बाड़मेर. बीते 5 सालों से एक-दूसरे से अलग रह रहे दंपती ने गिला शिकवा भुलाकर राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान कोर्ट परिसर में फिर से एक हो गए. शनिवार को कोर्ट परिसर में दंपती ने एक-दूसरे को माला पहनकर फिर से एक दूसरे का हाथ थामा.
दरअसल जिले के शिव निवासी रणछोड़राम की शादी कवास निवासी पुष्पा के साथ साल 2010 में हुई थी. शादी के कुछ साल बाद दंपती के बीच आपसी विवाद शुरू हुआ और धीरे धीरे रिश्ते में खटास आई गई. पत्नी पुष्पा ने दहेज प्रताड़ना व भरण पोषण तक के मामले दर्ज करवा दिए. वहीं पति रणछोड़राम ने परेशान होकर तलाक की अर्जी कोर्ट में लगा दी. वर्ष 2018 से दोनों अलग-अलग रह रहे थे. दोनों का मामला कोर्ट में चल रहा था.
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शनिवार को बाड़मेर में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित हुई. इस दौरान परिवारजनों और वकीलों की ओर से पति-पत्नी के बीच वार्ता कर समझाइश का प्रयास किया गया. दोनों को साथ में बैठाकर बातचीत भी करवाई गई. तब दोनों साथ में रहने के लिए राजी हो गए. न्यायाधीश मनोज जोशी ने बताया कि पति-पत्नी के बीच तलाक का मामला चल रहा था. रणछोड़राम की ओर से कोर्ट में तलाक की अर्जी पेश की हुई थी. जिस पर बेंच एवं अधिवक्ताओं द्वारा समझाइश की गई. जिसके चलते दोनों पति-पत्नी अपना विवाद भूलकर अपने घर जा रहे हैं.
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अधिवक्ता ईश्वर सिंह बलाई ने बताया कि साल 2019 में परिवादी रणछोड़राम ने अपनी पत्नी पुष्पा से तलाक की अर्जी दाखिल की थी. करीब 5 वर्ष से मामला कोर्ट में चल रहा है. आज राष्ट्रीय लोक अदालत की भावना से प्रेरित होकर रणछोड़राम और उनकी पत्नी पुष्पा देवी ने साथ में बैठकर कोर्ट में चल रहे सहित मामलों में राजीनामा कर लिया है. पति-पत्नी के रूप में फिर से घर बसाया है.