बाड़मेर. प्रदेश में लगातार कोविड-19 का संक्रमण बढ़ रहा है. कोरोना की वजह से कई लोगों की मौत भी हो गई है. उसके बाद अब प्लाजमा थेरेपी से कोविड-19 के गंभीर मरीजों का उपचार करने की कवायद तेज हो गई है. बाड़मेर में मंगलवार को राजकीय चिकित्सालय में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरके आसेरी और प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएल मंसूरिया ने जिले के रक्तदाताओं समूहों और मीडिया प्रतिनिधियों को बुलाकर बैठक आयोजित कर प्लाज्मा थेरेपी के बारे में विस्तृत चर्चा कर जानकारी दी.
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल आरके आसेरी और प्रमुख चिकित्सा अधिकारी बीएल मंसूरिया ने बताया कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों का उपचार करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी कारगर उपाय है. ऐसे में जो लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं उन लोगों को मोटिवेट करके प्लाज्मा डोनेट करवाया जाए तो गंभीर मरीजों का उपचार प्लाजमा थेरेपी के जरिए करके उनकी जिंदगी बचाई जा सकती है. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरके आसेरी ने बताया कि आज रक्तदाता समूह के संचालकों औऱ गणमान्य नागरिकों को बुलाकर प्लाजमा थेरेपी के लिए कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों को मोटिवेट करने का निवेदन किया गया है, ताकि बाड़मेर में कोविड-19 के गंभीर मरीजों को प्लाजमा थेरेपी करके उनकी जिंदगी बदली जा सके.
उन्होंने कहा कि प्लाज्मा वो लोग दे सकते हैं जो कोरोना से जंग जीतकर बिल्कुल स्वस्थ हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि प्लाजमा थेरेपी के लिए लोगों को जोधपुर लाने ले जाने और सारी व्यवस्थाएं चिकित्सा प्रशासन की ओर से की जाएगी. इसलिए जो लोग कोरोना से ठीक हुए हैं वो लोग आगे आकर प्लाज्मा डोनेट करें. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. बीएल मसूरिया ने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि जो लोग कोविड-19 को मात देकर स्वस्थ हुए हैं उन लोगों से हम अपील करते हैं कि वो लोग आगे आकर स्वेच्छा से अपना प्लाज्मा डोनेट करें, जिससे कोविड-19 के गंभीर मरीजों का उपचार करके उनकी जिंदगी बचाई जा सके.
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क्या है प्लाजमा थेरेपी...
प्लाज्मा थेरेपी ऐसी प्रक्रिया है जिसमें खून के तरल या प्लाज्मा को रक्त कोशिकाओं से अलग किया जाता है. इसके बाद किसी व्यक्ति के प्लाज्मा में अनहेल्दी टिशू मिलते हैं तो उसका इलाज समय रहते शुरू किया जा सकता है. प्लाजमा थेरेपी में 3 से 4 घंटे का समय लगता है. प्लाजमा थेरेपी का सबसे बड़ा लाभ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में है.