बांसवाड़ा. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से महिलाओं के अधिकारों के संबंध में जीजीटीयू कैंपस स्थित टीएडी हॉल में कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपक कुमार सोनी ने की. इस दौरान महिला अधिकारों के बारे में कानूनी जानकारी प्रदान की गई.
अध्यक्ष पद से मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सोनी ने उपस्थित महिलाओं से अपने कानूनी अधिकारों का उपयोग करने का आह्वान करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के कल्याण के लिए कई प्रकार के कानून और योजनाएं बनी हुई हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में योजनाएं उन तक नहीं पहुंच पाती हैं. इसके लिए महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है और अन्याय सहन करने की बजाए समुचित मंच के समक्ष अपनी व्यथा रखनी होगी.
खड़क की प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के बराबर महिलाएं योगदान दे रही हैं, लेकिन आज भी यौन हिंसा घरेलू हिंसा बाल विवाह जैसी अनेक चुनौतियां महिलाओं के समक्ष विद्यमान हैं. सोनी ने महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से पीड़ित महिलाओं की मददगार बनने का आह्वान किया. रिसोर्स पर्सन गोपाल पंड्या और अनुसूया व्यास ने पॉक्सो एक्ट, यौन हिंसा, बाल विवाह, भ्रूण लिंग परीक्षण निषेध अधिनियम, दहेज निषेध अधिनियम, भरण पोषण घरेलू हिंसा से संरक्षण, संपत्ति में उत्तराधिकार आदि के संबंध में भी आवश्यक जानकारी प्रदान की.
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महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रतिनिधि नमिता को सिस्टर ने महिलाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर जानकारी प्रदान की. संचालन गोपाल पंड्या ने किया. कार्यशाला में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका और आशा सहयोगिनी मौजूद रही.