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बारां में एनीकट टूटने से सैकड़ों बीघा खेत में भरा पानी

बारां के अंता की काली सिंध नदी में खान की झोपड़िया के पास बना एनीकट टूटने से आसपास के खेतों में पानी भर गया. पहले भी इस एनीकट के टूटने के कारण इलाके के किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है.

एनिकट टूटने से खेत तबाह, broked Anicut destroyed field
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Published : Sep 5, 2019, 10:40 AM IST

अंता (बारां). खान की झोपड़िया के पास काली सिंध नदी में चम्बल फर्टिलाइजर्स गढ़ेपान की ओर से बनावाया गया एनीकट टूट गया. जिसके कारण आसपास के खेत पानी में बह गए. अब खेतों के स्थान पर तालाब नजर आने लगे हैं. इस क्षेत्र के किसानों के पास रोजी रोटी कमाने का सिर्फ एक यही जरिया था.

सिंध नदी में बना एनिकट टूटने से खेत हुए तबाह

बता दें कि गड़ेपान चम्बल फर्टिलाइजर्स की ओर से 2002 में सबसें पहले छोटा एनीकट बनाया गया था. जिससे फैक्ट्री को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा था. जिस कारण से 2016 में एक नए एनीकट का निर्माण किया गया. जिसकी उंचाई पहले से अधिक रखी गई है. इस एनीकट का इलाके के किसानों ने विरोध भी किया था. लेकिन सरकार और प्रशासन के दबाव के चलते किसानों की एक नहीं सुनी गई.

यह भी पढ़ें: राजस्थान फिर दागदारः पति को बंधक बनाकर पत्नी के साथ सामूहिक दुष्कर्म...गहने भी लूटे

किसानों के अनुसार पूर्व में भी इस एनीकट में पानी की भराव क्षमता बढ़ जाने से करीबन 100 बीघा की फसले खराब हो गयी थीं. जिस पर फैक्ट्री की ओर से कुछ पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया गया था. लेकिन इस बार एनीकट टूट जानें से खेतों की फसलें तो बर्बाद हुई हैं, साथ ही कई खेत तालाब में तब्दील हो गए हैं. ऐसे में किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

अंता (बारां). खान की झोपड़िया के पास काली सिंध नदी में चम्बल फर्टिलाइजर्स गढ़ेपान की ओर से बनावाया गया एनीकट टूट गया. जिसके कारण आसपास के खेत पानी में बह गए. अब खेतों के स्थान पर तालाब नजर आने लगे हैं. इस क्षेत्र के किसानों के पास रोजी रोटी कमाने का सिर्फ एक यही जरिया था.

सिंध नदी में बना एनिकट टूटने से खेत हुए तबाह

बता दें कि गड़ेपान चम्बल फर्टिलाइजर्स की ओर से 2002 में सबसें पहले छोटा एनीकट बनाया गया था. जिससे फैक्ट्री को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा था. जिस कारण से 2016 में एक नए एनीकट का निर्माण किया गया. जिसकी उंचाई पहले से अधिक रखी गई है. इस एनीकट का इलाके के किसानों ने विरोध भी किया था. लेकिन सरकार और प्रशासन के दबाव के चलते किसानों की एक नहीं सुनी गई.

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किसानों के अनुसार पूर्व में भी इस एनीकट में पानी की भराव क्षमता बढ़ जाने से करीबन 100 बीघा की फसले खराब हो गयी थीं. जिस पर फैक्ट्री की ओर से कुछ पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया गया था. लेकिन इस बार एनीकट टूट जानें से खेतों की फसलें तो बर्बाद हुई हैं, साथ ही कई खेत तालाब में तब्दील हो गए हैं. ऐसे में किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

Intro:बारां जिले की अंता की काली सिंध नदी में खान की झोपड़िया के पास चंबल फर्टिलाइजर द्वारा बनवाया गया एनीकट क्षेत्र के किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रहा हैBody:अंता (बारां) खान की झोपड़िया के पास काली सिंध नदी में चम्बल फर्टिलाइजर्स गढ़ेपान बनाया एनीकट टूटने से खेत पानी मे बह गए अब खेतो के स्थान पर तालाब नजर आने लगे है ।इस क्षेत्र के किसानों के पास रोजी रोटी कमाने का सिर्फ एक यही जरिया था ।इस क्षेत्र में बड़े काश्तगार नही है सिर्फ दो दो ,तीन तीन बीघा के काश्तगार है । जो जैसे तैसे इस जमीन के सहारे अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है ।

गड़ेपान चम्बल फर्टिलाइजर्स द्वारा 2002 में सबसें पहले छोटा एनीकट बनाया गया था परंतु उससे फैक्ट्री को पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण 2016 में एक नए एनीकट का निर्माण किया गया जिसकी उचाई पहले से अधिक रखी गई है इस एनीकट का क्षेत्र के किसानों ने भारी विरोध करते हुए धरने प्रदर्शन भी किये परन्तु सरकार तथा प्रशासन के दबाव के चलते किसानो की एक नही सुनी गई ओर चम्बल फर्टिलाइजर द्वारा इस एनीकट का निर्माण करा दिया गया ।किसानों के अनुसार पूर्व में भी इस एनीकट के कारण पानी की भराव क्षमता बढ़ जाने से करीबन 100 बीघा की फसले खराब हो गयी थी जिस पर फेक्ट्री द्वारा कुछ पीड़ित किसानों को मुआवजा भी दिया गया था ।
परन्तु इस बार एनीकट टूट जाने से खेतों की फसले तो बर्बाद हुई है साथ ही कई खेत तो तालाब में तब्दील हो गए ।ऐसे में किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया ।इस क्षेत्र के किसानों के पास सिर्फ परिवार का भरण पोषण के अनुसार ही जमीन है और उसकी भी फसल पूर्ण रूप से चौपट हो गयी है ।
Conclusion:
अब देखना यह है कि सरकार इन पीड़ित किसानों की भरपाई किस तरह से कर पाती है ।
बाइट - 3 पीड़ित किसान

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