बाड़मेर. कोरोना की आपदा में राहत पहुंचाने के लिए लागू की गई गरीब कल्याण रोजगार योजना में सर्वाधिक राशि खर्च करने वाले जिलों में बाड़मेर शुमार हो गया है. जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने योजना के सभी घटकों में बेहतर कार्य करने के निर्देश दिए हैं. कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को आयोजित योजना की समीक्षा बैठक में बाड़मेर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने ये जानकारी दी.
जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते हजारों की तादाद में घर लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए गरीब कल्याण रोजगार योजना जीवन यापन का जरिया बनी है. योजनान्तर्गत प्रवासी मजदूरों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के संबंध में जिला कलेक्टर ने अधिक बेहतर कार्य करने को कहा. उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार योजना के विभिन्न घटकों डीएमएफटी, बीएडीपी, पीएमएवाई, एसपीआरएम मे निर्धारित लक्ष्यों को समय पर अर्जित कर कार्य पूरे किए जाएं, ताकि इन योजनाओं में अधिकाधिक रोजगार सृजन हो सके. इन सभी योजनाओं में रोजगार सृजिन में प्रवासियों का विशेष ध्यान रखा जाए.
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जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने कहा कि जिले में सामाजिक आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए केंद्र तथा राज्य की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. वर्तमान चालू योजनाओं के अंतर्गत अधिकतम प्रवासी लोगों को रोजगार मुहैया कराए जाएं. जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी विकास योजना में दिए जा रहे रोजगार के अंतर्गत प्रवासी तथा स्थानीय दोनों प्रकार के रोजगार सृजन के आंकड़े प्रतिदिन दिए जाएं तथा इसमें प्रवासियों के रोजगार में क्रमिक बढ़ोतरी की जाए.
जिला कलेक्टर ने केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं प्रधानमंत्री आवास योजना एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में अधिकतम प्रवासियों को रोजगार देने को कहा. उन्होंने कहा कि ग्रुप ऑफ एक्टिविटी के अंतर्गत विभिन्न कार्य यथा कृषि, पशुपालन, जल संरक्षण, चारागाह का विकास आदि में प्रवासियों का नियोजन बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि आगामी तीन माह के दौरान सभी योजनाओं में प्राथमिकता के साथ प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराए जाएं. इससे पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहन दान रतनू ने योजनावार रोजगार के आंकड़ों से अवगत कराया. बैठक में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे.