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बांसवाड़ा. स्थानीय स्वयं सहायता समूह से पोषाहार वितरण का काम छीनने पर महिलाओं का प्रदर्शन - demonstrated in banswara

जिले के ब्लॉक स्तर पर एक ही स्वयं सहायता समूह को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण का ठेका दिए जाने पर अन्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने विरोध किया. महिलाओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जमकर नारेबाजी की.

Protests in Banswara, बांसवाड़ा न्यूज
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Published : Sep 24, 2019, 6:29 PM IST

बांसवाड़ा. जिले के ब्लॉक स्तर पर एक ही स्वयं सहायता समूह को आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण का ठेका दिए जाने पर अन्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने विरोध किया. मंगलवार दोपहर बड़ी संख्या में महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की.

पढ़ें- उपचुनाव के जरिए जनता बताएगी कि वह सरकार के काम से संतुष्ट है या नहीं: सचिन पायलट

महिलाएं जिला कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्या बताने जा रही थी. लेकिन कलेक्टर के लंच पर जाने के कारण महिलाओं ने एसडीएम को पूरे मामले से अवगत कराते हुए उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया.

महिला बाल विकास विभाग द्वारा 31 मई 2018 को एक आदेश जारी कर नियमों के विपरीत तलवाड़ा परियोजना क्षेत्र में कार्यरत स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूह से आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण का काम छीनकर जिले से बाहर के शीतला माता स्वयं सहायता समूह को ठेका दे दिया. जबकि विभागीय योजना के अंतर्गत स्थानीय समूह के माध्यम से पोषाहार बनवा कर सप्लाई करवाने के लिए ट्रेनिंग दिलवाई गई थी. परियोजना क्षेत्र में विभाग द्वारा 279 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया था.

स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने किया प्रदर्शन

बांसवाड़ा तक आंच

विभाग द्वारा परियोजना परिसीमन के तहत तलवाड़ा क्षेत्र के 175 आंगनवाड़ी केंद्र बांसवाड़ा शहर परियोजना में ट्रांसफर किए गए. हैरत की बात यह है कि बांसवाड़ा परियोजना में शामिल किए गए उन केंद्रों पर पोषाहार वितरण की जिम्मेदारी शीतला माता स्वयं सहायता समूह को दे दी गई. इसके अलावा छोटी सरवन परियोजना क्षेत्र में भी इसी स्वयं सहायता समूह के जरिए पोषाहार वितरण करवाया जा रहा है. जबकि महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से पोषाहार वितरण का काम स्थानीय स्वयं सहायता समूह के जरिए करवाए जाने का आदेश था.

करीब 2000 महिलाएं बेरोजगार

विभाग द्वारा एक ही स्वयं सहायता समूह को पोषाहार का ठेका दिए जाने से इन क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार बनाने और उन्हें बांटने का काम कर रही करीब 2000 महिलाएं बेरोजगार हो गई. शीतला माता समूह को काम देने के बाद महिलाएं जिला प्रशासन तक अपनी गुहार लगा चुकी हैं. लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो पाई.

मंत्री ममता भूपेश भी चौंकी

18 सितंबर को महिलाएं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश बांसवाड़ा पहुंची और यहां अपने विभाग से संबंधित अधिकारियों की बैठक ली. इससे पूर्व मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान पोषाहार का ठेका शीतला माता स्वयं सहायता समूह को दिए जाने के सवाल पर मंत्री ममता भूपेश भी चौंक गईं. उन्होंने इस मामले में जयपुर पहुंचकर जानकारी लिए जाने की बात कही थी. साथ ही किसी प्रकार की गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई का भी आश्वासन दिया था.

बांसवाड़ा. जिले के ब्लॉक स्तर पर एक ही स्वयं सहायता समूह को आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण का ठेका दिए जाने पर अन्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने विरोध किया. मंगलवार दोपहर बड़ी संख्या में महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की.

पढ़ें- उपचुनाव के जरिए जनता बताएगी कि वह सरकार के काम से संतुष्ट है या नहीं: सचिन पायलट

महिलाएं जिला कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्या बताने जा रही थी. लेकिन कलेक्टर के लंच पर जाने के कारण महिलाओं ने एसडीएम को पूरे मामले से अवगत कराते हुए उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया.

महिला बाल विकास विभाग द्वारा 31 मई 2018 को एक आदेश जारी कर नियमों के विपरीत तलवाड़ा परियोजना क्षेत्र में कार्यरत स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूह से आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण का काम छीनकर जिले से बाहर के शीतला माता स्वयं सहायता समूह को ठेका दे दिया. जबकि विभागीय योजना के अंतर्गत स्थानीय समूह के माध्यम से पोषाहार बनवा कर सप्लाई करवाने के लिए ट्रेनिंग दिलवाई गई थी. परियोजना क्षेत्र में विभाग द्वारा 279 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया था.

स्थानीय स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने किया प्रदर्शन

बांसवाड़ा तक आंच

विभाग द्वारा परियोजना परिसीमन के तहत तलवाड़ा क्षेत्र के 175 आंगनवाड़ी केंद्र बांसवाड़ा शहर परियोजना में ट्रांसफर किए गए. हैरत की बात यह है कि बांसवाड़ा परियोजना में शामिल किए गए उन केंद्रों पर पोषाहार वितरण की जिम्मेदारी शीतला माता स्वयं सहायता समूह को दे दी गई. इसके अलावा छोटी सरवन परियोजना क्षेत्र में भी इसी स्वयं सहायता समूह के जरिए पोषाहार वितरण करवाया जा रहा है. जबकि महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से पोषाहार वितरण का काम स्थानीय स्वयं सहायता समूह के जरिए करवाए जाने का आदेश था.

करीब 2000 महिलाएं बेरोजगार

विभाग द्वारा एक ही स्वयं सहायता समूह को पोषाहार का ठेका दिए जाने से इन क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार बनाने और उन्हें बांटने का काम कर रही करीब 2000 महिलाएं बेरोजगार हो गई. शीतला माता समूह को काम देने के बाद महिलाएं जिला प्रशासन तक अपनी गुहार लगा चुकी हैं. लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो पाई.

मंत्री ममता भूपेश भी चौंकी

18 सितंबर को महिलाएं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश बांसवाड़ा पहुंची और यहां अपने विभाग से संबंधित अधिकारियों की बैठक ली. इससे पूर्व मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान पोषाहार का ठेका शीतला माता स्वयं सहायता समूह को दिए जाने के सवाल पर मंत्री ममता भूपेश भी चौंक गईं. उन्होंने इस मामले में जयपुर पहुंचकर जानकारी लिए जाने की बात कही थी. साथ ही किसी प्रकार की गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई का भी आश्वासन दिया था.

Intro:बांसवाड़ाl जिले के कुल ब्लॉकों में एक ही स्वयं सहायता समूह को आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण का ठेका दिए जाने के खिलाफ अन्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं में आक्रोश छा गयाl बड़ी संख्या में महिलाएं आज दोपहर में कलेक्ट्रेट पहुंची और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए नारेबाजी कर जमकर प्रदर्शन कियाl


Body:दोपहर में अचानक सैकड़ों महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंच गईl महिलाएं जिला कलेक्टर से मिलने के लिए फर्स्ट फ्लोर पर जाने लगी लेकिन जिला कलेक्टर के लंच पर जाने की सूचना के बाद खुफिया विभाग के अधिकारियों ने उन्हें एसडीएम पर्वत सिंह के पास भेजाl महिलाओं ने एसडीएम को पूरे मामले से अवगत कराते हुए उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दियाl

एक समूह का प्रदेश में यह पहला मामला
महिला बाल विकास विभाग द्वारा 31 मई 2018 को एक आदेश जारी कर नियमों के विपरीत तलवाड़ा परियोजना क्षेत्र में कार्यरत स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूह से आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण का काम छीन लिया और जिले से बाहर के शीतला माता स्वयं सहायता समूह को ठेका दे दिया जबकि विभागीय योजना के अंतर्गत स्थानीय समूह के माध्यम से पोषाहार बनवा कर सप्लाई करवाने के लिए बकायदा ट्रेनिंग दिलवाई गई थीl परियोजना क्षेत्र में विभाग द्वारा 279 स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया थाl

बांसवाड़ा तक आंच

विभाग द्वारा परियोजना परिसीमन के तहत तलवाड़ा क्षेत्र के 175 आंगनवाड़ी केंद्र बांसवाड़ा शहर परियोजना में ट्रांसफर किए गएl हैरत की बात यह है कि बांसवाड़ा परियोजना में शामिल किए गए उन केंद्रों पर पोषाहार वितरण की जिम्मेदारी शीतला माता स्वयं सहायता समूह को दे दी गईl इसके अलावा छोटी सरवन परियोजना क्षेत्र में भी इसी स्वयं सहायता समूह के जरिए पोषाहार वितरण करवाया जा रहा है जबकि महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य से पोषाहार वितरण का काम स्थानीय स्वयं सहायता समूह के जरिए करवाए जाने का आदेश थाl



Conclusion:करीब 2000 महिलाएं बेरोजगार

विभाग द्वारा एक ही स्वयं सहायता समूह को पोषाहार का ठेका दिए जाने से इन क्षेत्रों में आंगनवाड़ी केंद्रों पर पोषाहार बनाने और उन्हें बांटने का काम कर रही करीब 2000 महिलाएं बेरोजगार हो गईl जब से शीतला माता समूह को काम दिया गया है यह महिलाएं जिला प्रशासन तक अपनी गुहार लगा चुकी है लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हो पाईl

मंत्री ममता भूपेश भी चौंकी

18 सितंबर को महिलाएं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश बांसवाड़ा पहुंची और यहां अपने विभाग से संबंधित अधिकारियों की बैठक लीl इससे पूर्व मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान पोषाहार का ठेका शीतला माता स्वयं सहायता समूह को दिए जाने के सवाल पर मंत्री ममता भूपेश भी चौंक गईl उन्होंने इस मामले में जयपुर पहुंचकर जानकारी लिए जाने की बात कही थीl साथ ही किसी प्रकार की गड़बड़ी पर सख्त कार्रवाई का भी आश्वासन दियाl इस मामले को लेकर प्रदर्शनकारी महिलाओं का नेतृत्व कर रही राधाबाई ने बताया कि विभाग के इस आदेश से क्षेत्र में करीब 2000 महिलाएं बेरोजगार हो गई है और विभागीय अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हैंl

बाइट.... राधाबाई अध्यक्ष स्वयं सहायता समूह तलवाड़ा

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