रामगढ़. माताजी के मंदिर में गुफा के अंदर कृष्णा और अन्नपूर्णा माता विराजित है. मंदिर के पुजारी मानते हैं कि यह दोनों मूर्तियां प्राकृतिक है इतना ही नहीं मंदिर के पुजारी यहां तक बताते हैं कि या विराजित कृष्णाई मां और अन्नपूर्णा माता दोनों सहेलियां है पुजारी का यहां तक कहना है कि झाला जालिम सिंह के एक युद्ध में कृष्णाई मां उनके साथ खड़ी रही थी. मंदिर के मार्ग में कई छोटे-छोटे मंदिर स्थित है वहीं माता के मंदिर से ठीक ऊपर करीब 140 सीढ़ियां चढ़कर जाना पड़ता है.
यहां हनुमान जी के मंदिर के दर्शन आपकी मनोकामना पूर्ण करने में और सहायक सिद्ध होते हैं. इसके बाद माता के दरबार में ही भैरू बाबा का मंदिर भी स्थित है जहां दोनों के दर्शन करने के बाद दर्शन करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है महिलाओं के लिए विशेषकर इस मंदिर में कहा जाता है कि जिन महिलाओं की कोख सुनी रहती है.वो भैरू बाबा के यहां उल्टा साथिया बनाकर अपनी मनोकामना मांगती है और जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो उसी जगह पर वह सीधा साथिया बनाती है. इस मंदिर के रास्ते में अलग अलग नौ द्वार आपको दिखाई देंगे बताया जाता है कि किशनगंज के ठेकेदार ने अपनी मनोकामना पूरी होने पर यहां पर इन द्वारों का निर्माण कराया था.
इन सभी नौ द्वारों पर माता के नौ रूप वाली मूर्तियां विराजित है.माता के मंदिर में जाने के लिए हर एक प्रवेश द्वार में से होकर गुजर ना होता है. इस मंदिर में हाडोती ही नहीं बल्कि राजस्थान के विभिन्न जिलों सहित मध्य प्रदेश दिल्ली पंजाब से लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं इतना ही नहीं यहां मांगी जाने वाली मनोकामना पूर्ण होने पर भी श्रद्धालु पूजा अर्चना लेकर दरबार में हाजिरी लगाते हैं.