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वेंटिलेटर के अभाव में कैंसर पीड़ित की मौत, NRI परिवार ने PM मोदी और CM गहलोत से मांगा जवाब, कहा- भरता हूं 50 लाख टैक्स

बाड़मेर के एक NRI परिवार ने पिता की मौत की वजह जिला अस्पताल में वेंटिलेटर नहीं होना बताया है. NRI परिवार के मुखिया अरविंद जैन ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ट्वीट करते हुए जवाब मांगा है. अरविंद ने लिखा है कि वो हर साल 50 लाख का टैक्स भरते हैं. शहर के छोटे-छोटे प्राइवेट अस्पतालों में वेंटिलेटर है तो फिर जिला अस्पताल में क्यों नहीं.

PM Modi and CM Gehlot, PM मोदी और CM गहलोत
NRI परिवार ने PM मोदी और CM गहलोत से मांगा जवाब.
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Published : Feb 3, 2020, 7:22 PM IST

बाड़मेर. NRI परिवार के मुखिया अरविंद जैन ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा और भी कई बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को ट्वीट करते किया है. अरविंद ने इस द्वीट पर जिक्र करते हुए लिखा है, कि वो हर साल सरकार को 50 लाख टैक्स देते हैं. कुछ दिन पहले उसके पिता पारसमल जैन जो SBI में कार्यरत थे, उनका कैंसर का उपचार गुजरात के अहमदाबाद में चल रहा था. अलविंद ने लिखा कि वो कुछ दिन पहले ही पिता पारसमल जैन को लेकर 23 जनवरी को बाड़मेर आए थे.

NRI परिवार ने PM मोदी और CM गहलोत से मांगा जवाब

बाड़मेर आने के बाद 26 जनवरी को पोस्ट केयर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के राजकीय चिकित्सालय में उन्हें भर्ती करवाया. अरविंद जैन के मुताबिक भर्ती करने के अगले ही दिन उनके पिता की तबियत खराब हो गई. अरविंद ने जब वेंटिलेटर के लिए बोला, तो उन्हें बोला गया कि अस्पताल में वेंटिलेटर की फैसिलिटी नहीं है. उसके बाद अरविंद ने निजी अस्पताल में पिता को भर्ती करने के लिए निकले लेकिन अस्पताल के गेट पर ही पिता पारसमल जैन की मौत हो गई.

अरविंद ने लिखा कि अगर अस्पताल में वेंटिलेटर होता तो मेरे पिता कुछ और दिन जी पाते. मुझे इस बार का बेहद अफसोस है इसलिए में उस सरकार से जबाब चाहता हुं जिसे में 50 लाख का टेक्स देता हूं. ताकि फिर किसी और बाड़मेर के परिवार के साथ ऐसा ना हो. जैन ने आगे लिखा कि, जब जिले में छोटे-छोटे निजी अस्पताल वेंटिलेटर रख सकते हैं तो मेडिकल कॉलेज की 200 डॉक्टर्स वाली अस्पताल में वेंटीलेटर की व्यवस्था क्यों नहीं है. अरविंद जैन के लिखा है कि मैं सरकार से चाहता हूं कि सरकार इस पूरे मामले पर तुरंत एक्शन ले.

सरकार अगर कुछ कदम उठाती है तो मैं सरकार की मदद करने के लिए भी तैयार हूं लेकिन मैं चाहता हूं कि किसी भी हालत में बाड़मेर में वेंटीलेटर के साथ ही आईसीयू वार्ड में सुधार हो. क्योंकि उसकी हालत बेहद खराब है. अरविंद आगे लिखते हैं, कि हमारी इच्छा है कि जो सुविधा मेरे पिता जी को नहीं मिली है उस सुविधा से कोई और मरीज वंचित न रहे. हम दो भाई हैं और भारत का USA में प्रतिनिधित्व करते है. साल में लाखों रुपये का टैक्स भी भरते हैं.

हॉस्पिटल प्रशासन की दलील:

पीएमओ बी. एल मंसुरिया ने कहा कि हॉस्पिटल में अलग-अलग वार्डो में करीब आठ वेंटीलेटर हैं. जरूरत पड़ने पर चालू कर मरीजों को उनमें रखा जाता है. आरएनआई फैमिली को वेंटीलेटर की आवश्यकता थी और उन्हें यह सुविधा क्यों नही मिली है यह मेरी जानकारी में नहीं है. मंसुरिया ने कहा आईसीयू में भी सुविधा थी डॉक्टर ने क्यों नही वेंटीलेटर पर लिया है इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

ये भी पढ़ें: निर्वाचन विभाग की फटकार के बाद RLP को मिली राहत, अब चुनावी प्रक्रिया में होगी पूरी भागीदारी

हलांकि अस्पताल के ही एक कंपाउंडर के मुताबिक पिछले दो साल से अस्पताल में दो वेंटीलेटर रखे हुए हैं लेकिन दोनों का अभी तक उसका उपयोग नहीं किया गया. कंपाउंडर के मुताबिक वेंटीलेटर के लिए अलग से टीम नहीं होने के कारण उन्हें उपयोग में नहीं लिया जा रहा है.

बाड़मेर. NRI परिवार के मुखिया अरविंद जैन ने पीएम मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा और भी कई बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को ट्वीट करते किया है. अरविंद ने इस द्वीट पर जिक्र करते हुए लिखा है, कि वो हर साल सरकार को 50 लाख टैक्स देते हैं. कुछ दिन पहले उसके पिता पारसमल जैन जो SBI में कार्यरत थे, उनका कैंसर का उपचार गुजरात के अहमदाबाद में चल रहा था. अलविंद ने लिखा कि वो कुछ दिन पहले ही पिता पारसमल जैन को लेकर 23 जनवरी को बाड़मेर आए थे.

NRI परिवार ने PM मोदी और CM गहलोत से मांगा जवाब

बाड़मेर आने के बाद 26 जनवरी को पोस्ट केयर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के राजकीय चिकित्सालय में उन्हें भर्ती करवाया. अरविंद जैन के मुताबिक भर्ती करने के अगले ही दिन उनके पिता की तबियत खराब हो गई. अरविंद ने जब वेंटिलेटर के लिए बोला, तो उन्हें बोला गया कि अस्पताल में वेंटिलेटर की फैसिलिटी नहीं है. उसके बाद अरविंद ने निजी अस्पताल में पिता को भर्ती करने के लिए निकले लेकिन अस्पताल के गेट पर ही पिता पारसमल जैन की मौत हो गई.

अरविंद ने लिखा कि अगर अस्पताल में वेंटिलेटर होता तो मेरे पिता कुछ और दिन जी पाते. मुझे इस बार का बेहद अफसोस है इसलिए में उस सरकार से जबाब चाहता हुं जिसे में 50 लाख का टेक्स देता हूं. ताकि फिर किसी और बाड़मेर के परिवार के साथ ऐसा ना हो. जैन ने आगे लिखा कि, जब जिले में छोटे-छोटे निजी अस्पताल वेंटिलेटर रख सकते हैं तो मेडिकल कॉलेज की 200 डॉक्टर्स वाली अस्पताल में वेंटीलेटर की व्यवस्था क्यों नहीं है. अरविंद जैन के लिखा है कि मैं सरकार से चाहता हूं कि सरकार इस पूरे मामले पर तुरंत एक्शन ले.

सरकार अगर कुछ कदम उठाती है तो मैं सरकार की मदद करने के लिए भी तैयार हूं लेकिन मैं चाहता हूं कि किसी भी हालत में बाड़मेर में वेंटीलेटर के साथ ही आईसीयू वार्ड में सुधार हो. क्योंकि उसकी हालत बेहद खराब है. अरविंद आगे लिखते हैं, कि हमारी इच्छा है कि जो सुविधा मेरे पिता जी को नहीं मिली है उस सुविधा से कोई और मरीज वंचित न रहे. हम दो भाई हैं और भारत का USA में प्रतिनिधित्व करते है. साल में लाखों रुपये का टैक्स भी भरते हैं.

हॉस्पिटल प्रशासन की दलील:

पीएमओ बी. एल मंसुरिया ने कहा कि हॉस्पिटल में अलग-अलग वार्डो में करीब आठ वेंटीलेटर हैं. जरूरत पड़ने पर चालू कर मरीजों को उनमें रखा जाता है. आरएनआई फैमिली को वेंटीलेटर की आवश्यकता थी और उन्हें यह सुविधा क्यों नही मिली है यह मेरी जानकारी में नहीं है. मंसुरिया ने कहा आईसीयू में भी सुविधा थी डॉक्टर ने क्यों नही वेंटीलेटर पर लिया है इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

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हलांकि अस्पताल के ही एक कंपाउंडर के मुताबिक पिछले दो साल से अस्पताल में दो वेंटीलेटर रखे हुए हैं लेकिन दोनों का अभी तक उसका उपयोग नहीं किया गया. कंपाउंडर के मुताबिक वेंटीलेटर के लिए अलग से टीम नहीं होने के कारण उन्हें उपयोग में नहीं लिया जा रहा है.

Intro:बाड़मेर

स्पेशल।। वेंटिलेटर के अभाव में पिता की मौत के बाद, 50 लाख टैक्स भरने वाले बाड़मेर के NRI ने ट्वीट कर पीएम सीएम से मांगा जवाब

50 लाख टैक्स भरने वाले NRI अरविंद जैन ने अपनी पिता की दर्द भरी दस्ता ट्वीट कर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं को ट्वीट में ड्यूटी डॉक्टर अनिल सेठिया की की तारीफ लेकिन कई सालों से वेंटिलेटर खराब होने पर सरकार से मांगा जवाब किसी और के पिता के साथ ऐसा ना हो जाए सरकार तुरंत वेंटीलेटर सही करवाएं और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करें मेडिकल कॉलेज होने के बाद भी वेंटिलेटर क्यों बंद है Body:बाड़मेर NRI परिवार के मुखिया अरविंद जैन ने देश प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से लेकर बीजेपी और कोंग्रेस नेताओ को Tiwter के जरिए अपनी दस्ता बताते हुए कहा कि वह हर साल सरकार को 50 लाख टेक्स के paid करता है लेकिन कुछ दिन पहले उसके पिता रिटायर्ड Sbi कैशियर पारसमल जैन को जब दो महीने केंसर का इलाज अहमदाबाद की सबसे महंगी अस्पताल जॉन्डिस का इलाज करवाया ओर उसके बाद 23 फरवरी को बाड़मेर लेकर आ गए उसके बाद 26 को पोस्ट केयर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करवाया जहाँ डॉक्टर अनिल सेठिया ने बहुत इलाज किया लेकिन अगले दिन तबियत खराब हो गई तो मैने वेंटिलेटर के लिए बोला तो मुझे बोला यहाँ फैसिलिटी नहीं है तो फिर मैंने आनन फानन में पता किया तो निजी अस्पताल थार के लिए में लेकर जाने लगा तो गेट से बाहर निकाल ही मौत हो गई अगर वेंटिलेटर होता तो मेरे पिता कुछ और दिन जी कर कुछ और समय निकाल देते लेकिन मुझे इस बार का बेहद अफसोस है इसलिए में उस सरकार से जबाब चाहता हु जिसे में 50 लाख का टेक्स देता हूं ताकि फिर किसी ओर बाड़मेर के परिवार के साथ ऐसा ना हो क्योंकि कई बार तो वेंटिलेटर पर रखने के बाद कई लोग कई महीनों और सालों तक भी जी लेते हैं जब छोटे-मोटे निजी अस्पताल वेंटिलेटर रख सकते हैं तो मेडिकल कॉलेज की 200 डॉक्टरों के अस्पताल में वेंटीलेटर की व्यवस्था क्यों नहीं है इस बात की मुझे बहुत पीड़ा है मैं सरकार से चाहता हूं कि सरकार इस पूरे मामले पर तुरंत एक्शन ले सरकार अगर कुछ कदम उठाती है तो मैं सरकार की मदद करने के लिए भी तैयार हूं लेकिन मैं चाहता हूं कि किसी भी हालत में बाड़मेर में वेंटीलेटर के साथ ही आईसीयू वार्ड में सुधार हो क्योंकि उसकी हालत बेहद खराब हैConclusion:अब हमारी इच्छा है कि जो सुविधा मेरे पिता जी को नही मिली है उस सुविधा से कोई और मरीज वंचित न रहे । हम दो भाई है और भारत का USA में प्रतिनिधित्व करते है । साल में लाखों रुपये का टैक्स भरते है। जब इस पूरे मामले की हमारी टीम ने पड़ताल की तो पता चला वह बैठे कंपाउंडर ने बताया कि 2 साल से दो वेंटीलेटर रखे हुए हैं लेकिन कभी तक उसका उपयोग नहीं हुआ है क्योंकि इसके लिए हमारे पास अलग से टीम नहीं है हॉस्पिटल प्रशाशन का दावा है कि पीएमओ बी एल मंसुरिया ने कहा कि हॉस्पिटल में अलग वार्डो में करीब आठ वेंटीलेटर है और जरूरत पड़ने पर चालू कर मरीज को रखा जाता है आरएनआई फैमिली को वेंटीलेटर की आवश्यकता थी और उन्हें यह सुविधा क्यों नही मिली है यह मेरी जानकारी में नही है। बाकी आईसीयू में सुविधा थी डॉक्टर ने क्यों नही वेंटीलेटर पर लिया है जानकारी में नही है। वहाँ के कंपाउंडर ने ऐसा क्यू कहा की यह पता नही। सबसे बड़ा सवाल है कि अस्पताल प्रशासन दवा कदम 8 वेंटिलेटर है जबकि हकीकत यह है कि वेंटीलेटर का उपयोग करने के लिए कभी भी अस्पताल प्रशासन ने सोचा ही नहीं क्योंकि वह मरीज को यह कहकर टाल देते थे कि यहां पर वेंटिलेटर फैसिलिटी अवेलेबल नहीं है आखिर ऐसा क्यों कब सरकार जागेगी


बाईट- अरविंद जैन ,एन आर आई, USA

बाईट - नितेश जैन,एन आर आई, USA

बाईट- पेनिश वर्मा, कम्पाउंड

बाईट -बी.एल मंसुरिया, पीएमओ , राजकीय हॉस्पिटल बाड़मेर
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