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गौशाला अधिनियम संशोधन गौ संरक्षण के लिए घातक, संत समाज ने पकड़ी विरोध की राह

गौ संरक्षण और संवर्धन अधिनियम 2016 में किए गए संशोधन को लेकर संत समाज पिछले कई दिनों से आंदोलन की राह पर हैं. ऐसे में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद राजस्थान के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने भारत माता मंदिर प्रांगण में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अधिनियम के नुकसान और इस संबंध में चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी दी.

गौ संरक्षण और संवर्धन अधिनियम 2016, Cow Protection and Promotion Act 2016
आंदोलन की राह पर संत समाज
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Published : Sep 26, 2020, 7:42 PM IST

बांसवाड़ा. राज्य सरकार द्वारा गौ संरक्षण और संवर्धन अधिनियम 2016 में किए गए संशोधन को लेकर संत समाज आंदोलन की राह पर है. संतों के सानिध्य में गौशाला मंडल और गौ भक्त सरकार के नाम लगातार ज्ञापन के जरिए बतौर आंदोलन चला रहे हैं. अपने इस आंदोलन के दूसरे चरण में अब जनप्रतिनिधियों के जरिए विश्व हिंदू परिषद ने सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने का अभियान हाथ में लिया है. बांसवाड़ा में गढ़ी विधायक कैलाश मीणा के जरिए इसकी शुरुआत की गई.

आंदोलन की राह पर संत समाज

विश्व हिंदू परिषद राजस्थान के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने शनिवार को भारत माता मंदिर प्रांगण में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अधिनियम के नुकसान और इस संबंध में चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राजस्थान स्टांप अधिनियम 1988 की धारा 36 के अधीन संग्रहित अधिकार से प्राप्त राशि का गौ माता और उसकी नस्ल के संरक्षण और संवर्धन के उपयोग में लिया जा रहा था, लेकिन अधिनियम में संशोधन करते हुए आपदा को भी जोड़ दिया गया है. जिससे गौशालाओं तक अनुदान पहुंचना मुश्किल हो सकता है.

पढ़ेंः जोधपुर में फिर से वीकेंड लॉकडाउन, शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक व्यवस्था लागू

ऐसे में हमारी मांग है कि इस संशोधन को निरस्त कर 10 प्रतिशत राशि पूर्ववत गौ संरक्षण के लिए ही रखी जाए. इसके साथ ही संगठन अनुदान राशि के दिनों की संख्या बढ़ाने, अनुदान के लिए 2 साल के पंजीकरण और 200 गोवंश की बाध्यता खत्म करने और गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना चाहता है.

संशोधित अधिनियम को निरस्त कराने के लिए प्रदेश स्तर पर संतो के संरक्षण में गोवंश संरक्षण संघर्ष समिति का गठन किया गया है. उपाध्याय के अनुसार समिति के बैनर तले तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक सरकार के नाम ज्ञापन दिया जा रहे हैं. सांकेतिक धरना भी दिया गया.

अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों के जरिए इस मांग को सरकार तक पहुंचाने का काम शुरू किया गया है. परिषद के क्षेत्रीय मंत्री ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में समाज के लोगों का सहयोग लेने का निर्णय किया गया है. इसके लिए हिंदू समाज के प्रत्येक व्यक्ति से न्यूनतम 10 और प्रत्येक परिवार से सो रुपए का सहयोग जुटाने का लक्ष्य लिया गया है.

पढ़ेंः दौसाः पति ने पत्नी की हत्या कर जमीन में गाड़ा शव, पुलिस ने किया बरामद

सहयोग राशि जुटाने के लिए 15 जनवरी से 27 फरवरी तक देशभर में अभियान चलाया जाएगा. इस मौके पर रामस्वरूप महाराज, जिला अध्यक्ष महेश उपाध्याय, गौशाला प्रबंधक विनोद कुमार और भारत माता मंदिर न्यास के पंकज मालोत और सह मंत्री जयंत द्विवेदी भी मौजूद थे.

बांसवाड़ा. राज्य सरकार द्वारा गौ संरक्षण और संवर्धन अधिनियम 2016 में किए गए संशोधन को लेकर संत समाज आंदोलन की राह पर है. संतों के सानिध्य में गौशाला मंडल और गौ भक्त सरकार के नाम लगातार ज्ञापन के जरिए बतौर आंदोलन चला रहे हैं. अपने इस आंदोलन के दूसरे चरण में अब जनप्रतिनिधियों के जरिए विश्व हिंदू परिषद ने सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने का अभियान हाथ में लिया है. बांसवाड़ा में गढ़ी विधायक कैलाश मीणा के जरिए इसकी शुरुआत की गई.

आंदोलन की राह पर संत समाज

विश्व हिंदू परिषद राजस्थान के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने शनिवार को भारत माता मंदिर प्रांगण में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अधिनियम के नुकसान और इस संबंध में चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राजस्थान स्टांप अधिनियम 1988 की धारा 36 के अधीन संग्रहित अधिकार से प्राप्त राशि का गौ माता और उसकी नस्ल के संरक्षण और संवर्धन के उपयोग में लिया जा रहा था, लेकिन अधिनियम में संशोधन करते हुए आपदा को भी जोड़ दिया गया है. जिससे गौशालाओं तक अनुदान पहुंचना मुश्किल हो सकता है.

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ऐसे में हमारी मांग है कि इस संशोधन को निरस्त कर 10 प्रतिशत राशि पूर्ववत गौ संरक्षण के लिए ही रखी जाए. इसके साथ ही संगठन अनुदान राशि के दिनों की संख्या बढ़ाने, अनुदान के लिए 2 साल के पंजीकरण और 200 गोवंश की बाध्यता खत्म करने और गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना चाहता है.

संशोधित अधिनियम को निरस्त कराने के लिए प्रदेश स्तर पर संतो के संरक्षण में गोवंश संरक्षण संघर्ष समिति का गठन किया गया है. उपाध्याय के अनुसार समिति के बैनर तले तहसील से लेकर जिला मुख्यालय तक सरकार के नाम ज्ञापन दिया जा रहे हैं. सांकेतिक धरना भी दिया गया.

अब स्थानीय जनप्रतिनिधियों के जरिए इस मांग को सरकार तक पहुंचाने का काम शुरू किया गया है. परिषद के क्षेत्रीय मंत्री ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में समाज के लोगों का सहयोग लेने का निर्णय किया गया है. इसके लिए हिंदू समाज के प्रत्येक व्यक्ति से न्यूनतम 10 और प्रत्येक परिवार से सो रुपए का सहयोग जुटाने का लक्ष्य लिया गया है.

पढ़ेंः दौसाः पति ने पत्नी की हत्या कर जमीन में गाड़ा शव, पुलिस ने किया बरामद

सहयोग राशि जुटाने के लिए 15 जनवरी से 27 फरवरी तक देशभर में अभियान चलाया जाएगा. इस मौके पर रामस्वरूप महाराज, जिला अध्यक्ष महेश उपाध्याय, गौशाला प्रबंधक विनोद कुमार और भारत माता मंदिर न्यास के पंकज मालोत और सह मंत्री जयंत द्विवेदी भी मौजूद थे.

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