शाहबाद (बारां). किशनगंज क्षेत्र के जन्मझिरी गांव के पास जंगल में एक नील गाय का सिर कटा हुआ मिला था. दूसरे दिन अब शाहबाद क्षेत्र के जंगल में पैंथर का शव मिला है. वन्य जीवों की मौत से वन्य प्रेमियों में रोष बना हुआ है.
राहगीरों ने सियारी घाटी राजपुर रोड पर एक पैंथर (Panther) का शव देखा. जिसके बाद उन्होंने कर्मचारियों को सूचना दी. वन विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि मेडिकल करवाने के बाद जांच रिपोर्ट के बाद पैंथर की मौत के कारण का पता चल सकेगा. हालांकि, स्थानीय लोग शिकार की संभावना जता रहे हैं. जिससे उनमें रोष है. रविवार को भी जन्मझीरी गांव के पास जंगल में एक नील गाय का क्षत-विक्षत शव मिला. जिसके कई अंग गायब थे. नीलगाय की गर्दन कटी हुई मिली थी. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र के जंगलों में शिकारियों का बोलबाला बड़े पैमाने पर बना हुआ है.
यह भी पढ़ें. मां ने मोबाइल नहीं दिया तो नाराज 12 साल की बच्ची ने लगाई फांसी
सेंचुरी घोषित करने की हो रही मांग
सघन वन क्षेत्र को सेंचुरी में घोषित करने की मांग लंबे समय से की जा रही है. इन जंगलों का धीरे-धीरे जंगलों का विनाश हो रहा है. सघन वन क्षेत्र का भी दायरा कम होता जा रहा है. दूसरी ओर जंगली जानवर अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं. इसलिए स्थानीय लोग इसे सेंचुरी घोषित करने की मांग कर रहे है. जिससे वन्य जीवों की सुरक्षा हो सके. साथ ही शिकार पर भी लगाम लग सके.
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में कर्मचारियों का टोटा, नहीं हो रही मॉनिटरिंग
सघन वन क्षेत्र बड़े भूभाग पर फैला हुआ है लेकिन जंगलों की सुरक्षा के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के पास पर्याप्त कर्मचारी है. ऐसे में जंगलों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके चलते जंगली जानवरों का ही आए दिन शिकार हो रहा है. शाहबाद के ग्रामीणों की मांग है कि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट में रिक्त पड़े वन कर्मचारियों के पदों पर कर्मचारी लगाना चाहिए. जिससे जंगलों का विनाश और जंगली जानवरों का नुकसान होने से बच सके.