बारां. कांग्रेस पार्टी राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर शंखनाद सोमवार से बारां जिले की धरती से कर रही है. पिछले तीन चुनावों में भी कांग्रेस ने हाड़ौती से ही चुनावी शंखनाद किया था. साल 2008 में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, 2013 में राहुल गांधी और 2018 में राहुल गांधी ने यहां से चुनाव अभियान का आगाज किया था. इस बार भी हाड़ौती से शुरुआत हो रही है.
इसके तहत पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के लिए जन जागरण अभियान की शुरुआत हो रही है, जिसके जरिए 13 जिलों को साधने की कोशिश की जाएगी. इन 13 जिलों में जहां पर 83 सीट हैं. इनमें से 51 सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने कब्जा जमाया था. भाजपा इन जिलों में पीछे रह गई थी. वहीं, कांग्रेस इस बार 2018 के चुनाव से भी अपना प्रदर्शन सुधारना और 70 से 75 सीटें जीतने का दावा कर रही है.
प्रदेश के खनन एवं गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया का कहना है कि सभा का आयोजन दोपहर 2:00 बजे के बाद किया जाएगा और भीड़ जुटाने के लिए पूरे प्रयत्न किए गए हैं. इस रैली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई कांग्रेस नेता शामिल होंगे.
जिलाध्यक्ष रामचरण मीणा का कहना है कि एक लाख से ज्यादा लोगों को जुटाने की कोशिश है. आसपास के सभी जिलों से लोग आएंगे. इस तरह की सभा 5 अलग-अलग जिलों में होगी. बारां के विधायक पानाचंद मेघवाल का कहना है कि 13 जिलों के मंत्री, विधायक और किसान बंधु इस सभा में शामिल होंगे. साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर और जयपुर में बड़े-बड़े वादे किए थे. लोगों के उत्थान का वादा किया था, लेकिन 2023 आ जाने के बावजूद भी हालात जस के तस हैं. न तो राजस्थान से कोई परियोजना बनाई गई है, न ही इस पर रुपया खर्च किया गया है.
हमारे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगातार 3 साल से लेटर लिख रहे हैं. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री से मिलने का प्रयास किया, लेकिन एक भी बात भाजपा की ओर से नहीं कही गई. ईआरसीपी को लेकर अब बारां की धरती से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे और राजस्थान सरकार के मंत्री आगाज करेंगे. भारतीय जनता पार्टी के कथनी और करनी में अंतर है. चुनावी समय में वादे करते हैं और सत्ता में आने के बाद वादे भूल जाते हैं. साल 2008 में सोनिया गांधी राष्ट्रीय अध्यक्ष थीं और उन्होंने बारां की धरती से प्रचंड शंखनाद किया था और सरकार बन गई थी. इसके साथ ही 2023 में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इसकी शुरुआत करेंगे और राजस्थान में दोबारा कांग्रेस की सरकार आएगी.
वसुंधरा को निकाला, भैरोंसिंह के दामाद का टिकट काटा : पानाचंद का कहना है कि यह निश्चित रूप से चुनावी शंखनाद है, जिसमें हमारे नेताओं ने कमर कस ली है. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी झूठे सपने देश की जनता को दिखा रही है. ये धर्म, जाति, भारत-पाकिस्तान के नाम पर लोगों को लड़ाते हैं और परेशान करते हैं. कांग्रेस पार्टी नौजवान व मजदूर के बारे में सोचती है. कांग्रेस की नीति व रीति है. सिद्धांत स्पष्टवादिता की है, जबकि बीजेपी की कोई रीति-नीति नहीं है. वसुंधरा दो बार मुख्यमंत्री रहीं, उनका क्रेज है, लेकिन वसुंधरा राजे को निकाल कर बाहर फेंक दिया है. भैरोंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी का टिकट काट दिया है. इनकी कोई नीति नहीं है. सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं.