बाड़मेर. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 6 लाख 55 हजार के नकली नोटों की खेप जब्त की है. इसमें शामिल एक नाबालिग को निरुद्ध और पांच अन्य आरोपियों के पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामले का खुलासा बाड़मेर एसपी आनंद शर्मा ने प्रेसवार्ता कर दी.
एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि 4 अगस्त को बैंक में एक नाबालिग ट्रैक्टर की किस्त जमा करने आया था. उस दौरान उन रुपयों में 500 के 10 नकली नोट पाए जाने पर बैंक ने इसकी सूचना कोतवाली थाने पुलिस को दी थी. उसके बाद कोतवाली थाने में मामला दर्जकर नाबालिग को निरुद्ध किया गया था. नाबालिग से पूछताछ के आधार पर चौहटन थाना पुलिस ने अकबर खान पुत्र राणा खान निवासी देवापुर परडिया के यहां दबिश दी. ऐसे में पुलिस ने पांच-पांच सौ के 6 लाख 55 हजार रुपए नकली नोट बरामद किए.
यह भी पढ़ेंः 6 लाख से अधिक के नकली नोटों के साथ शख्स गिरफ्तार...बड़े खुलासे की संभावना
एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि इतनी बड़ी नकली नोटों की खेप मिलने के बाद इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया गया. एएसपी खीव सिंह भाटी, वृत्ताधिकारी वृत चौहटन अजीत सिंह के सुपरविजन में कोतवाली सदर चौहटन बाखासर थानाधिकारी मय पुलिस जाब्ता तथा जिला स्पेशल टीम की विशेष टीमों का गठन कर नकली नोटों की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क के संबंध में गहनता से जांच पड़ताल की.
यह भी पढ़ेंः सीकर: नकली नोट मामले में बड़ा खुलासा, सरगना सहित तीन गिरफ्तार, 3.6 लाख नकली नोट बरामद
साथ ही पूछताछ के निर्देश दिए गए, जिस पर गठित टीमों के द्वारा निरुद्ध नाबालिग और अन्य से पूछताछ कर तकनीकी सहायता के जरिए नकली नोट मामले में शामिल सावन खान पुत्र इस्माइल खान, बच्चू खान पुत्र आरब खान, बादल उर्फ बहादुर खान पुत्र सुराब खान और अजीज खान उर्फ अजिया पुत्र वरियाम खान को दस्तयाब किया गया. पूछताछ में प्रथम दृष्टया नकली नोट मामले में शामिल होना पाया गया, जिन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा.
कूछ यूं देते थे वारदात को अंजाम
दरअसल, भारत और पाकिस्तान की सीमा पर बच्चू खान नामक व्यक्ति का खेत है. पाकिस्तान की ओर से तारबंदी को लांघकर रात के अंधेरे में रोशन खान नाम का व्यक्ति नकली नोटों के पैकेट बच्चू खान के खेत में फेंक देता था. उसके बाद जितने लोग इस गिरोह में शामिल हैं, वे सभी नोटों को लेकर अपने सहयोगियों में बांट देते थे. उसके बाद अलग-अलग माध्यमों से नकली नोटों को धीरे-धीरे बाजार में चलन में लाया जाता था. पुलिस के मुताबिक यह नोट बिल्कुल असली नोटों से मिलते-जुलते हैं. इसलिए कुछ लोग इनकी ठगी का शिकार बन जाते थे. हालांकि यह पूरा मामला तब पता चला जब एक नाबालिग बैंक में रुपए जमा करने गया था, जहां पर उन रुपयों में से 500 के 10 जाली नोट पाए गए.