बाड़मेर. बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधयेक हमारा आंतरिक मामला है. इसमें अमेरिका को दखलंदाजी देने की जरूरत नहीं है. इस बात से उनका कोई लेना देना नहीं है. राम माधव बाड़मेर में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे, तब उन्होंने उक्त बात कही.
गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक को पेश किए जाने के बाद देश में कई विरोधी राजनीतिक दलों सहित विदेशों में भी विरोध किया जा रहा है. वहीं मंगलवार को राम माधव बाड़मेर के धोरीमन्ना में एक सामाजिक कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचे. भाजपा के महासचिव ने इस पूरे मामले पर बात करते हुए कहा कि देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए लोगों को भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने नागरिक बनाया. कई लोग धार्मिक उत्पीड़न के कारण हिंदुस्तान आते रहे हैं. देश में अब तक डेढ़ करोड़ ऐसे हमारे भाई हैं, जिनको अभी तक हम नागरिकता नहीं दे पाए हैं.
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इस बिल के बाद सब लोगों को नागरिकता दे पाएंगे. देश का विभाजन धार्मिक आधार पर किया गया, जिसका नुकसान हम आज भी झेल रहे हैं. साथ ही बीजेपी महासचिव ने कहा कि तीनों पड़ोसी देश इस्लामिक बन गए हैं, जहां पर हिंदू, बौद्ध, सिख और ईसाई धर्म के अल्पसंख्यक लोग प्रताड़ित हो रहे हैं. इसलिए वे लोग हिंदुस्तान पलायन कर रहे हैं. ऐसे लोगों को नागरिकता देना हमारा धर्म है. राम माधव ने कहा कि जो लोग राजनीतिक विरोध कर रहे हैं, उनको यह समझना चाहिए कि भारत के इतिहास में जो लोग शरणार्थी आए हैं, उनको हमने हमेशा शरण दी है. इसलिए इन लोगों का विरोध नाजायज है.
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पूर्वोत्तर भारत में कुछ लोग इसका विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं आश्वासन देता हूं कि इस बिल के कारण देश में किसी राज्य और समुदाय विशेष को कोई तकलीफ नहीं होगी. इसलिए किसी को दुष्प्रचार के प्रभाव में नहीं आना चाहिए. अमेरिका और पाकिस्तान में इस बिल का विरोध करने पर राम माधव ने कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है. इस पर विदेशों को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. हम विदेशों से आए शरणार्थियों को नागरिकता दे रहे हैं तो इस बात से उनको क्या लेना देना है.