अंता (बारां). क्षेत्र में गाजर घास किसानों के लिए अभिशाप बनकर उभर कर सामने आ रही है. गाजर घास से न सिर्फ बारां जिला ही प्रभावित है बल्कि इसने धीरे-धीरे सम्पूर्ण हाड़ौती क्षेत्र को अपनी चपेट में लेना भी शुरू कर दिया है. अब तो गाजर घास का जगह-जगह विकराल रूप देखने को मिल रहा है. इसे लेकर किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं.
दूसरी ओर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की ओर से किसानों को समय समय पर दी जा रही सलाह का भी अभी तक कोई असर नजर नहीं आ रहा है. इसके कई कारण हो सकते है या तो किसान कृषि वैज्ञानिकों की सलाह का पालन नहीं कर रहे हैं या फिर सलाह के आधार पर अपनाई गई तकनीक का भी कोई असर नहीं हो रहा है.
वर्तमान में क्षेत्र में आलम यह है की जिधर भी नजर दौड़ाई जाई, उधर ही गाजर घास नजर आएगी. परन्तु लाख प्रयासों के बावजूद इसका तोड़ नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में दिनों-दिन यह क्षेत्र में बड़ी मात्रा में फैलती ही जा रही है. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉक्टर डीडी सिंह ने इसके समाधान सुझाए हैं.
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दूसरी ओर लम्बे समय से हाड़ौती क्षेत्र में फैल रही इस गाजर घास की रोकथाम के लिए सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. जबकि इससे किसानों की जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट होती जा रही है. ऐसे में किसानों ने सरकार से भी इस ओर ठोस कदम उठाने की मांग की है.