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डूंगरपुर हिंसा पर सामाजिक न्याय मंत्री यादव का तंज, कहा- ऐसे लोग क्या बच्चों को हिंसा का पाठ पढ़ाएंगे?

डूंगरपुर और बांसवाड़ा के जिला प्रभारी मंत्री राजेंद्र सिंह यादव बांसवाड़ा के दो दिवसीय दौरे के बाद शनिवार सुबह जयपुर रवाना हो गए. जयपुर रवानगी से पहले ईटीवी भारत ने प्रभारी मंत्री यादव से खास बातचीत की.

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डूंगरपुर हिंसा पर सामाजिक न्याय मंत्री यादव का तंज
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Published : Sep 26, 2020, 7:19 PM IST

बांसवाड़ा. डूंगरपुर और बांसवाड़ा के जिला प्रभारी मंत्री राजेंद्र सिंह यादव बांसवाड़ा के दो दिवसीय दौरे के बाद शनिवार सुबह जयपुर रवाना हो गए. हालांकि, उनका सुबह 11:00 बजे जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक का भी कार्यक्रम था. लेकिन सीएमओ में होने वाली आवश्यक बैठक के चलते बीच में ही उन्हें बुला लिया गया. जयपुर रवानगी से पहले ईटीवी भारत ने प्रभारी मंत्री यादव से खास बातचीत की.

डूंगरपुर हिंसा पर सामाजिक न्याय मंत्री यादव का तंज

दरअसल, शिक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों को लेकर डूंगरपुर के साथ-साथ आसपास के इलाके भी हिंसा की आग में झुलस रहे हैं. इस मामले में सरकारी स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के सवाल पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर बड़ी ही संवेदनशील है और खुद मुख्यमंत्री ने इस मामले को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया था.

यादव ने कहा कि 24 सितंबर को कमेटी की मीटिंग होने वाली थी. लेकिन एक सदस्य के कोरोना पॉजिटिव आने से मीटिंग को निरस्त करना पड़ गया. इसी का कुछ लोगों ने फायदा उठाया और बच्चों को उकसा दिया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. खुद मुख्यमंत्री और सरकार चाहती है कि बच्चों की नौकरी लगे और वे आगे बढ़े. लेकिन कानूनी अड़चनों को दूर करना भी आवश्यक है.

मुख्यमंत्री सभी वर्गों को साथ लेकर इस मामले का समाधान करना चाहते हैं. कोरोना संक्रमण काल में भी हमने 25 हजार लोगों को नौकरियां दी है. जबकि यह तो केवल 1100 पदों का मामला है. उन्होंने कहा कि हिंसा किसी भी मामले का हल नहीं है. हिंसा के रास्ते पर गए लोगों को शांति के पथ पर लौटना होगा, उन्हें धैर्य से काम लेना चाहिए. हम इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान तलाश रहे हैं.

पढ़ें- उदयपुर-डूंगरपुर हाईवे पर उग्र प्रदर्शनकारी और पुलिस आमने-सामने

'बीटीपी सरकार के साथ है जबकि वह इन अभ्यर्थियों की मांग का भी खुले में समर्थन कर रही है?' इस सवाल पर प्रभारी मंत्री ने माना कि उसमें कुछ असामाजिक तत्व है, जो इस आदिवासी अंचल का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं. कुछ स्थानों पर आगजनी की घटनाएं भी हुई है. यह किसी भी विवाद का हल नहीं हो सकता. उन्होंने तंज कसा कि नौकरियों में जाकर ऐसे लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है? क्या वे बच्चों को हिंसा का पाठ पढ़ाएंगे? युवाओं को धैर्य रखकर इस प्रकार की घटनाओं से खुद को दूर रखना चाहिए.

आदिवासी संस्कृति का हवाला देते हुए प्रदेश के मोटर गैराज मंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज ने देश की आजादी की लड़ाई में भी अहम भूमिका निभाई है और हमेशा से सहयोग की भावना रखी है. निश्चित ही इसकी आड़ में किसी ने उन्हें भड़काया है. उन्हें शांति का रास्ता अपनाकर मुख्यधारा में लौटना होगा.

प्रदेश में कुछ स्थानों पर अल्प और खंड वर्षा के सवाल पर उन्होंने कहा कि वैसे तो प्रदेश में कई स्थानों पर अच्छी बारिश हुई है और कुछ एक स्थानों पर औसत से कुछ कम बारिश होने की बात सामने आई है. हम लगातार मौसम विभाग के संपर्क में है और जरूरत के अनुसार आगे की प्लानिंग तैयार की जाएगी.

बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे बजट आता है. संबंधित बच्चों के खाते में राशि ट्रांसफर की जा रही है. कोरोना के कारण राजस्व कलेक्शन कम होने के अलावा सचिवालय में आए दिन किशन किसी के पॉजिटिव आने से भी कामकाज प्रभावित हो रहा है. फिर भी बच्चों को जल्द से जल्द छात्रवृत्ति का भुगतान करवाने का प्रयास किया जाएगा.

बांसवाड़ा. डूंगरपुर और बांसवाड़ा के जिला प्रभारी मंत्री राजेंद्र सिंह यादव बांसवाड़ा के दो दिवसीय दौरे के बाद शनिवार सुबह जयपुर रवाना हो गए. हालांकि, उनका सुबह 11:00 बजे जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक का भी कार्यक्रम था. लेकिन सीएमओ में होने वाली आवश्यक बैठक के चलते बीच में ही उन्हें बुला लिया गया. जयपुर रवानगी से पहले ईटीवी भारत ने प्रभारी मंत्री यादव से खास बातचीत की.

डूंगरपुर हिंसा पर सामाजिक न्याय मंत्री यादव का तंज

दरअसल, शिक्षक भर्ती 2018 के रिक्त पदों को लेकर डूंगरपुर के साथ-साथ आसपास के इलाके भी हिंसा की आग में झुलस रहे हैं. इस मामले में सरकारी स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के सवाल पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर बड़ी ही संवेदनशील है और खुद मुख्यमंत्री ने इस मामले को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया था.

यादव ने कहा कि 24 सितंबर को कमेटी की मीटिंग होने वाली थी. लेकिन एक सदस्य के कोरोना पॉजिटिव आने से मीटिंग को निरस्त करना पड़ गया. इसी का कुछ लोगों ने फायदा उठाया और बच्चों को उकसा दिया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. खुद मुख्यमंत्री और सरकार चाहती है कि बच्चों की नौकरी लगे और वे आगे बढ़े. लेकिन कानूनी अड़चनों को दूर करना भी आवश्यक है.

मुख्यमंत्री सभी वर्गों को साथ लेकर इस मामले का समाधान करना चाहते हैं. कोरोना संक्रमण काल में भी हमने 25 हजार लोगों को नौकरियां दी है. जबकि यह तो केवल 1100 पदों का मामला है. उन्होंने कहा कि हिंसा किसी भी मामले का हल नहीं है. हिंसा के रास्ते पर गए लोगों को शांति के पथ पर लौटना होगा, उन्हें धैर्य से काम लेना चाहिए. हम इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान तलाश रहे हैं.

पढ़ें- उदयपुर-डूंगरपुर हाईवे पर उग्र प्रदर्शनकारी और पुलिस आमने-सामने

'बीटीपी सरकार के साथ है जबकि वह इन अभ्यर्थियों की मांग का भी खुले में समर्थन कर रही है?' इस सवाल पर प्रभारी मंत्री ने माना कि उसमें कुछ असामाजिक तत्व है, जो इस आदिवासी अंचल का माहौल बिगाड़ना चाहते हैं. कुछ स्थानों पर आगजनी की घटनाएं भी हुई है. यह किसी भी विवाद का हल नहीं हो सकता. उन्होंने तंज कसा कि नौकरियों में जाकर ऐसे लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है? क्या वे बच्चों को हिंसा का पाठ पढ़ाएंगे? युवाओं को धैर्य रखकर इस प्रकार की घटनाओं से खुद को दूर रखना चाहिए.

आदिवासी संस्कृति का हवाला देते हुए प्रदेश के मोटर गैराज मंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज ने देश की आजादी की लड़ाई में भी अहम भूमिका निभाई है और हमेशा से सहयोग की भावना रखी है. निश्चित ही इसकी आड़ में किसी ने उन्हें भड़काया है. उन्हें शांति का रास्ता अपनाकर मुख्यधारा में लौटना होगा.

प्रदेश में कुछ स्थानों पर अल्प और खंड वर्षा के सवाल पर उन्होंने कहा कि वैसे तो प्रदेश में कई स्थानों पर अच्छी बारिश हुई है और कुछ एक स्थानों पर औसत से कुछ कम बारिश होने की बात सामने आई है. हम लगातार मौसम विभाग के संपर्क में है और जरूरत के अनुसार आगे की प्लानिंग तैयार की जाएगी.

बड़ी संख्या में छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे बजट आता है. संबंधित बच्चों के खाते में राशि ट्रांसफर की जा रही है. कोरोना के कारण राजस्व कलेक्शन कम होने के अलावा सचिवालय में आए दिन किशन किसी के पॉजिटिव आने से भी कामकाज प्रभावित हो रहा है. फिर भी बच्चों को जल्द से जल्द छात्रवृत्ति का भुगतान करवाने का प्रयास किया जाएगा.

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