बाड़मेर. गरीबों के हक का गेहूं गायब करने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ रसद विभाग ने सख्ती से कार्रवाई का दौर शुरू कर दिया है. खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत पात्र परिवारों का सत्यापन किए जाने के लिए रसद विभाग के की ओर से जिले में सर्वे करवाया गया था, जिसमें 337 सरकारी कार्मिकों के खाद्य सुरक्षा योजना के तहत गरीबों के हक का गेहूं डकारने की जानकारी सामने आई है.
इस पर रसद विभाग ने कार्रवाई करते हुए सरकारी कर्मचारियों से 8 लाख 25 हजार रुपए वसूल किए. साथ ही उनके नाम भी खाद्य सुरक्षा सूची से पृथक किए. इसके अलावा रसद विभाग ने 100 से अधिक और ऐसे सरकारी कर्मचारियों के नामों की सूची तैयार कर ली है. उन्हें भी नोटिस भेज दिया गया है, जिसके बाद विभाग की ओर से उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत पात्र परिवारों का सत्यापन किए जाने पर जिले में 337 सरकारी कर्मचारी खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े पाए गए. इस पर रसद विभाग ने कार्रवाई करते हुए 8 लाख 25 हजार रुपए इन सरकारी कार्मिकों से वसूल किए. वहीं, आगे भी कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी.
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जिला रसद अधिकारी अश्वनी गुर्जर ने बताया कि विभाग ने जिले में खाद्य सुरक्षा योजना अंतर्गत पात्र परिवारों के सत्यापन के लिए सर्वे करवाया गया. जिसके तहत 337 सरकारी कर्मचारी खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े होने पाए गए कार्रवाई की गई. उन्होंने बताया कि ऐसे और 100 से अधिक सरकारी कर्मचारियों की सूची तैयार की गई है. इन्हें भी कार्रवाई के नोटिस जारी किए गए हैं. इन से भी वसूली की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि, यह कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी. वहीं, उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा है कि जो लोग खाद्य सुरक्षा योजना में पात्रता नहीं रखते हैं. वह खुद ही अपना नाम हटवा लें, जिससे वास्तविक गरीब लोगों को उनकी हक का गेहूं मिल सके.