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बारां: छबड़ा में वैक्सीनेशन को लेकर मची अफरा-तफरी - covid-19 Cases in Baran

छबड़ा में मंगलवार को 18 से 44 वर्ष के लोगों को पहले दौर में वैक्सीनेशन लगाने की प्रकृया शुरू की गई. शिविर में जानकारी के अभाव में अफरा-तफरी का माहौल रहा. इसके अलावा घंटों लाइन में लगने के बाद भी वैक्सीन नहीं लगने और जानकारी के अभाव में युवाओं और महिलाओं को बैरंग लौटना पड़ा.

Vaccination in Chhabra Baran
छबड़ा में वैक्सीनेशन को लेकर मची अफरा-तफरी
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Published : May 11, 2021, 3:17 PM IST

छबड़ा (बारां). जिले के छबड़ा में 18 से 44 वर्ष के युवाओं को पहले दौर मका वैक्सीनेशन शुरू किया गया. शिविर में जहां जानकारी के अभाव में जबरदस्त अफरा तफरी का माहौल रहा तो वहीं घण्टों लाइन में लगने के बाद भी वेक्सीन नहीं लगने और जानकारी के अभाव में वैक्सीन लगाने आए युवाओं और महिलाओं को बैरंग लौटना पड़ा.

बता दें कि वैक्सीन नहीं लग पाने या जानकारी के अभाव से पीड़ित युवाओं और महिलाओं ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से उन्हें पूर्ण रूप से वैक्सीनेशन की जानकारी नहीं दी गई थी.

पढ़ें: बारां: न्यायाधीश प्रीति नायक ने किया उपकारागृह का निरीक्षण

इसके अलावा घंटों परेशानी के बाद भी लोगों को बिना वैक्सीन के ही घर लौटना पड़ा. दूसरी ओर जिन लोगों के पास वैक्सीन लगवाने के मैसेज थे. उनका आरोप है कि चिकित्सा विभाग की ओर से पहले ही थर्मल के कार्मिकों और युवाओं को लिस्ट में शामिल कर लिया गया था और लिस्ट फूल होने के बाद देर शाम जानकारी दी गई थी.

वहीं चिकित्सा प्रभारी हरिओम गोयल का उक्त मामले में कहना है कि मंगलवार को केवल उन 400 युवाओं के जिनकी उम्र 18 से 44 वर्ष है जो पूर्व में रजिस्ट्रेशन करा चुके थे. उनका स्लॉट पर मैसेज हो चुका है और उनके ही वैक्सीन लगनी थी, मगर जानकारी के अभाव में सुबह से ही शिविर में सेकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. जिन्हें समझाइश कर घर भेज दिया है.

छबड़ा (बारां). जिले के छबड़ा में 18 से 44 वर्ष के युवाओं को पहले दौर मका वैक्सीनेशन शुरू किया गया. शिविर में जहां जानकारी के अभाव में जबरदस्त अफरा तफरी का माहौल रहा तो वहीं घण्टों लाइन में लगने के बाद भी वेक्सीन नहीं लगने और जानकारी के अभाव में वैक्सीन लगाने आए युवाओं और महिलाओं को बैरंग लौटना पड़ा.

बता दें कि वैक्सीन नहीं लग पाने या जानकारी के अभाव से पीड़ित युवाओं और महिलाओं ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से उन्हें पूर्ण रूप से वैक्सीनेशन की जानकारी नहीं दी गई थी.

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इसके अलावा घंटों परेशानी के बाद भी लोगों को बिना वैक्सीन के ही घर लौटना पड़ा. दूसरी ओर जिन लोगों के पास वैक्सीन लगवाने के मैसेज थे. उनका आरोप है कि चिकित्सा विभाग की ओर से पहले ही थर्मल के कार्मिकों और युवाओं को लिस्ट में शामिल कर लिया गया था और लिस्ट फूल होने के बाद देर शाम जानकारी दी गई थी.

वहीं चिकित्सा प्रभारी हरिओम गोयल का उक्त मामले में कहना है कि मंगलवार को केवल उन 400 युवाओं के जिनकी उम्र 18 से 44 वर्ष है जो पूर्व में रजिस्ट्रेशन करा चुके थे. उनका स्लॉट पर मैसेज हो चुका है और उनके ही वैक्सीन लगनी थी, मगर जानकारी के अभाव में सुबह से ही शिविर में सेकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई थी. जिन्हें समझाइश कर घर भेज दिया है.

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