जयपुर. बाड़मेर के पचपदरा में अनुसूचित जाति की महिला के साथ दुष्कर्म के बाद जलाने की घटना से हुई मौत के मामले ने शनिवार को तूल पकड़ लिया. इस मामले में एक तरफ राजनीति गरमाई हुई है, तो दूसरी ओर स्थानीय लोगों में भी भारी नाराजगी देखने को मिली है.
घटना के बाद एक तरफ जहां पीड़िता के घर पर सन्नाटा पसरा हुआ है, वहीं दूसरी ओर पीड़िता के पति अपने चार मासूम बच्चों के साथ जोधपुर में मोर्चरी के बाहर शव का इंतजार कर रहे हैं. वहीं शव के पोस्टमार्टम पर भी मुआवजे की बात को लेकर तनातनी का माहौल है. स्थानीय बाशिंदों ने आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है. घटना की प्रत्यक्षदर्शी और पीड़ित की पड़ोसी महिला ने पूरे घटनाक्रम को बयां करते हुए अपनी बात रखी.
घटना के बाद खड़े हो गए थे रोंगटेः पचपदरा कांड में दुष्कर्म पीड़ित को जलाकर मारने की घटना के बारे में बताते हुए पड़ोसी महिला ने कहा कि दुष्कर्म की वारदात के बाद आरोपी ने महिला के चेहरे पर कुछ ज्वलनशील पदार्थ डाल दिया था. जिससे वह झुलस गई थी, इससे पहले महिला के चीखने की आवाज सुन कर आसपास से कई औरतें मौके पर पहुंची थी. इस महिला के अनुसार उन्होंने पीड़िता को तत्काल नाहटा अस्पताल पहुंचाया, लेकिन मौके पर महिलाएं होने के कारण भी वे घबरा गई थी. उन्होंने कहा कि घटना को अंजाम देने वाला शख्स पीड़िता का पड़ोसी है और उसे सरकार को सख्त से सख्त सजा देनी चाहिए. इस महिला के मुताबिक घटना के बाद महिला की हालत को देखकर वे लोग बुरी तरह से घबरा गए थे, घटना के बाद से महिलाओं में भय का माहौल है. उनका कहना है कि वे दिन भर घर में अकेली रहती हैं और बच्चे भी छोटे हैं.
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महिला आयोग ने भी मांगी रिपोर्टः पचपदरा कांड को लेकर ईटीवी भारत को महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने बताया कि उन्होंने घटना के बारे में अधिकारियों से बातचीत की है. इस मामले में पीड़ित पक्ष को इंसाफ सुनिश्चित हो, इसके निर्देश दिए गए हैं. साथ ही आरोपी शख्स के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई के लिए पुलिस को निर्देशित किया है. रेहाना रियाज ने बताया कि वे कोशिश करेंगी कि सरकार की ओर से जल्द से जल्द पीड़ित पक्ष को ज्यादा से ज्यादा मुआवजा दिलवाया जाए. उन्होंने बताया कि जल्द वे बाड़मेर जाकर पीड़ित पक्ष से मुलाकात भी करेंगी. मामले में गरमा रही राजनीति को लेकर रेहाना रियाज ने कहा कि अपराधी किसी भी समाज से हो, वह अपराधी ही होता है और उसे सजा मिलने की व्यवस्था में सबको सहयोग करना चाहिए.
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आरोपों पर पुलिस की सफाईः बाड़मेर के पचपदरा में हुई घटना को लेकर पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद ने बताया कि पुलिस पर लेटलतीफी के आरोप गलत हैं. परिजनों ने 7 अप्रैल को इस वाकये को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके बाद आरोपी को डिटेन कर लिया गया है. वहीं महिला की मौत के बाद इस मामले में हत्या से जुड़ी हुई धाराओं को भी जोड़ा गया है. क्योंकि महिला अनुसूचित जाति की थी, ऐसे में इस पूरे मुकदमे में एससी-एसटी एक्ट को लेकर भी संबंधित धाराओं को शामिल किया गया है. पुलिस की मौजूदगी में महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान दर्ज करवा दिए थे. फिलहाल सरकार की समझौते की शर्तों से पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं है. यही वजह है कि अब मृतक महिला के रिश्तेदारों ने बालोतरा में धरना शुरू कर दिया है और प्रशासन के साथ उनकी वार्ता नाकाम रही है. फिलहाल मृतक के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका है और शव को जोधपुर में ही मोर्चरी में रखवाया गया है.