बाड़मेर. लोकसभा चुनाव से पहले मारवाड़ की सियासत में एक नया उबाल आ सकता है. 2018 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह ने बीजेपी में घर वापसी को संकेत दिए हैं. बाड़मेर में मीडिया से बातचीत के दौरान मानवेंद्र सिंह ने अभी पूरी तरह पत्ते नहीं खोले, लेकिन उन्होंने भाजपा में जाने के सवाल से किनारा भी नहीं किया और जल्द निर्णय लेने की बात कही.
बाड़मेर में मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व सांसद कर्नल मानवेंद्र सिंह ने कहा कि दाता (दिवंगत पिता जसवंत सिंह) प्रत्यक्ष रूप से हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा साथ है. उन्होंने और अटलजी ने आशीर्वाद दिया था कि सही दिशा में और सही काम करो. अपने टारगेट से चूकना मत. विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर उन्होंने इशारों ही इशारों में वसुंधरा राजे पर राजस्थानी भाषा में तंज कसा. वो चुनावी परिणामों से सुकून मिलने की बात कह गए. उन्होंने मारवाड़ी भाषा में कहा- 'जी सोरों होयो' (यानी अब सुकून मिला). उन्होंने इसे स्वाभिमान की जीत बताई. उन्होंने कहा कि सभी ने जीत के बाद भगवान हनुमान को याद किया. आपको बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जसवंत सिंह जसोल को मजाक में 'हनुमान' कहते थे.
घर वापसी को लेकर कही बड़ी बात : इस दौरान मानवेंद्र सिंह से घर वापसी का सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि घर वापसी शब्द मैं कहता नहीं, क्योंकि मैं घर में ही हूं. भारत में हूं. आप पार्टी बोलिए. उन्होंने कहा कि अधिकतम समर्थकों की राय यही है. समर्थकों के साथ आगे चर्चा होगी और बैठकर कोई फैसला लिया जाएगा. जो भी फैसला होगा वो समर्थकों के अनुसार होगा.
इसके बाद मानवेंद्र सिंह से पूछा गया कि लोकसभा चुनाव से पहले क्या वो बड़ा फैसला ले सकते हैं ? जिस पर उन्होंने कहा कि यह तो मैं नहीं कह सकता, क्योंकि यह समर्थकों और टीम पर निर्भर है. वो कब क्या फैसला लें. आपको बता दें कि मानवेंद्र सिंह ने जसवंत सिंह की जयंती के मौके पर यानी 3 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और फेसबुक के कवर फोटो में अटल बिहारी वाजपेई के साथ की एक तस्वीर लगाई है. माना जा रहा है कि इसके पीछे भी कोई संदेश छिपा हुआ है.
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2018 विधानसभा चुनाव से पहले छोड़ी भाजपा : 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मानवेंद्र सिंह विधायक बने, लेकिन 2014 में जब पिता जसंवत सिंह जसोल का भाजपा ने टिकट काट दिया तो पार्टी से उनके रिश्ते भी बिखरने लगे. इसके बाद साल 2018 में बाड़मेर के पचपदरा में स्वाभिमान रैली कर मानवेंद्र सिंह ने भाजपा छोड़ने का फैसला लिया.
इसके बाद मानवेंद्र सिंह 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने झालरापाटन सीट पर चुनाव लड़े. हालांकि, वो हार गए. वहीं, कर्नल को गहलोत सरकार में राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष जिम्मेदारी मिली. विधानसभा चुनाव 2023 में मानवेंद्र सिंह जैसलमेर सीट से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उन्हें सिवाना विधानसभा सीट पर उतार दिया और वो चुनाव हार गए.