अंता (बारां). जिले के छीपाबड़ौद के अजनावर में शहीद राजेन्द्र की वीरांगना कमला देवी को 25 साल बाद भी सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल सकी है. वीरांगना को सरकार की ओर से न तो 25 बीघा जमीन मुहैया कराई गई और न ही रहने के लिए मकान दिया गया है. ऐसे में वीरांगना अपना पूरा जीवन पीहर में गुजारने पर मजबूर हो रही है. वहीं सरकारें और प्रशासन सिर्फ शहीद दिवस पर वीरांगना का सम्मान करके रस्म अदायगी कर रही है.
सोमवार शाम शहीद दिवस को लेकर थानाधिकारी विजेन्द्र सिंह जादोन और अन्य पुलिसकर्मी वीरांगना के घर पहुंचे. जहां उन्होंने शहीद राजेन्द्र के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर पुलिस कर्मी सौरभ बांकेबिहारी मौजूद रहे.
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थानेदार विजेंद्र सिंह ने बताया कि 1995 में पंजाब के मुख्यमंत्री बेंअंत सिंह के अंगरक्षक के रूप में राजेन्द्र सिंह की बम विस्फोट में मौत हो गई थी. जिनका निवास बडबेली थाना सारोला जिला झालावाड़ था. लेकिन वीरांगना अपने पीहर अजनावर में रह रही है.
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बता दें कि वीरांगना ने खानपुर में अपनी ही पूंजी से अपने पति शहीद राजेन्द्र की मूर्ति स्थापित की है. वहीं, वीरांगना की कोई संतान भी नहीं है. वीरांगना 4 साल से आर्थिक मदद को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करा रही है. लेकिन अब तक उच्चाधिकारियों और सरकार ने वीरांगना की किसी भी फरियाद को गम्भीरता से नही लिया है.