बांसवाड़ा. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ एक दिवसीय दौरे पर शनिवार को बांसवाड़ा पहुंचे, जहां उन्होंने गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के छात्र संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा, ''आज विश्व में भारत पांचवीं अर्थव्यवस्था बन गया है. कोई यकीन नहीं कर सकता कि जो लोग बरसों तक हम पर राज किए आज उनसे हमारी अर्थव्यवस्था कहीं बेहतर है.'' आगे उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ''कुछ पढ़े लिखे लोग अर्थव्यवस्था के बारे में पब्लिक डोमेन में गलत जानकारी देते हैं. इससे दुखद भला और क्या हो सकता है.''
आज देश की राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला है : कोई यकीन नहीं कर सकता : छात्र संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा,''मैं 1989 में एमपी बना. जहाज में भर के देश का सोना स्विट्जरलैंड ले जाया गया और वहां गिरवी रख दिया. आज वही देश, विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. कोई यकीन नहीं कर सकता, लेकिन हमने इसे करके दिखाया है. 40 करोड़ लोगों के बैंक में खाता खोले गए हैं, जिन्होंने हम पर राज किया आज उनकी अर्थव्यवस्था से भी हम आगे निकल गए हैं. देश ने 24 जुलाई, 2022 को आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया. आज देश के प्रधानमंत्री आदिवासी महिला के सम्मान में खड़े होते हैं. वो एक किसान के बेटे के सम्मान में खड़े होते हैं. आदिवासी समुदाय के लिए और संविधान निर्माता के लिए इससे ज्यादा सुकून की बात और क्या हो सकती कि आदिवासी महिला आज देश की राष्ट्रपति है.''
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नए कानून में एससी-एसटी महिलाओं को भी आरक्षण : उन्होंने कहा, ''नए कानून को लेकर हंगामा मचा हुआ है. मैं बता देना चाहता हूं कि एससी-एसटी की महिलाओं को इसी कानून में रिजर्वेशन मिलेगा. सरकार प्रतिबद्ध है. आधी आबादी के लिए और उन्हें वही सम्मान मिलेगा, जिसकी वो हकदार हैं.'' आगे उन्होंने कहा, ''हर दिन अपने आप को टेक्नोलॉजी के साथ रखिए और आधा घंटा समय दीजिए. निश्चित रूप से आपको फायदा होगा. आज हमारे काम करने और सोचने का ढंग बदल गया है. हमने नेशनल स्पेस डे मनाया, क्योंकि हम चांद पर उतरे. मैं कई बार इसरो के अध्यक्ष से बात करता हूं और वो बताते हैं कि यूके, यूएस व अन्य देश के सैटेलाइट अंतरिक्ष में इसरो छोड़ने जा रहा है.''
पढ़े-लिखे लोग गलत जानकारी देते हैं : उपराष्ट्रपति धनखड़ ने बिना किसी का नाम लिए कहा, ''जब हम देश की अर्थव्यवस्था के बारे में बात करते हैं और कुछ पढ़े लिखे लोग आम जनता के बीच गलत जानकारी देते हैं तो बहुत दुख होता है. मन कुंठित होता है. खुली आंख से अर्थव्यवस्था को समझने वाला लोगों को गलत जानकारी देता है. ऐसा नहीं होना चाहिए. देश में हमारी पांचवें नंबर की अर्थव्यवस्था यूं ही नहीं बन गई है. इसके लिए बहुत कुछ करना पड़ता है.''
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यूनिवर्सिटी के छात्रों को दिल्ली बुलाया : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ''मैं यहां के छात्रों के बैच को दिल्ली आमंत्रित करता हूं. आप आइए आपको संसद की विजिट करवाता हूं. आपको आना और जाना चाहिए. बाकी सारी व्यवस्थाएं मेरे ऑफिस के अधिकारी देख लेंगे. मैं यहां के छात्रों को राष्ट्रपति भवन लेकर जाऊंगा. वहां आपको दिखाऊंगा कि क्या बदलाव होता है और कैसे बदलाव आया है.''