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बाड़मेर: विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ पर वीर जवानों के शौर्य को दी गई सलामी...सुनिये किसने क्या कहा

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Published : Dec 16, 2020, 6:27 PM IST

बाड़मेर में बुधवार को विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस दौरान जिले के शहीद स्मारक पर शहीदों के शौर्य को सलामी दी गई.

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बाड़मेर में मनाई गई विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ

बाड़मेर. सन् 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें भारत को विजय मिली थी. उसके बाद से ही 16 दिसंबर को हर साल विजय दिवस मनाया जाता है. इसी के तहत सरहदी जिले बाड़मेर में बुधवार को विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. शहीद स्मारक पर शहीदों के शौर्य को सलामी दी गई.

बाड़मेर में मनाई गई विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ

हर बार की तरह बुधवार को स्वतंत्र भारत के सामरिक इतिहास के सबसे गौरवशाली दिन 16 दिसंबर 1971 विजय दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद बाड़मेर और नगर परिषद के संयुक्त तत्वाधान में मनाया गया. इस कार्यक्रम में बीएसएफ के डीआईजी गुरपाल सिंह, बाड़मेर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा, त्रिभुवन सिंह, शहीद आर्मी एयरफोर्स बीएसएफ और पुलिस अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों सहित शहर के कई गणमान्य नागरिकों ने शिरकत की.

विजय दिवस समारोह के अवसर पर बैंड धुन पर आर्मी एयरफोर्स बीएसएफ और राजस्थान पुलिस के जवानों की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर देकर अतिथियों ने शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने 1971 के युद्ध के बारे में विस्तार से बताते हुए किस तरह से पाकिस्तान के हजारों सैनिकों ने भारतीय फौज के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था इस बारे में बताया गया. बाड़मेर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने कहा कि शहीद परिवारों की हर संभव मदद के लिए प्रशासन हर समय तैयार है.

पढ़ें: राजस्थान में हिलती हुई दीवार जैसी सरकार है, जो कभी भी गिर जाएगी : केंद्रीय मंत्री मेघवाल

उन्होंने कहा कि शहीद परिवारों को मिलने वाली पेंशन सहित अन्य समस्या का मामला ध्यान में आता है तो उसे तुरंत प्रभाव से उस समस्या का समाधान कर सहित परिवार को राहत देने का काम किया जा रहा है और आगे भी करेंगे. पूर्व सैनिक परिषद बाड़मेर के पूर्व कैप्टन हीर सिंह भाटी ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हर बार इस आयोजन को बड़े स्तर पर मनाया जाता है. इस बार कोविड-19 की वजह से केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ही इसे मनाया जा रहा है. जबकि इस बार और भी बड़े आयोजन के रूप में मनाना था क्योंकि इस बार विजय दिवस की 50 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.

बाड़मेर. सन् 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें भारत को विजय मिली थी. उसके बाद से ही 16 दिसंबर को हर साल विजय दिवस मनाया जाता है. इसी के तहत सरहदी जिले बाड़मेर में बुधवार को विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. शहीद स्मारक पर शहीदों के शौर्य को सलामी दी गई.

बाड़मेर में मनाई गई विजय दिवस की 50वीं वर्षगांठ

हर बार की तरह बुधवार को स्वतंत्र भारत के सामरिक इतिहास के सबसे गौरवशाली दिन 16 दिसंबर 1971 विजय दिवस के उपलक्ष्य में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद बाड़मेर और नगर परिषद के संयुक्त तत्वाधान में मनाया गया. इस कार्यक्रम में बीएसएफ के डीआईजी गुरपाल सिंह, बाड़मेर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा, त्रिभुवन सिंह, शहीद आर्मी एयरफोर्स बीएसएफ और पुलिस अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों सहित शहर के कई गणमान्य नागरिकों ने शिरकत की.

विजय दिवस समारोह के अवसर पर बैंड धुन पर आर्मी एयरफोर्स बीएसएफ और राजस्थान पुलिस के जवानों की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर देकर अतिथियों ने शहीदों को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने 1971 के युद्ध के बारे में विस्तार से बताते हुए किस तरह से पाकिस्तान के हजारों सैनिकों ने भारतीय फौज के आगे आत्मसमर्पण कर दिया था इस बारे में बताया गया. बाड़मेर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने कहा कि शहीद परिवारों की हर संभव मदद के लिए प्रशासन हर समय तैयार है.

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उन्होंने कहा कि शहीद परिवारों को मिलने वाली पेंशन सहित अन्य समस्या का मामला ध्यान में आता है तो उसे तुरंत प्रभाव से उस समस्या का समाधान कर सहित परिवार को राहत देने का काम किया जा रहा है और आगे भी करेंगे. पूर्व सैनिक परिषद बाड़मेर के पूर्व कैप्टन हीर सिंह भाटी ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हर बार इस आयोजन को बड़े स्तर पर मनाया जाता है. इस बार कोविड-19 की वजह से केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप ही इसे मनाया जा रहा है. जबकि इस बार और भी बड़े आयोजन के रूप में मनाना था क्योंकि इस बार विजय दिवस की 50 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं.

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