अंता (बारां). कस्बे से मात्र तीन किलोमीटर दूर धार्मिक स्थल पर गत 2011 से लगातार रामधुन चल रही है. यहां शनिदेव, बालाजी, रामजानकी और महादेव की अलग-अलग प्रतिमाएं स्थापित है. यहां कई साधु-सन्तों भी कई वर्षों से भगवान की पूजा अर्चना में लीन है. परन्तु इस धार्मिक स्थल के सौन्दर्यीकरण को लेकर आज तक किसी के द्वारा कोई पहल शुरू नही की गई है.
इस क्षेत्र में शनिदेव का एक मात्र स्थान होने के कारण शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है. सीसवाली मार्ग पर स्थिति सुता बालाजी धाम तक जाने वाला रोड गत 10 वर्षों से क्षतिग्रस्त है. रोड पर लम्बे और चौड़े गड्ढे बने होने से सुता बालाजी धाम तक पहुंचने में वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद इस समस्या को नजर अंदाज किया जा रहा है.
यह भी पढ़ें- चंबल नदी हादसाः स्पीकर ओम बिरला ने हादसे को बताया दुखद, मृतकों के प्रति व्यक्त की संवेदना
महंत बालक दास महाराज का कहना है कि सुता बालाजी धाम पर दूर दराज क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. यहां के क्षतिग्रस्त रोड को लेकर कई बार क्षेत्रीय मंत्री को भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा है. ऐसे में यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.