बांसवाड़ा. जिले में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण व राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से मंगलवार को महिलाओं के अधिकारों के संबंध में कार्यशाला आयोजित की गई. इस दौरान वक्ताओं ने महिला अधिकारों और इस संबंध में प्रचलित कानूनों के बारे में प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी.
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिला व सत्र न्यायाधीश रवि शर्मा ने कहा कि धीरे-धीरे महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि महिलाए प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के बराबर अपना योगदान दे रहीं है. उन्होंने कहा कि आज भी यौन हिंसा घरेलू हिंसा व बाल विवाह जैसी अनेक चुनौतियां हमारे सामने विद्यमान है.
मुख्य वक्ता के तौर पर उन्होंने कहा कि महिलाओं कि सुरक्षा और कल्याण के लिए कई प्रकार के कानून और योजनाएं बनी हुई है लेकिन जानकारी के अभाव में उन तक नहीं पहुंच पा रही हैं. जिसके बाद उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहयोगिनी पीड़ित महिलाओं की आवाज बंद कर उन्हें न्याय दिला सकती हैं.
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प्राधिकरण के सचिव देवेंद्र सिंह भाटी ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य न केवल महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूक करना है. बल्कि उनके अधिकारों कि प्राप्ति के लिए इस मंच के समक्ष कार्रवाई करनी है. resource person गोपाल पंड्या व अधिवक्ता अनुसुइया व्यास ने महिलाओं से संबंधित विभिन्न कानून यथा भरण-पोषण घरेलू हिंसा और दहेज प्रतिषेध अधिनियम पोक्सो एक्ट आदि के बारे में विस्तार से बताया.
साथ ही सचिव देवेंद्र सिंह भाटी ने बताया कि महिला व बाल विकास विभाग से उर्मिला पंड्या और नमिता कुलश्रेष्ठ ने महिलाओं से संबंधित विभिन्न विषयों पर कानूनी जानकारी प्रदान की.वहीं आश्रय सेवा संस्थान के सचिव नरोत्तम पंड्या ने बेसहारा व पीड़ित नाबालिक बालिकाओं के संरक्षण के संबंध में कानूनी प्रक्रिया व बालिका गृह की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डाला. साथ ही कार्यक्रम का संचालन गोपाल पंड्या ने किया.