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कृषि और पशुपालन में स्वरोजगार की व्यापक संभावनाएं, विशेषज्ञों ने दिए टिप्स

बांसवाड़ा में गैर सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों और सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक की ओर से एक होटल में रखा गया. जिसमें विषय विशेषज्ञों ने कृषि और पशुपालन क्षेत्र में रोजगार के अवसर तलाशे जाने की आवश्यकता जताई.

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गैर सरकारी संस्थाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
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Published : Mar 17, 2020, 4:49 PM IST

बांसवाड़ा. राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से मंगलवार को एक होटल में गैर सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों और सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया. इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों ने कृषि और पशुपालन क्षेत्र में रोजगार के अवसर तलाशे जाने की आवश्यकता जताई. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कृषि अनुसंधान केंद्र बोरवट के जोनल डायरेक्टर डॉ. पीके रोकड़िया रहे.

गैर सरकारी संस्थाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

डॉ. पीके रोकड़िया ने कृषि के लिहाज से बांसवाड़ा की जमीन और जलवायु को बेहतर बताते हुए कहा कि पानी की प्रचुरता से यहां बड़े पैमाने पर मक्का और गेहूं की खेती की जा रही है. उन्नत किस्म के बीज और वैज्ञानिक तरीके से खेती कर किसान अपनी इनकम को और भी अधिक बढ़ा सकते हैं. केंद्र द्वारा समय-समय पर काश्तकारों के लिए प्रशिक्षण शिविर भी लगाए जाते हैं. जिनका किसानों को फायदा उठाना चाहिए.

बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के एसडी गोयल ने संस्थान द्वारा महिलाओं के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण वर्ग की जानकारी देते हुए कहा कि प्रशिक्षण के बाद संबंधित क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने के लिए संस्थान बैंक से ऋण की व्यवस्था भी करता है. महिलाएं ग्रुप बनाकर अपनी इच्छा के अनुसार आवासीय प्रशिक्षण ले सकती हैं.

यह भी पढ़ें : बेटी की मौत के बाद कलेजे पर पत्थर रखकर मां ने लगाई दुकान, पहले बेचे खिलौने फिर दी मासूम को अंतिम विदाई

मंच पर रिलायंस फाउंडेशन के जितेंद्र चौधरी सहित कृषि और रोजगार के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संस्थानों के पदाधिकारी मौजूद रहे. प्रारंभ में नाबार्ड के जिला प्रबंधक सुभाष जैन ने प्रशिक्षण शिविर के उद्देश्यों के बारे में जानकारी देते हुए आशा जताई कि यह शिविर बेरोजगारों और किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा.

गोपाल लाल ने आगंतुकों का आभार जताते हुए कृषि के जरिए गांव के विकास के मामले में छींच गांव का उदाहरण दिया. जहां पर 20 साल पहले लोगों के पास साइकिल नहीं थी, लेकिन आज उन्नत कृषि की बदौलत घर घर में चार पहिया वाहन और 200 से अधिक ट्रैक्टर होने की बात कही.

बांसवाड़ा. राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की ओर से मंगलवार को एक होटल में गैर सरकारी संस्थाओं के पदाधिकारियों और सदस्यों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम रखा गया. इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञों ने कृषि और पशुपालन क्षेत्र में रोजगार के अवसर तलाशे जाने की आवश्यकता जताई. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कृषि अनुसंधान केंद्र बोरवट के जोनल डायरेक्टर डॉ. पीके रोकड़िया रहे.

गैर सरकारी संस्थाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

डॉ. पीके रोकड़िया ने कृषि के लिहाज से बांसवाड़ा की जमीन और जलवायु को बेहतर बताते हुए कहा कि पानी की प्रचुरता से यहां बड़े पैमाने पर मक्का और गेहूं की खेती की जा रही है. उन्नत किस्म के बीज और वैज्ञानिक तरीके से खेती कर किसान अपनी इनकम को और भी अधिक बढ़ा सकते हैं. केंद्र द्वारा समय-समय पर काश्तकारों के लिए प्रशिक्षण शिविर भी लगाए जाते हैं. जिनका किसानों को फायदा उठाना चाहिए.

बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के एसडी गोयल ने संस्थान द्वारा महिलाओं के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण वर्ग की जानकारी देते हुए कहा कि प्रशिक्षण के बाद संबंधित क्षेत्र में रोजगार मुहैया कराने के लिए संस्थान बैंक से ऋण की व्यवस्था भी करता है. महिलाएं ग्रुप बनाकर अपनी इच्छा के अनुसार आवासीय प्रशिक्षण ले सकती हैं.

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मंच पर रिलायंस फाउंडेशन के जितेंद्र चौधरी सहित कृषि और रोजगार के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संस्थानों के पदाधिकारी मौजूद रहे. प्रारंभ में नाबार्ड के जिला प्रबंधक सुभाष जैन ने प्रशिक्षण शिविर के उद्देश्यों के बारे में जानकारी देते हुए आशा जताई कि यह शिविर बेरोजगारों और किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगा.

गोपाल लाल ने आगंतुकों का आभार जताते हुए कृषि के जरिए गांव के विकास के मामले में छींच गांव का उदाहरण दिया. जहां पर 20 साल पहले लोगों के पास साइकिल नहीं थी, लेकिन आज उन्नत कृषि की बदौलत घर घर में चार पहिया वाहन और 200 से अधिक ट्रैक्टर होने की बात कही.

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