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भाजपा का संगठन पर्व: एक दर्जन जिला अध्यक्षों की घोषणा आज संभव, विवाद टालने के लिए बड़े नेताओं ने संभाली कमान - ORGANIZATIONAL ETLECTION IN BJP

भाजपा में जिला अध्यक्षों के निर्वाचन का सिलसिला जारी है. आज एक दर्जन जिला अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है.

organizational etlection in bjp
चुनाव प्रभारी नारायण पंचारिया (ETV Bharat jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 27, 2025, 2:17 PM IST

जयपुर : भाजपा में इन दिनों सांगठनिक चुनाव का अभियान 'संगठन पर्व' चल रहा है. इसमें अब जिला अध्यक्षों के चुनाव होने हैं. मंडल अध्यक्ष चुनाव में जिस तरह से विवाद खड़ा हुआ और कई मंडल अध्यक्षों के नाम घोषित होने के बाद निरस्त करने पड़े, उस स्थिति में जिला अध्यक्ष के चयन के वक्त बचने के लिए पार्टी ने ठोस रणनीति बनाई है. पार्टी जिला अध्यक्षों के नाम एक साथ घोषित करने की जगह हर जिले में अलग-अलग सर्व सम्मति नाम घोषित करने की योजना पर काम कर रही है. इसमें पार्टी के बड़े नेताओं को अलग-अलग जिले की जिम्मेदारी दी है. संगठन के स्तर पर 44 जिलों में से बीजेपी ने 5 जिलों की पहले घोषणा कर दी. अब आज करीब एक दर्जन जिलों की घोषणा होगी. इसके साथ ही अगले तीन दिन में सभी जिला अध्यक्षों के नाम घोषित होने का दावा पार्टी की तरफ से किया जा रहा है.

इन जिलों के नामों की हो सकती है घोषणा: बताया जा रहा है कि बीजेपी सोमवार को एक दर्जन जिलों में अध्यक्ष के चुनाव सम्पन्न कर इनके नामों की घोषणा कर सकती है. शेष जिलाध्यक्षों के अगले तीन दिन दिन में नाम घोषित हो जाएंगे. जिन जिलों की आज घोषणा होने की सम्भावना है, इनमें जोधपुर शहर, जोधपुर देहात, कोटा शहर, कोटा देहात, नागौर, हनुमानगढ़, गंगानगर सहित अन्य जिले शामिल हैं. पार्टी की तरफ से दावा किया जा रहा है कि जिला अध्यक्षों के चुनाव सर्व सम्मति से किया जा रहा है. यही वजह है कि बड़े नेता जिलों में पहुंच कर चुनाव प्रकिया को पूरा कर रहे हैं. इसी कड़ी में जोधपुर में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, कोटा में चुनाव प्रभारी नारायण पंचारिया अन्य जिलों में पार्टी के प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में चुनाव होंगे.

पढ़ें: भाजपा का संगठन पर्व : राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोष ने निर्वाचन अधिकारियों और पर्यवेक्षकों से लिया फीडबैक

सर्व सम्मति से किया जा रहा चुनाव: दरअसल, भाजपा का संगठन पर्व राजस्थान में तय कार्यक्रम से करीब एक महीने पीछे चल रहा है. बीजेपी को 30 दिसंबर 2024 तक जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा करनी थी, इसके बाद 15 जनवरी तक प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन होना था, लेकिन जनवरी का आधा पखवाड़ा समाप्त होने तक भी मंडल अध्यक्षों के चुनाव पर ही सहमति नहीं बन पाई. 1100 से ज्यादा मंडल में से सिर्फ अभी तक 900 के करीब के ही चुनाव सम्पन्न हुए हैं. जिन जिलों में मंडल अध्यक्ष बन चुके हैं, वहां पर पार्टी ने जिला अध्यक्ष भी घोषित करना शुरू कर दिए हैं.

चुनाव प्रभारी नारायण पंचारिया ने कहा कि पार्टी में चुनाव को लेकर कहीं पर कोई विवाद नहीं है. सर्वसम्मति से चुनाव प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है. कोटा व जोधपुर सहित कई जिलों में आज जिलाध्यक्षों की घोषणा हो जाएगी, शेष सभी जिला अध्यक्ष 31 जनवरी से पहले घोषित हो जाएंगे. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होगी.

यह भी पढ़ें: अजमेर में बोले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राठौड़, आगामी चार वर्ष 'चुनाव-चुनाव' नहीं, केवल 'विकास-विकास' होगा

शर्तों ने बढ़ाई मुसीबत: संगठन चुनाव में पिछड़ने की सबसे बड़ी वजह पार्टी नेतृत्व की ओर से जारी की शर्तें हैं. इस बार बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने संगठन चुनावों को महज औपचारिकता न रखकर पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए कराने का निर्णय लिया. केन्द्रीय नेतृत्व ने मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के पद पर निर्वाचित होने वाले नेता के लिए कड़ी शर्तें लगा दी. इन शर्तों में प्रत्याशी की उम्र तय होने से लेकर उसकी योग्यता के कई मापदंड तय कर दिए गए. ऐसे में पार्टी के लिए इन शर्तों पर खरे उतरने वाले प्रत्याशियों को खोजना एक चुनौती बन गई.

ये लगाई शर्तें: शर्तों की बात की जाए तो पहली शर्त है मंडल अध्यक्ष की उम्र 35 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए. जिला अध्यक्ष का 45 से 60 वर्ष के बीच का होना जरूरी है. मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष वही बन सकते हैं, जो किसी पद पर रहे हो. अगर पहले दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं तो तीसरी बार नहीं बन सकते, पार्टी का सक्रिय सदस्य होना जरूरी. विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी की खिलाफत नहीं की हो. इसके अलावा आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए.

लंबी जद्दोजहद के बाद भाजपा ने अजमेर, भरतपुर, अलवर दक्षिण और अलवर उत्तर, हनुमानगढ़ सहित 6 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा कर दी है. अभी भी बीजेपी को 38 जिलाध्यक्षों को चुनना बाकी है. इसके लिए प्रदेश बीजेपी ने 31 जनवरी तक की मोहलत दी है.

जयपुर : भाजपा में इन दिनों सांगठनिक चुनाव का अभियान 'संगठन पर्व' चल रहा है. इसमें अब जिला अध्यक्षों के चुनाव होने हैं. मंडल अध्यक्ष चुनाव में जिस तरह से विवाद खड़ा हुआ और कई मंडल अध्यक्षों के नाम घोषित होने के बाद निरस्त करने पड़े, उस स्थिति में जिला अध्यक्ष के चयन के वक्त बचने के लिए पार्टी ने ठोस रणनीति बनाई है. पार्टी जिला अध्यक्षों के नाम एक साथ घोषित करने की जगह हर जिले में अलग-अलग सर्व सम्मति नाम घोषित करने की योजना पर काम कर रही है. इसमें पार्टी के बड़े नेताओं को अलग-अलग जिले की जिम्मेदारी दी है. संगठन के स्तर पर 44 जिलों में से बीजेपी ने 5 जिलों की पहले घोषणा कर दी. अब आज करीब एक दर्जन जिलों की घोषणा होगी. इसके साथ ही अगले तीन दिन में सभी जिला अध्यक्षों के नाम घोषित होने का दावा पार्टी की तरफ से किया जा रहा है.

इन जिलों के नामों की हो सकती है घोषणा: बताया जा रहा है कि बीजेपी सोमवार को एक दर्जन जिलों में अध्यक्ष के चुनाव सम्पन्न कर इनके नामों की घोषणा कर सकती है. शेष जिलाध्यक्षों के अगले तीन दिन दिन में नाम घोषित हो जाएंगे. जिन जिलों की आज घोषणा होने की सम्भावना है, इनमें जोधपुर शहर, जोधपुर देहात, कोटा शहर, कोटा देहात, नागौर, हनुमानगढ़, गंगानगर सहित अन्य जिले शामिल हैं. पार्टी की तरफ से दावा किया जा रहा है कि जिला अध्यक्षों के चुनाव सर्व सम्मति से किया जा रहा है. यही वजह है कि बड़े नेता जिलों में पहुंच कर चुनाव प्रकिया को पूरा कर रहे हैं. इसी कड़ी में जोधपुर में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, कोटा में चुनाव प्रभारी नारायण पंचारिया अन्य जिलों में पार्टी के प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में चुनाव होंगे.

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सर्व सम्मति से किया जा रहा चुनाव: दरअसल, भाजपा का संगठन पर्व राजस्थान में तय कार्यक्रम से करीब एक महीने पीछे चल रहा है. बीजेपी को 30 दिसंबर 2024 तक जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा करनी थी, इसके बाद 15 जनवरी तक प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन होना था, लेकिन जनवरी का आधा पखवाड़ा समाप्त होने तक भी मंडल अध्यक्षों के चुनाव पर ही सहमति नहीं बन पाई. 1100 से ज्यादा मंडल में से सिर्फ अभी तक 900 के करीब के ही चुनाव सम्पन्न हुए हैं. जिन जिलों में मंडल अध्यक्ष बन चुके हैं, वहां पर पार्टी ने जिला अध्यक्ष भी घोषित करना शुरू कर दिए हैं.

चुनाव प्रभारी नारायण पंचारिया ने कहा कि पार्टी में चुनाव को लेकर कहीं पर कोई विवाद नहीं है. सर्वसम्मति से चुनाव प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है. कोटा व जोधपुर सहित कई जिलों में आज जिलाध्यक्षों की घोषणा हो जाएगी, शेष सभी जिला अध्यक्ष 31 जनवरी से पहले घोषित हो जाएंगे. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होगी.

यह भी पढ़ें: अजमेर में बोले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राठौड़, आगामी चार वर्ष 'चुनाव-चुनाव' नहीं, केवल 'विकास-विकास' होगा

शर्तों ने बढ़ाई मुसीबत: संगठन चुनाव में पिछड़ने की सबसे बड़ी वजह पार्टी नेतृत्व की ओर से जारी की शर्तें हैं. इस बार बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने संगठन चुनावों को महज औपचारिकता न रखकर पूरी प्रक्रिया अपनाते हुए कराने का निर्णय लिया. केन्द्रीय नेतृत्व ने मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष के पद पर निर्वाचित होने वाले नेता के लिए कड़ी शर्तें लगा दी. इन शर्तों में प्रत्याशी की उम्र तय होने से लेकर उसकी योग्यता के कई मापदंड तय कर दिए गए. ऐसे में पार्टी के लिए इन शर्तों पर खरे उतरने वाले प्रत्याशियों को खोजना एक चुनौती बन गई.

ये लगाई शर्तें: शर्तों की बात की जाए तो पहली शर्त है मंडल अध्यक्ष की उम्र 35 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए. जिला अध्यक्ष का 45 से 60 वर्ष के बीच का होना जरूरी है. मंडल अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष वही बन सकते हैं, जो किसी पद पर रहे हो. अगर पहले दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं तो तीसरी बार नहीं बन सकते, पार्टी का सक्रिय सदस्य होना जरूरी. विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी की खिलाफत नहीं की हो. इसके अलावा आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए.

लंबी जद्दोजहद के बाद भाजपा ने अजमेर, भरतपुर, अलवर दक्षिण और अलवर उत्तर, हनुमानगढ़ सहित 6 जिलों के अध्यक्षों की घोषणा कर दी है. अभी भी बीजेपी को 38 जिलाध्यक्षों को चुनना बाकी है. इसके लिए प्रदेश बीजेपी ने 31 जनवरी तक की मोहलत दी है.

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