घाटोल (बांसवाड़ा). जिले के घाटोल उपखण्ड के मुडासेल में शनिवार को मछली पकड़ने गया अधेड़ माही नदी के टापू पर फंस गया. जिसे एसडीआरएफ की टीम ने 3 घंटे की कड़ी मशकत के बाद रेस्क्यू कर टापू से बाहर निकाला. दरअसल, खमेर ठान क्षेत्र के मुडासेल में आकरिया निवासी बदिया पुत्र कानजी माही नदी पर शनिवार सुबह मछली पकड़ने गया था.
जहां नदी की चट्टान पर बैठ कर बदिया मछली पकड़ रहा था. इसी दौरान माही डैम के गेट खोलने से नदी का जल स्तर देखते ही देखते बढ़ गया. जहां बदिया कुछ समझ पाता इससे पहले ही माही नदी का पानी चारो ओर फैल गया और बदीया टापू पर फंस गया. वहीं जब परिजनों को इसकी जानकारी मिली तो परिजन तुरंत कानडा सरपंच के पास पहुंचे और खमेरा थाना पुलिस से मदद मांगी. सूचना पर खमेरा थाना सीआई देवीलाल जाप्ता के साथ मौके पर पहुंचे और अपनी टीम के साथ बचाव कार्य शुरु किया. लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी तो जिला कलेक्टर से मदद मांगी गई.
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जिस पर जिला कलेक्टर ने तत्काल प्रभाव से एसडीआरएफ की टीम और बांसवाडा एसपी केसर सिंह को मौके पर भेजा. जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने ने बचाव कार्य शुरू किया. जिसमें करीब तीन घंटे की कड़ी मशकत के बाद एसडीआरएफ की टीम ने अपनी जान जोखिम में डाल कर नांव की सहायता से पानी में फसे बदिया को रेस्क्यू कर बाहर निकला.
जिसके बाद टीम बदिया को खमेरा थाना ले आई जहां बदिया का मेडिकल करवाकर कानडा सरपंच कांजी भाई को सुपुर्द कर दिया. वहीं बदिया ने पुलिस प्रशासन का आभार जताते हुए कहा की पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मेरे लिए भगवान बनकर आई और मुझे बचा लिया. बदिया ने बताया कि मैने जीने की उम्मीद ही खो दी थी.
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वहीं बदिया को रेस्क्यू करने पहुंची एसडीआरएफ की टीम को देख बदिया के चेहरे पर जिंदगी की जंग जितने की रोनक आ गई. जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम को देख बदिया टापू से दौड़ता हुआ टीम की ओर आया और नाव में बैठ गया. वहीं जब अधेड़ के टापू पर फंसे होने की सूचना पूर्व संसदीय सचिव नानालाल निनामा को मिली तो उन्होंने सचिवालय फोन कर वायु सेना की मदद मांगी. लेकिन मौसम खराब होने के चलते वायु सेना की मदद नही मिल पाई. जिसके बाद बांसवाडा जिला कलेक्टर ने एसडीआरएफ की टीम भेजी.