बाड़मेर. भारतीय जनता पार्टी के प्रेरणा पुंज राष्ट्रवादी विचारक एकात्मता और मानवता की प्रेरणा कुशल संगठनकर्ता लेखक और पत्रकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104वीं जयंती का कार्यक्रम बाड़मेर नगर परिषद में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित किया गया. इसमें भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष आदुराम मेघवाल, पूर्व जिलाध्यक्ष दिलीप पालीवाल, जिला मंत्री अनिता चौहान नगर परिषद के प्रतिपक्ष नेता पृथ्वी चंडक, पूर्व कोषाध्यक्ष प्रकाश सन ऑफ कैलाश कोटडिया डॉ. राधा रामावत खीम सिंह चौहान, रमेश सिंह इंदा, कैलाश आचार्य, प्रदीप शर्मा, मांगीलाल महाजन, नरपत सिंह धारा, धनराज सोनी, अंबालाल अलबेला, पवन शर्मा अरविंद शारदा और हितेन सिंधी सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे.
बाड़मेर नगर परिषद स्थित पंडित दीनदयाल सभागार में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104 वी जयंती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर पुष्पांजलि दी. भाजपा जिला अध्यक्ष आदुराम मेघवाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक चिंतक और कुशल संगठनकर्ता थे. वे भारतीय जनसंघ के संस्थापक, महामंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को योगा अनुकूल रूप से प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्मा मानवता के परिभाषित किया है. वह एक समावेशित विचारधारा के समर्थक थे.
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उन्होंने कहा कि जनसंघ की स्थापना श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा वर्ष 1951 में की गई और दीनदयाल उपाध्याय को प्रथम महासचिव नियुक्त किया गया. वे लगातार दिसंबर 1970 तक जन संघ के महासचिव बने रहे, उनकी कार्यक्षमता खुफिया गतिविधियों और परिपूर्णता के गुणों से प्रभावित होकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उनके लिए गर्व से सम्मानपूर्वक कहते थे कि यदि मेरे पास दो दीनदयाल होते तो मैं भारत का राजनीतिक चेहरा बदल सकता हूं, अचानक वर्ष 1953 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के असमय निधन से पूर्व संगठन की जिम्मेदारी दीनदयाल उपाध्याय के युवा कंधों पर आ गई.