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शहीद की पत्नी को 25 साल बाद भी नहीं मिल सकी सरकारी मदद, पीहर में जिंदगी गुजारने को मजबूर - बारां न्यूज

बारां जिले के अजनावर में शहीद राजेन्द्र की वीरांगना कमला देवी को 25 सालों बाद भी सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल सकी है. वे बीते 4 साल से अधिकारियों और सरकार से गुहार लगाकर थक चुकी है. लेकिन वीरांगना को अब तक किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिल पाई है.

Martyr's wife did not get government help, baran news, शहीद दिवस की खबर
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Published : Oct 22, 2019, 12:56 PM IST

अंता (बारां). जिले के छीपाबड़ौद के अजनावर में शहीद राजेन्द्र की वीरांगना कमला देवी को 25 साल बाद भी सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल सकी है. वीरांगना को सरकार की ओर से न तो 25 बीघा जमीन मुहैया कराई गई और न ही रहने के लिए मकान दिया गया है. ऐसे में वीरांगना अपना पूरा जीवन पीहर में गुजारने पर मजबूर हो रही है. वहीं सरकारें और प्रशासन सिर्फ शहीद दिवस पर वीरांगना का सम्मान करके रस्म अदायगी कर रही है.

शहीद की पत्नी को नही मिली सरकारी मदद

सोमवार शाम शहीद दिवस को लेकर थानाधिकारी विजेन्द्र सिंह जादोन और अन्य पुलिसकर्मी वीरांगना के घर पहुंचे. जहां उन्होंने शहीद राजेन्द्र के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर पुलिस कर्मी सौरभ बांकेबिहारी मौजूद रहे.

ये पढ़ें: बारां के अंता में काव्य निशा का आयोजन, कवियों ने दी मायड़ भाषा में प्रस्तुति

थानेदार विजेंद्र सिंह ने बताया कि 1995 में पंजाब के मुख्यमंत्री बेंअंत सिंह के अंगरक्षक के रूप में राजेन्द्र सिंह की बम विस्फोट में मौत हो गई थी. जिनका निवास बडबेली थाना सारोला जिला झालावाड़ था. लेकिन वीरांगना अपने पीहर अजनावर में रह रही है.

ये पढ़ें: कोटा में महाबॉडी बिल्डर्स, लोग बोले - ऐसी बॉडी के आगे तो सिक्स पैक एब्स भी फेल

बता दें कि वीरांगना ने खानपुर में अपनी ही पूंजी से अपने पति शहीद राजेन्द्र की मूर्ति स्थापित की है. वहीं, वीरांगना की कोई संतान भी नहीं है. वीरांगना 4 साल से आर्थिक मदद को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करा रही है. लेकिन अब तक उच्चाधिकारियों और सरकार ने वीरांगना की किसी भी फरियाद को गम्भीरता से नही लिया है.

अंता (बारां). जिले के छीपाबड़ौद के अजनावर में शहीद राजेन्द्र की वीरांगना कमला देवी को 25 साल बाद भी सरकार से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल सकी है. वीरांगना को सरकार की ओर से न तो 25 बीघा जमीन मुहैया कराई गई और न ही रहने के लिए मकान दिया गया है. ऐसे में वीरांगना अपना पूरा जीवन पीहर में गुजारने पर मजबूर हो रही है. वहीं सरकारें और प्रशासन सिर्फ शहीद दिवस पर वीरांगना का सम्मान करके रस्म अदायगी कर रही है.

शहीद की पत्नी को नही मिली सरकारी मदद

सोमवार शाम शहीद दिवस को लेकर थानाधिकारी विजेन्द्र सिंह जादोन और अन्य पुलिसकर्मी वीरांगना के घर पहुंचे. जहां उन्होंने शहीद राजेन्द्र के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर पुलिस कर्मी सौरभ बांकेबिहारी मौजूद रहे.

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थानेदार विजेंद्र सिंह ने बताया कि 1995 में पंजाब के मुख्यमंत्री बेंअंत सिंह के अंगरक्षक के रूप में राजेन्द्र सिंह की बम विस्फोट में मौत हो गई थी. जिनका निवास बडबेली थाना सारोला जिला झालावाड़ था. लेकिन वीरांगना अपने पीहर अजनावर में रह रही है.

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बता दें कि वीरांगना ने खानपुर में अपनी ही पूंजी से अपने पति शहीद राजेन्द्र की मूर्ति स्थापित की है. वहीं, वीरांगना की कोई संतान भी नहीं है. वीरांगना 4 साल से आर्थिक मदद को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करा रही है. लेकिन अब तक उच्चाधिकारियों और सरकार ने वीरांगना की किसी भी फरियाद को गम्भीरता से नही लिया है.

Intro:बारां जिले के छीपाबडौद के अजनावर मे शहीद राजेन्द्र की वीरांगना कमला देवी को 25 वर्षो बाद भी सरकार से कोई आर्थिक सहायता नही मिली है । सरकार द्वारा न तो 25 बीघा जमीन दी गयी है और न ही रहने को मकान ऐसे में वीरांगना अपना पूरा जीवन पीहर में गुजारने पर मजबूर हो रही है । सिर्फ शहीद दिवस पर वीरांगना का सम्मान करके इतिश्री की जा रही है ।Body:

बारां : सोमवार शाम को शहीद दिवस को लेकर थानेदार विजेन्द्र सिंह जादोन ओर पुलिसकर्मियों ने वीरांगना के घर पहुचकर शहीद राजेन्द्र के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकी पत्नी को बुके भेंट कर सम्मान किया गया ।

थानेदार सिंह ने बताया कि 1995 मे पंजाब के मुख्यमंत्री बेंअंत सिंह के अंगरक्षक के रूप मे राजेन्द्र सिंह की बम विस्फोट मे मौत हुई थी। जिनका निवास बडबेली थाना सारोला जिला झालावाड़ था। लेकिन वीरांगना अपने पीहर अजनावर मे रह रही हे। वीरांगना ने सुविधाओं के लिए कहा हे जिसकी सूचना उच्चाधिकारियों को पहुचाई जावेगी।
Conclusion:आपको बतादे की वीरांगना ने खानपुर में अपनी ही पूंजी से अपने पति शहीद राजेन्द्र की मूर्ति स्थापित की है ।वही वीरांगना के कोई संतान भी नही है ।परन्तु अफसोस इस बात का की गत 4 वर्षों से वीरांगना आर्थिक मदद को लेकर उच्चाधिकार्यो को अवगत करा रही है परन्तु अभी तक न तो उच्चाधिकारियो ने ओर न ही सरकार ने इस वीरांगना की किसी भी फरियाद को गम्भीरता से नही लिया है ।
इस मौके पर पुलिस कर्मी सोरभ बांकेबिहारी मोजूद थे ।

बाइट- शहीद की पत्नी कमला देवी
बाइट- थानेदार विजेंद्र सिंह
बाइट- वीरांगना का रिश्तेदार
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