बारां. नगर परिषद बोर्ड की प्रथम बैठक हंगामेदार रही. बोर्ड गठन के 9 महीने बाद हुई प्रथम बैठक में विपक्षी पार्षदों ने विकास कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए टेबल और कुर्सियां फेंककर हंगामा कर दिया. ऐसे में बैठक को खत्म करना पड़ा.
बारां नगर परिषद के गठन के 9 महीने के बाद हुई बोर्ड की पहली बैठक में विपक्षी पार्षदों ने विकास कार्यों मे भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए टेबल व कुर्सियां फेंकते हुए हंगामा किया. बैठक के दौरान उप सभापति नरेश गोयल की ओर से नव गठित बोर्ड के बाद किए गए 48 करोड़ 75 लाख रूपये कार्यों की सूची पार्षदों को सौंपी. साथ ही इसे अनुमोदन करने का आग्रह सदन से किया. इस पर विपक्ष के नेता दिलीप शाक्यवाल ने सूचीबद्ध किए गए कार्यों के बारे में पूर्व में जानकारी नहीं देने का आरोप लगाते हुए हंगाम कर दिया. देखते ही देखते हंगामा इतना ज्यादा बढ़ गया कि महिला पार्षदों ने टेबल-कुर्सियां फेंक दी.
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हंगामे को देखते हुए आयुक्त मनोज मीणा बैठक समाप्ति की घोषणा करते हुए निकलने लगे. इस पर पार्षदों ने उन्हें घेर लिया. जिसके बाद में उपसभापति ने बीच-बचाव करते हुए बाहर निकाला. नेता प्रतिपक्ष दिलीप ने नगर परिषद आयुक्त और कांग्रेस बोर्ड के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि विकास कार्यों की जिस सूची का अनुमोदन बोर्ड करवाना चाहता था, उनमें से ज्यादातर काम धरातल पर हुए ही नहीं.