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जान जोखिम में डाल नदी पार कर BSTC परीक्षा देने पहुंचे छात्र, जिम्मेदार बेपरवाह - बारां में नदी पार कर परीक्षा देने पहुंचे छात्र

बारां में बीएसटीसी की परीक्षा देने के लिए देश के भविष्य कहे जानेवाले छात्रों को अपनी जान दांव पर लगानी पड़ी. छात्रों को परीक्षा देने के लिए ट्यूब के सहारे उफनती नदी में तैरकर परीक्षा देने जाना पड़ा.

बारां न्यूज, Baran news
बारां में नदी पार कर परीक्षा देने पहुंचे छात्र
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Published : Sep 1, 2020, 12:51 PM IST

बारां. जिले के कवाई थाना क्षेत्र में दिल दहला देने वाला मंजर सामने आया है. जिसमें जिंदगी संवारने के लिए बीएसटीसी की परीक्षा देने के लिए छात्रों को अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर अपने गांव से ट्यूब के सहारे नदी में तैरकर परीक्षा देने पहुंचना पड़ा है.

बारां में नदी पार कर परीक्षा देने पहुंचे छात्र

देश को आजाद हुए कई साल हो चुके हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी सड़कों और पुल नहीं बन पाई है. जिससे कई हिस्सों में आज भी छात्रों को शिक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. समीपवर्ती छबड़ा तहसील और कवाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत कछावन गांव में सोमवार को ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने आजादी के इतने साल बाद भी सुविधाओं की पोल खोल दी. बीएसटीसी के पेपर देने के लिए ग्रामीणों ने गांव से 15 छात्र-छात्राओं को ट्यूब के जरिए पार्वती नदी पार करके परीक्षा सेंटरों तक पहुंचाया. कुछ छात्रों ने जान को जोखिम में डालकर तैरकर नदी पार की. वहीं, अपने सपने पूरे करने के लिए बच्चे सुरक्षित दूसरी छोर पर पहुंच सकें, इसके लिए अभिवावक और ग्रामीण नदी के किनारे ही खड़े रहे.

यह भी पढ़ें. JEE Mains Exam: कोटा में 2 सेंटर पर मंगलवार से परीक्षा, अभ्यर्थी और परिवीक्षक नहीं करेंगे एक दूसरे को टच

कछावन गांव निवासी नंद किशोर बैरवा (पूर्व सरपंच) और ग्रामीणों ने बताया कि पार्वती नदी पर पुल बनाने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन आज तक प्रशासनिक अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई. गांव के स्थानीय लोगों की मानें तो नदी पर पुल न होने की वजह छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में है. सुविधा नहीं होने से कई विद्यार्थी स्कूल छोड़कर खेतीबाड़ी और मजदूरी करने लगें हैं.

यह भी पढ़ें. धौलपुर: खतरे के निशान के 10 मीटर ऊपर पहुंच सकता है चंबल नदी का पानी

वहीं, नदी के ऊपर पुल न होने की वजह से गांव वालों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पुल न होने के कारण बीमार और डिलेवरी के लिए गर्भवती महिलाओं को भी जान जोखिम में डालकर इसी प्रकार अस्पताल पहुंचाया जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल न होने की वजह से कई लोग नदी में डूब कर मर चुके हैं.

बारां. जिले के कवाई थाना क्षेत्र में दिल दहला देने वाला मंजर सामने आया है. जिसमें जिंदगी संवारने के लिए बीएसटीसी की परीक्षा देने के लिए छात्रों को अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर अपने गांव से ट्यूब के सहारे नदी में तैरकर परीक्षा देने पहुंचना पड़ा है.

बारां में नदी पार कर परीक्षा देने पहुंचे छात्र

देश को आजाद हुए कई साल हो चुके हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में आज भी सड़कों और पुल नहीं बन पाई है. जिससे कई हिस्सों में आज भी छात्रों को शिक्षा के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. समीपवर्ती छबड़ा तहसील और कवाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत कछावन गांव में सोमवार को ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने आजादी के इतने साल बाद भी सुविधाओं की पोल खोल दी. बीएसटीसी के पेपर देने के लिए ग्रामीणों ने गांव से 15 छात्र-छात्राओं को ट्यूब के जरिए पार्वती नदी पार करके परीक्षा सेंटरों तक पहुंचाया. कुछ छात्रों ने जान को जोखिम में डालकर तैरकर नदी पार की. वहीं, अपने सपने पूरे करने के लिए बच्चे सुरक्षित दूसरी छोर पर पहुंच सकें, इसके लिए अभिवावक और ग्रामीण नदी के किनारे ही खड़े रहे.

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कछावन गांव निवासी नंद किशोर बैरवा (पूर्व सरपंच) और ग्रामीणों ने बताया कि पार्वती नदी पर पुल बनाने को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन आज तक प्रशासनिक अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई. गांव के स्थानीय लोगों की मानें तो नदी पर पुल न होने की वजह छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में है. सुविधा नहीं होने से कई विद्यार्थी स्कूल छोड़कर खेतीबाड़ी और मजदूरी करने लगें हैं.

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वहीं, नदी के ऊपर पुल न होने की वजह से गांव वालों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. पुल न होने के कारण बीमार और डिलेवरी के लिए गर्भवती महिलाओं को भी जान जोखिम में डालकर इसी प्रकार अस्पताल पहुंचाया जाता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल न होने की वजह से कई लोग नदी में डूब कर मर चुके हैं.

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