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बाड़मेर: BSNL कार्यालय परिसर में आयोजित समारोह में 29 कर्मचारियों ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति

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Published : Jan 31, 2020, 11:48 PM IST

बालोतरा में शुक्रवार को BSNL के 29 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. कंपनी के कार्यालय परिसर में आयोजित एक समारोह में सभी कर्मचारियों को फूल माला पहनाकर विदा किया गया.

बाड़मेर की खबर, voluntary retirement of BSNL employees
29 कर्मचारियों को फूल माला पहनाकर किया गया विदा

बालोतरा (बाड़मेर). घाटे से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने अपने कर्मचारियों की विदाई शुरू कर दी है. इसके तहत बालोतरा में शुक्रवार को 29 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. जिले में कुल 108 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. इसके लिए बीएसएनल कार्यालय परिसर में एक समारोह का आयोजन हुआ जिसमें सभी कर्मचारियों को फूल माला पहनाकर विदा किया गया.

इस मौके पर कर्मचारियों का कहना था कि बीएसएनएल को जिंदा रखने के लिए वीआरएस लेना बहुत जरूरी था. हालांकि इस निर्णय से कर्मचारी थोड़े मायूस भी हैं. उनका कहना है कि किसी भी संस्थान से कर्मचारियों का हटना नुकसानदायक होता है. लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है तो उसका पालन करना ही पड़ेगा.

बालोतरा में शुक्रवार को BSNL के 29 कर्मचारियों ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति

वहीं कुछ कर्मचारियों कहना है कि सरकार ने वीआरएस के लिए अच्छा पैकेज दिया गया है. इसके अलावा अन्य फायदे भी कर्मचारियों को दिए गए हैं. जिस कर्मचारी की 5 साल की सेवा बाकी है, उसे कम से कम 1 करोड़ रुपए के परिणाम एक साथ मिल रहे हैं.

पढ़ें: बाड़मेर: बैंक कर्मचारी 2 दिन की हड़ताल पर, न मानी गई मांगे तो मार्च में फिर स्ट्राइक

बीएसएनएल के सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के समय में निजी कंपनियों के टेलीकॉम ऑपरेटर अपनी मैनपावर पर सिर्फ 5 फ़ीसदी खर्च कर रहे हैं. जबकि बीएसएनएल का यह खर्चा 75 से 80 फीसदी तक पहुंच गया था. ऐसे में बीएसएनल का चलना बहुत कठिन था. उनका यह भी कहना है कि रिटायरमेंट के बाद में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी बीएसएल में रहेंगे. इसके अलावा सरकार आउटसोर्सिंग से बीएसएनएल के उपभोक्ताओं को सेवा देगी, जिसका फायदा भी कस्टमर को होगा.

बालोतरा (बाड़मेर). घाटे से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने अपने कर्मचारियों की विदाई शुरू कर दी है. इसके तहत बालोतरा में शुक्रवार को 29 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. जिले में कुल 108 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. इसके लिए बीएसएनल कार्यालय परिसर में एक समारोह का आयोजन हुआ जिसमें सभी कर्मचारियों को फूल माला पहनाकर विदा किया गया.

इस मौके पर कर्मचारियों का कहना था कि बीएसएनएल को जिंदा रखने के लिए वीआरएस लेना बहुत जरूरी था. हालांकि इस निर्णय से कर्मचारी थोड़े मायूस भी हैं. उनका कहना है कि किसी भी संस्थान से कर्मचारियों का हटना नुकसानदायक होता है. लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है तो उसका पालन करना ही पड़ेगा.

बालोतरा में शुक्रवार को BSNL के 29 कर्मचारियों ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति

वहीं कुछ कर्मचारियों कहना है कि सरकार ने वीआरएस के लिए अच्छा पैकेज दिया गया है. इसके अलावा अन्य फायदे भी कर्मचारियों को दिए गए हैं. जिस कर्मचारी की 5 साल की सेवा बाकी है, उसे कम से कम 1 करोड़ रुपए के परिणाम एक साथ मिल रहे हैं.

पढ़ें: बाड़मेर: बैंक कर्मचारी 2 दिन की हड़ताल पर, न मानी गई मांगे तो मार्च में फिर स्ट्राइक

बीएसएनएल के सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के समय में निजी कंपनियों के टेलीकॉम ऑपरेटर अपनी मैनपावर पर सिर्फ 5 फ़ीसदी खर्च कर रहे हैं. जबकि बीएसएनएल का यह खर्चा 75 से 80 फीसदी तक पहुंच गया था. ऐसे में बीएसएनल का चलना बहुत कठिन था. उनका यह भी कहना है कि रिटायरमेंट के बाद में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी बीएसएल में रहेंगे. इसके अलावा सरकार आउटसोर्सिंग से बीएसएनएल के उपभोक्ताओं को सेवा देगी, जिसका फायदा भी कस्टमर को होगा.

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बालोतरा में शुक्रवार को बीएसएनएल के 29 कर्मचारियों ने ली स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति


बालोतरा- घाटे से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल ने अपने कर्मचारियों की विदाई शुरू कर दी है। इसके तहत बालोतरा में शुक्रवार को 29 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। बाड़मेर जिले में कुल 108 कर्मचारी ने आज स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली। Body:स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वालों के लिए बीएसएनल कार्यालय परिसर में आयोजित एक समारोह में 29 कर्मचारियों को फूल माला पहनाकर विदा किया गया। वहीं कर्मचारियों का कहना था कि बीएसएनएल को जिंदा रखने के लिए वीआरएस लेना बहुत जरूरी था। हालांकि इस निर्णय से कर्मचारी थोड़े मायूस भी हैं। उनका कहना है कि किसी भी संस्थान से कर्मचारियों का हटना नुकसानदायक होता है, लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है तो उसकी पालना करनी ही थी। वहीं कुछ कर्मचारियों कहना है कि सरकार ने वीआरएस के लिए जो दिया पैकेज गया, बहुत अच्छा था। शेष बची हुई सेवा किचन का 125 फीसदी बीएसएनल एक कर्मचारी को दे रहा है। Conclusion:इसके अलावा अन्य फायदे भी कर्मचारी को मिल रहे हैं। जिस कर्मचारी की 5 साल की सेवा बाकी है, उसे कम से कम 1 करोड़ रुपए के परिणाम एक साथ मिल रहे हैं। बीएसएनएल के सेवानिवृत्त हो रहे अधिकारी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के समय में निजी कंपनियों के टेलीकॉम ऑपरेटर अपनी मेनपावर पर सिर्फ 5 फ़ीसदी खर्च कर रहे हैं। जबकि बीएसएनएल का यह खर्चा 75 से 80 फीसदी तक पहुंच गया था। ऐसे में बीएसएनल का चलना बहुत कठिन था।
उनका यह भी कहना है कि रिटायरमेंट के बाद में भी बड़ी संख्या में कर्मचारी बीएसएल में रहेंगे।इसके अलावा सरकार आउटसोर्सिंग से बीएसएनएल के उपभोक्ताओं को सेवा देगी, जिसका फायदा भी कस्टमर को होगा।

बाईट - पीटीसी
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