धाम में माघ मास की शुक्ल त्रयोदशी को जसोल माता राणी भटियाणी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं. जसोल धाम में श्रद्धालुओं ने मांजीसा के दर्शन के साथ मंदिर परिसर स्थित सवाई सिंहजी राठौड़, लाल सिंहजी, बायोसा मंदिर में आशीर्वाद लेकर खुशहाली की कामना की.

Manjisa Mata Darshan on Teres, barmer latest news,मेले में उमड़ी भीड़
जसोल धाम पर उमड़ी भीड़

बालोतरा (बाड़मेर). कोरोना संकट काल के बाद जसोल धाम में माघ मास की शुक्ल त्रयोदशी को जसोल माता राणी भटियाणी के दर्शन के लिए हजारों की संख्या में
श्रद्धालु पहुंचे हैं. श्रद्धालुओं को घंटों प्रतीक्षा के बाद आई बाड़ी पर मां के दरबार में शीश नवा, कुंकुम, चुंदड़ी प्रसाद मंदिर के बाहर द्वार पर चढ़ाकर परिवार में खुशहाली की कामना की. दिनभर श्रद्धालुओं की आवाजाही से मेले सा माहौल बन गया है.

पढ़ें: नए मोटर व्हीकल एक्ट की जुर्माना राशि में संशोधन, उल्लंघन करने पर जानिए अब कितना लगेगा जुर्माना

गुरुवार सवेरे से ही मंदिर में दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया जो दिन चढ़ने के साथ बढ़ता ही गया. जसोल धाम में श्रद्धालुओं ने मांजीसा के दर्शन के साथ मंदिर परिसर स्थित सवाई सिंहजी राठौड़, लाल सिंहजी, बायोसा मंदिर में आशीर्वाद लेकर खुशहाली की कामना की. श्रद्धालुओं के लगाए जाने वाले जयकारों गाए जाने वाले भजनों से माहौल धर्ममय बना गया.

श्रद्धालुओं ने दिए मंदिर के बाहर राति जोगा

कोरोना के चलते 9 माह तक मंदिर के बंद रहने के बाद माता राणी के प्रति आस्था और मन्नतें पूरी होने पर बहुत से श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर के बाहर राति जोगा दिया. इस दौरान महिलाओं ने भजन कीर्तन किए. त्रयोदशी को ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के दरवाजे खुलते ही यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं ने मां की मंगल आरती कर, शीश नवाकर प्रसाद चढ़ा परिवार में जोली भर खुशहाली की कामना की. त्रयोदशी को लेकर मां की प्रतिमा का गहनों, कपड़ों फूल-मालाओं से विशेष श्रृंगार किया गया. दिन निकलने के साथ बालोतरा सहित आसपास के गांवों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं माजीसा के भजन गाते मंदिर पहुंचे.

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सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहे

कोरोना काल के चलते सरकारी गाइडलाइन की पालना को लेकर मंदिर ट्रस्ट की ओर से इंतजाम किए गए. माता के दर्शन करने वाले भक्तों को बिना मास्क मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया. वहीं यात्रियों को मंदिर में ठहरने के कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. मंदिर ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरीकेडिंग की गई थी. इससे श्रद्धालु पंक्तिबद्ध होकर मंदिर में विराजमान भगवान के दर्शन व्यवस्थित रूप से कर सकेंगे.

बड़ी संख्या में पहुंचा पैदल जत्था

त्रयोदशी को दर्शन करने के लिए बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, जालोर, सांचोर, सिरोही, पाली, जैसलमेर आदि जिलों से सैकड़ों किमी की दूरी तय कर दर्जनों की संख्या में पैदल जत्था मंदिर पहुंचा. वहीं मेले में बालोतरा, समदड़ी, सिणधरी, मोकलसर, सराणा, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, शिव, जालोर, सिरोही के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, एमपी से भी श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ जसोलधाम पहुंचे. डीजे साउंड पर बजते माजीसा के भजनों पर झूमते-नाचते मंदिर पहुुंचे. श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर माजीसा के समक्ष शीश नवाया. मंदिर में मां के दर्शनार्थ आए नव विवाहित जोड़ों ने मंदिर की परिक्रमा लगाकर अपने सुखी दांपत्य जीवन की कामना की.

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12 किमी पैदल चलकर पहुंचा जत्था

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फिर गूंजे माता के जयकारे, कुर्जा मेले में उमड़ी भीड़

कोरोना काल के बाद पहली बार गुरुवार को करीब 200 पैदल यात्रियों का संघ, हाथ में पताका, डीजे की धुन पर मां के जयकारों के साथ कुर्जा पैदल यात्रा संघ स्थानीय कल्याणपुरा से रवाना हुआ. श्रद्धालुओं ने 12 किलोमीटर का सफर कर माता के दरबार में शीश नवाया. मां के चरणों में घोक लगाते हुए मन्नते मांगीं. गुरुवार को पैदल संघ पहुंचने के साथ ही मां के श्रृंगार के साथ भव्य आंगी रचना, विशेष लाइटिंग, फूलों से सजाई गई. उसके बाद मां के भक्त खेतमल बोथरा ने 108 दीपक से मां की आरती उतारी.

मालू भाईपा समाज संस्थान के सहमंत्री रमेश मालू व कोषाध्यक्ष बाबूलाल मालू कगाऊ ने बताया कि गुरुवार को प्रातः कुर्जा पैदल संघ से मेले का श्रीगणेश हुआ. पूरे दिन आयोजित कार्यक्रमों में लाभार्थी परिवारों का मालू भाईपा समाज की ओर से सम्मान किया गया. पैदल यात्रा संघ मां संच्चियाय के भक्तों के साथ 200 से अधिक युवक व युवतियों के साथ रवाना हुआ और कुर्जा मन्दिर पहुंचा. मेले को कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुरूप संपन्न करवाया गया.

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श्रद्धालु पहुंचे हैं. श्रद्धालुओं को घंटों प्रतीक्षा के बाद आई बाड़ी पर मां के दरबार में शीश नवा, कुंकुम, चुंदड़ी प्रसाद मंदिर के बाहर द्वार पर चढ़ाकर परिवार में खुशहाली की कामना की. दिनभर श्रद्धालुओं की आवाजाही से मेले सा माहौल बन गया है.

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गुरुवार सवेरे से ही मंदिर में दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया जो दिन चढ़ने के साथ बढ़ता ही गया. जसोल धाम में श्रद्धालुओं ने मांजीसा के दर्शन के साथ मंदिर परिसर स्थित सवाई सिंहजी राठौड़, लाल सिंहजी, बायोसा मंदिर में आशीर्वाद लेकर खुशहाली की कामना की. श्रद्धालुओं के लगाए जाने वाले जयकारों गाए जाने वाले भजनों से माहौल धर्ममय बना गया.

श्रद्धालुओं ने दिए मंदिर के बाहर राति जोगा

कोरोना के चलते 9 माह तक मंदिर के बंद रहने के बाद माता राणी के प्रति आस्था और मन्नतें पूरी होने पर बहुत से श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर के बाहर राति जोगा दिया. इस दौरान महिलाओं ने भजन कीर्तन किए. त्रयोदशी को ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के दरवाजे खुलते ही यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं ने मां की मंगल आरती कर, शीश नवाकर प्रसाद चढ़ा परिवार में जोली भर खुशहाली की कामना की. त्रयोदशी को लेकर मां की प्रतिमा का गहनों, कपड़ों फूल-मालाओं से विशेष श्रृंगार किया गया. दिन निकलने के साथ बालोतरा सहित आसपास के गांवों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं माजीसा के भजन गाते मंदिर पहुंचे.

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सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त रहे

कोरोना काल के चलते सरकारी गाइडलाइन की पालना को लेकर मंदिर ट्रस्ट की ओर से इंतजाम किए गए. माता के दर्शन करने वाले भक्तों को बिना मास्क मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया. वहीं यात्रियों को मंदिर में ठहरने के कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. मंदिर ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरीकेडिंग की गई थी. इससे श्रद्धालु पंक्तिबद्ध होकर मंदिर में विराजमान भगवान के दर्शन व्यवस्थित रूप से कर सकेंगे.

बड़ी संख्या में पहुंचा पैदल जत्था

त्रयोदशी को दर्शन करने के लिए बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, जालोर, सांचोर, सिरोही, पाली, जैसलमेर आदि जिलों से सैकड़ों किमी की दूरी तय कर दर्जनों की संख्या में पैदल जत्था मंदिर पहुंचा. वहीं मेले में बालोतरा, समदड़ी, सिणधरी, मोकलसर, सराणा, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, शिव, जालोर, सिरोही के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी, एमपी से भी श्रद्धालु मां के दर्शनार्थ जसोलधाम पहुंचे. डीजे साउंड पर बजते माजीसा के भजनों पर झूमते-नाचते मंदिर पहुुंचे. श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर माजीसा के समक्ष शीश नवाया. मंदिर में मां के दर्शनार्थ आए नव विवाहित जोड़ों ने मंदिर की परिक्रमा लगाकर अपने सुखी दांपत्य जीवन की कामना की.

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फिर गूंजे माता के जयकारे, कुर्जा मेले में उमड़ी भीड़

कोरोना काल के बाद पहली बार गुरुवार को करीब 200 पैदल यात्रियों का संघ, हाथ में पताका, डीजे की धुन पर मां के जयकारों के साथ कुर्जा पैदल यात्रा संघ स्थानीय कल्याणपुरा से रवाना हुआ. श्रद्धालुओं ने 12 किलोमीटर का सफर कर माता के दरबार में शीश नवाया. मां के चरणों में घोक लगाते हुए मन्नते मांगीं. गुरुवार को पैदल संघ पहुंचने के साथ ही मां के श्रृंगार के साथ भव्य आंगी रचना, विशेष लाइटिंग, फूलों से सजाई गई. उसके बाद मां के भक्त खेतमल बोथरा ने 108 दीपक से मां की आरती उतारी.

मालू भाईपा समाज संस्थान के सहमंत्री रमेश मालू व कोषाध्यक्ष बाबूलाल मालू कगाऊ ने बताया कि गुरुवार को प्रातः कुर्जा पैदल संघ से मेले का श्रीगणेश हुआ. पूरे दिन आयोजित कार्यक्रमों में लाभार्थी परिवारों का मालू भाईपा समाज की ओर से सम्मान किया गया. पैदल यात्रा संघ मां संच्चियाय के भक्तों के साथ 200 से अधिक युवक व युवतियों के साथ रवाना हुआ और कुर्जा मन्दिर पहुंचा. मेले को कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुरूप संपन्न करवाया गया.

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