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लिसाड़ी माइनर से हर दिन बह रहा हजारों लीटर पानी, अधिकारी बेखबर - लिसाड़ी माइनर

बारां जिले के अंता में अधिकारियों की अनदेखी के चलते बूंद-बूंद पानी बचाओ अभियान की धज्जियां उड़ रहीं हैं. इसका अंदाजा दायीं मुख्य नहर के लिसाड़ी माइनर से सालों से व्यर्थ बह रहे पानी से लगाया जा सकता है. यहां रात-दिन हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है, लेकिन सीएडी अधिकारी बेखबर बने हुए हैं.

water flowing from Lisadi Minor, बूंद-बूंद पानी बचाओ अभियान
हर दिन बह रहा हजारों लीटर पानी
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Published : Jan 8, 2020, 3:24 PM IST

अंता (बारां). लिसाड़ी माइनर से रात-दिन हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है, लेकिन सीएडी के अधिकारियों पर कोई असर होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. बता दें, यह माइनर सोरसन रोड़ पर होने के कारण इस मार्ग से सोरसन अभयारण्य क्षेत्र सहित ब्राह्मणी माता का ऐतिहासिक मंदिर जुड़ा हुआ है. जिसके चलते इस मार्ग से उच्चाधिकारी सहित मंत्रियों की भी आवाजाही होती रहती है. इसके बावजूद इस समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है.

हर दिन बह रहा हजारों लीटर पानी

इस माइनर में कई वर्षों से पानी की बर्बादी हो रही है. जब भी दायीं मुख्य नहर में पानी छोड़ा जाता है. इस क्षतिग्रस्त माइनर से पानी की बर्बादी शुरू हो जाती है, जो तबतक जारी रहती है, जबतक दायीं मुख्य नहर में पानी बंद नहीं हो जाता है. परन्तु सीएडी के अधिकारियों पर इसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है. यहां के सीएडी के अधिशासी अभियंता के पास एसी का चार्ज है.

पढ़ें- गांवां री सरकारः ग्रामीण सरकार के लिए नामांकन, गांवों में पहुंचे मतदान दल

ग्रामीणों का कहना है, कि इस माइनर से व्यर्थ पानी बहने के कारण अंतिम छोर के किसानों को अपने खेतों में पानी पहुंचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. लेकिन अधिकारी कोई सुध नहीं ले रहे हैं.

अंता (बारां). लिसाड़ी माइनर से रात-दिन हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है, लेकिन सीएडी के अधिकारियों पर कोई असर होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. बता दें, यह माइनर सोरसन रोड़ पर होने के कारण इस मार्ग से सोरसन अभयारण्य क्षेत्र सहित ब्राह्मणी माता का ऐतिहासिक मंदिर जुड़ा हुआ है. जिसके चलते इस मार्ग से उच्चाधिकारी सहित मंत्रियों की भी आवाजाही होती रहती है. इसके बावजूद इस समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है.

हर दिन बह रहा हजारों लीटर पानी

इस माइनर में कई वर्षों से पानी की बर्बादी हो रही है. जब भी दायीं मुख्य नहर में पानी छोड़ा जाता है. इस क्षतिग्रस्त माइनर से पानी की बर्बादी शुरू हो जाती है, जो तबतक जारी रहती है, जबतक दायीं मुख्य नहर में पानी बंद नहीं हो जाता है. परन्तु सीएडी के अधिकारियों पर इसका कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है. यहां के सीएडी के अधिशासी अभियंता के पास एसी का चार्ज है.

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ग्रामीणों का कहना है, कि इस माइनर से व्यर्थ पानी बहने के कारण अंतिम छोर के किसानों को अपने खेतों में पानी पहुंचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. लेकिन अधिकारी कोई सुध नहीं ले रहे हैं.

Intro:बारां जिले के अन्ता में अधिकारियों की अनदेखी के चलते किस तरह से बून्द बून्द पानी बचाओ अभियान की धज्जियां उड़ रही है इसकी बानगी का अंदाजा दायी मुख्य नहर के लिसाड़ी माइनर से वर्षो से व्यर्थ बह रहे पानी से लगाया जा सकता है ।
लिसाड़ी माइनर से रात दिन हजारो लीटर पानी की बर्बादी हो रही है परन्तु सीएडी अधिकारी बेखबर बने हुए है ।Body:अंता (बारां) लिसाड़ी माइनर से रात दिन हजारो लीटर पानी की बर्बादी हो रही है परन्तु सीएडी के अधिकारियों पर कोई असर होता हुआ नजर नही आ रहा है ।
आपको बता दे यह माइनर सोरसन रोड़ पर होने के कारण इस मार्ग से सोरसन अभ्यारण्य क्षेत्र सहित ब्राह्मणी माता का
ऐतिहासिक मंदिर जुड़ा हुआ है जिसके चलते इस मार्ग से उच्चाधिकारी सहित मंत्रियों की भी आवाजाही होती रहती है । इसके बाउजूद इस समस्या को नजर अंदाज किया जा रहा है । ।इस माइनर से कई वर्षों से पानी की बर्बादी हो रही जब भी दायी मुख्य नहर में पानी छोड़ा जाता है इस क्षतिग्रस्त माइनर से पानी की बर्बादी शुरू हो जाती है जो तब तक जारी रहती है जब तक दायी मुख्य नहर में पानी बन्द नही हो जाता है ।परन्तु सीएडी के अधिकारियों पर इसका कोई असर नजर नही आ रहा है । यहां के सीएडी के अधिशासी अभियंता के पास ए सी का चार्ज है । गांव वालों का कहना है कि इस माइनर से व्यर्थ पानी बहने के कारण अंतिम छोर के किसानों को अपने खेतों में पानी पंहुचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है ।लेकिन अधिकारी कोई सुध नही ले रहे है ।

बाइट - मुकेश कुमार ग्रामीणConclusion:
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