बाड़मेर. बाड़मेर में पंचायती राज चुनाव के तहत दाखिल उम्मीदवारी के पर्चों को 10 नवंबर को जांच किया गया था. नामांकन पत्रों की जांच में बाड़मेर जिला परिषद सदस्य के लिए बीजेपी के उम्मीदवार नरसिंह कड़वासरा का पर्चा जिला निर्वाचन अधिकारी विश्राम मीणा ने खारिज कर दिया था. इसके बाद बीजेपी के नेताओं ने जिला निर्वाचन अधिकारी पर विधायक के दबाव में काम करने का आरोप लगा दिया.
बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन के दबाव में फॉर्म खारिज कर दिया गया. इस मामले में नरसिंह कड़वासरा का आरोप है कि उनके नामांकन के साथ कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन या उनके अन्य लोगों ने फर्जी तरीके से स्कैन करके और फर्जी तरीके से काट छांट की. इस मामले में कड़वासरा ने कोर्ट के जरिए एफआईआर दर्ज करवाने की बात भी कही.
राजस्थान में जिला परिषद और पंचायती समितियों के चुनाव का दौर चल रहा है. नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. लेकिन बाड़मेर विधानसभा से कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन पर बीजेपी के प्रत्याशी गंभीर आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी के जिला परिषद के वार्ड संख्या 13 से प्रत्याशी नरसिंह कड़वासरा ने प्रेस वार्ता कर वे सारे डॉक्यूमेंट पेश कर बताया कि उनके डॉक्यूमेंट के साथ छेड़छाड़ की गई है और एडिट करके एक फोटो कॉपी के आधार पर उनके फॉर्म को खारिज कर दिया गया है.
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उन्होंने यह भी कहा कि एक कलेक्टर विधायक के दबाव में इस तरीके की कार्रवाई करता है तो यह लोकतंत्र की हत्या है. गौरतलब है कि बीजेपी के नेताओं ने यह भी आरोप लगाया था कि पहले नगर परिषद के चुनाव में कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन के कहने पर बीजेपी के कई प्रत्याशियों के फॉर्म खारिज किए और इसी तरीके के आरोप केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भी कांग्रेस पर लगाए हैं कि उनकी प्रत्याशियों के नामांकन कांग्रेस ने खारिज करवाए हैं. अब इस मामले में अगर केस दर्ज होता है तो आने वाले समय में कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.