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SPECIAL: अंजीर की खेती से बदलेगी सरहदी 'धरती पुत्रों' की तकदीर

बाड़मेर के मरुस्थलीय क्षेत्र में पानी की कम उपलब्धता और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद किसान की मेहनत रंग ला रही है. यहां के किसान अब वैज्ञानिक तरीके से खेती करते हुए अनाज के साथ फलदार पौधों को महत्व देने लगे हैं. इनमें आम, अनार और अंगूर के बाद अब रेगिस्तान में अंजीर के पौधे लगाए जा रहे हैं.

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अंजीर की खेती की तरफ किसानों का बढ़ रहा रुझान
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Published : Aug 10, 2020, 6:41 PM IST

चौहटन (बाड़मेर). चौहटन में स्थित थार मरुस्थल के पश्चिमी क्षेत्र में अब अंजीर खेती को लेकर आजमाइश शुरू की गई है. अंजीर के पौधे यहां शानदार तरीके से खेतों में लहलहा रहे हैं. इनमें बड़ी मात्रा में फल भी लगने शुरू हो गए हैं. एक कंपनी ने चौहटन के निकट एडवोकेट रूप सिंह राठौड़ के 'ठाकुर हेम सिंह कृषि फार्म' के साथ अनुबंध कर मरुस्थल में इनवेस्ट कर रही है, जिससे कि यहां पर किसानों की तकदीर बदलने की भरपूर संभावनाएं नजर आ रही हैं.

अंजीर की खेती की तरफ किसानों का बढ़ रहा रुझान

चौहटन उपखंड क्षेत्र में खजूर और अनार की खेती में मिली अपार सफलता के बाद एक कंपनी ने यहां अंजीर की खेती पर प्रयोग शुरू किया, जिसमें बेहद अनुकूल परिणाम आते दिखाई दे रहे हैं. कंपनी ने हेम सिंह कृषि फार्म से संपर्क कर तीन बिघा जमीन पर करीब 600 अंजीर के पौधे लगवाकर एक साल पहले पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. हालांकि दो साल में इन पौधों पर फसल पककर तैयार होती है, लेकिन यहां अभी से पौधों पर अंजीर के फल निकल रहे हैं, जो कुछ महीने में पककर तैयार हो जाएंगे.

कंपनी ने किया था एग्रीमेंट

कंपनी ने फिलहाल साठ रुपए प्रति किलो की दर से फार्म मालिक राठौड़ के साथ एग्रीमेंट किया है. खरीद के बाद कंपनी इसकी प्रोसेसिंग शुरू करेगी. उसके बाद इस रेगिस्तानी अंजीर में बाजार में उतारेगी. अंजीर की बाजार में कीमत 800 से 1 हजार रुपए प्रति किलो होती है. हालांकि अंजीर के भाव मौजूदा समय के बाजार भाव पर भी निर्भर करता है.

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सरहदी किसानों की बदलेगी तकदीर

अंजीर क्या है?

दुनियाभर में अंजीर को औषधीय और खाने का स्‍वाद बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है. इस कुरकुरे और मीठे फल का इस्‍तेमाल कई साल से रोगों के इलाज में किया जाता रहा है. अंजीर को स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद माना जाता है.

यह भी पढ़ेंः स्पेशल: 'अनलॉक टूरिज्म' का पैगाम दे रहे कारोबारी, राजस्थान से दिया सैलानियों को न्योता

पुराने समय में मानव द्वारा उगाए जाने वाले फलों में अंजीर का नाम भी शामिल है. इतना ही नहीं इस फल का उल्‍लेख बाइबिल तक में किया गया है. अब इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अंजीर सेहत के लिए कितनी लाभकारी है.

यह भी पढ़ेंः स्पेशल: लॉकडाउन में हुए थे बेरोजगार, पुश्तैनी धंधे को शुरू कर बन गए 'आत्मनिर्भर'

अंजीर रसीला और गूदेदार फल होता है. दिलचस्‍प बात यह है कि अंजीर का स्‍वाद इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कहां उगाया गया है और यह कितना पका है. कब्‍ज, जुकाम और फेफड़ों से संबंधित रोगों के इलाज में अंजीर को लाभकारी माना गया है.

चौहटन (बाड़मेर). चौहटन में स्थित थार मरुस्थल के पश्चिमी क्षेत्र में अब अंजीर खेती को लेकर आजमाइश शुरू की गई है. अंजीर के पौधे यहां शानदार तरीके से खेतों में लहलहा रहे हैं. इनमें बड़ी मात्रा में फल भी लगने शुरू हो गए हैं. एक कंपनी ने चौहटन के निकट एडवोकेट रूप सिंह राठौड़ के 'ठाकुर हेम सिंह कृषि फार्म' के साथ अनुबंध कर मरुस्थल में इनवेस्ट कर रही है, जिससे कि यहां पर किसानों की तकदीर बदलने की भरपूर संभावनाएं नजर आ रही हैं.

अंजीर की खेती की तरफ किसानों का बढ़ रहा रुझान

चौहटन उपखंड क्षेत्र में खजूर और अनार की खेती में मिली अपार सफलता के बाद एक कंपनी ने यहां अंजीर की खेती पर प्रयोग शुरू किया, जिसमें बेहद अनुकूल परिणाम आते दिखाई दे रहे हैं. कंपनी ने हेम सिंह कृषि फार्म से संपर्क कर तीन बिघा जमीन पर करीब 600 अंजीर के पौधे लगवाकर एक साल पहले पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. हालांकि दो साल में इन पौधों पर फसल पककर तैयार होती है, लेकिन यहां अभी से पौधों पर अंजीर के फल निकल रहे हैं, जो कुछ महीने में पककर तैयार हो जाएंगे.

कंपनी ने किया था एग्रीमेंट

कंपनी ने फिलहाल साठ रुपए प्रति किलो की दर से फार्म मालिक राठौड़ के साथ एग्रीमेंट किया है. खरीद के बाद कंपनी इसकी प्रोसेसिंग शुरू करेगी. उसके बाद इस रेगिस्तानी अंजीर में बाजार में उतारेगी. अंजीर की बाजार में कीमत 800 से 1 हजार रुपए प्रति किलो होती है. हालांकि अंजीर के भाव मौजूदा समय के बाजार भाव पर भी निर्भर करता है.

चौहटन की खबर  अंजीर की खेती  बाड़मेर में किसान  बाड़मेर में मरुस्थलीय क्षेत्र  एडवोकेट रूप सिंह राठौड़  ठाकुर हेम सिंह कृषि फार्म  barmer news  rajasthan news  thakur hem singh agricultural
सरहदी किसानों की बदलेगी तकदीर

अंजीर क्या है?

दुनियाभर में अंजीर को औषधीय और खाने का स्‍वाद बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है. इस कुरकुरे और मीठे फल का इस्‍तेमाल कई साल से रोगों के इलाज में किया जाता रहा है. अंजीर को स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद माना जाता है.

यह भी पढ़ेंः स्पेशल: 'अनलॉक टूरिज्म' का पैगाम दे रहे कारोबारी, राजस्थान से दिया सैलानियों को न्योता

पुराने समय में मानव द्वारा उगाए जाने वाले फलों में अंजीर का नाम भी शामिल है. इतना ही नहीं इस फल का उल्‍लेख बाइबिल तक में किया गया है. अब इसी बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अंजीर सेहत के लिए कितनी लाभकारी है.

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अंजीर रसीला और गूदेदार फल होता है. दिलचस्‍प बात यह है कि अंजीर का स्‍वाद इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कहां उगाया गया है और यह कितना पका है. कब्‍ज, जुकाम और फेफड़ों से संबंधित रोगों के इलाज में अंजीर को लाभकारी माना गया है.

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