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चीन की दुस्साहस पर सरहदी गांव में आक्रोश, भीखाराम बोले- 75 साल की उम्र में भी देना चाहता हूं मुंहतोड़ जवाब

भारत-चीन सीमा विवाद में भारत के 20 सैनिकों के शहीद होने के बाद भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित बाड़मेर जिले के 75 वर्षीय भीखाराम सुथार में जबरदस्त तरीके से गुस्सा है. उन्होंने कहा कि देश कि सेना के साथ मैं इस उम्र में भी कंधे से कंधा मिलाकर चीन को मुंहतोड़ जवाब देना चाहता हूं.

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सरहदी गांव के लोगों में जबरदस्त तरीके का गुस्सा
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Published : Jun 18, 2020, 5:55 PM IST

बाड़मेर. सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई सैन्य झड़प में 20 जवान शहीद हो गए थे. जिसके बाद से लगातार देश में चीन के खिलाफ लोगों में जबरदस्त तरीके से आक्रोश है.

सरहदी गांव के लोगों में जबरदस्त तरीके का गुस्सा

इस तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत-पाक बॉर्डर से सटे तामलोर गांव में पहुंच कर ईटीवी भारत की टीम ने गांव के लोगों से बातचीत की. गांव में रहने वाले 75 वर्षीय भीखाराम सुथार से लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई सैन्य झड़प के बारे में पूछा गया तो उनका इस उम्र में भी चीन को लेकर जबरदस्त तरीके से गुस्सा नजर आ रहा था. उन्होंने कहा कि देश की सेना के साथ मैं इस उम्र में भी कंधे से कंधा मिलाकर चीन को मुंहतोड़ जवाब देना चाहता हूं.

पढ़ेंः लद्दाख पहुंचना मेरे हाथ में नहीं है, नहीं तो हम चीन की सेना को मुंहतोड़ जवाब देते...

बुजुर्ग भीखाराम सुथार ने कहा कि जो घटना लद्दाख बॉर्डर पर हुई है, वो काफी निंदनीय है. बुजुर्ग ने कहा कि हमारी सेना युद्ध के समय कभी पीछे नहीं हटती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसी स्थिति बनती है तो ग्रामीण अपनी सेना के साथ खड़े दिखाई देते हैं. भीखाराम बताते हैं कि 1965 और 1971 के युद्ध में भी उन्होंने देश की सेना का साथ दिया था. जिस तरीके से पाकिस्तान को धूल चटाई थी उसी तरीके से अब चीन को भी करारा जवाब देने का समय आ गया है.

पढ़ेंः बाड़मेर: 10 नए कोरोना के केस आए सामने, मौत के बाद महिला की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

गौरतलब है कि दुश्मन देश को रेगिस्तान में धूल चटाने के लिए सेना की मदद के लिए बॉर्डर के गांव में रहने वाले लोग हमेशा तैयार रहते हैं. जिस तरीके से चीन ने कायरतापूर्ण तरीके से अपने मकसद को पूरा करने का प्रयास किया. उसका भारतीय जवानों ने डटकर मुकाबला किया, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में देश के 20 जवान शहीद हो गए हैं, जिसको लेकर देश के लोगों में जबरदस्त तरीके से चीन के खिलाफ गुस्सा है.

बाड़मेर. सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई सैन्य झड़प में 20 जवान शहीद हो गए थे. जिसके बाद से लगातार देश में चीन के खिलाफ लोगों में जबरदस्त तरीके से आक्रोश है.

सरहदी गांव के लोगों में जबरदस्त तरीके का गुस्सा

इस तनावपूर्ण माहौल के बीच भारत-पाक बॉर्डर से सटे तामलोर गांव में पहुंच कर ईटीवी भारत की टीम ने गांव के लोगों से बातचीत की. गांव में रहने वाले 75 वर्षीय भीखाराम सुथार से लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई सैन्य झड़प के बारे में पूछा गया तो उनका इस उम्र में भी चीन को लेकर जबरदस्त तरीके से गुस्सा नजर आ रहा था. उन्होंने कहा कि देश की सेना के साथ मैं इस उम्र में भी कंधे से कंधा मिलाकर चीन को मुंहतोड़ जवाब देना चाहता हूं.

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बुजुर्ग भीखाराम सुथार ने कहा कि जो घटना लद्दाख बॉर्डर पर हुई है, वो काफी निंदनीय है. बुजुर्ग ने कहा कि हमारी सेना युद्ध के समय कभी पीछे नहीं हटती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच ऐसी स्थिति बनती है तो ग्रामीण अपनी सेना के साथ खड़े दिखाई देते हैं. भीखाराम बताते हैं कि 1965 और 1971 के युद्ध में भी उन्होंने देश की सेना का साथ दिया था. जिस तरीके से पाकिस्तान को धूल चटाई थी उसी तरीके से अब चीन को भी करारा जवाब देने का समय आ गया है.

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गौरतलब है कि दुश्मन देश को रेगिस्तान में धूल चटाने के लिए सेना की मदद के लिए बॉर्डर के गांव में रहने वाले लोग हमेशा तैयार रहते हैं. जिस तरीके से चीन ने कायरतापूर्ण तरीके से अपने मकसद को पूरा करने का प्रयास किया. उसका भारतीय जवानों ने डटकर मुकाबला किया, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में देश के 20 जवान शहीद हो गए हैं, जिसको लेकर देश के लोगों में जबरदस्त तरीके से चीन के खिलाफ गुस्सा है.

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